सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया, पोहियार शाखा में 115वाँ स्थापना दिवस गरिमामय वातावरण में संपन्न,देश के पहले पूर्णतः स्वदेशी बैंक की गौरवशाली विरासत का हुआ स्मरण,

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 सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया, पोहियार शाखा में 115वाँ स्थापना दिवस गरिमामय वातावरण में संपन्न


देश के पहले पूर्णतः स्वदेशी बैंक की गौरवशाली विरासत का हुआ स्मरण

पोहियार (वैशाली)।
देश के बैंकिंग इतिहास में अपनी विशिष्ट पहचान रखने वाले सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया के 115वें स्थापना दिवस के अवसर पर आज पोहियार शाखा परिसर में एक गरिमामय एवं उत्साहपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बैंक अधिकारियों, कर्मचारियों एवं सामाजिक प्रतिनिधियों की उपस्थिति में केक काटकर स्थापना दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।




सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया, जिसकी स्थापना वर्ष 1911 में देश के महान स्वतंत्रता सेनानी एवं समाजसेवी सर सोराबजी पोचखानवाला द्वारा की गई थी, आज भी अपने मूल उद्देश्य—जनसेवा और राष्ट्र निर्माण—पर अडिग रहते हुए बैंकिंग क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।


शाखा परिसर में सादगी और सम्मान के साथ हुआ आयोजन

स्थापना दिवस के अवसर पर पोहियार शाखा को आकर्षक ढंग से सजाया गया था। कार्यक्रम की शुरुआत बैंक के संस्थापक सर सोराबजी पोचखानवाला जी के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि देने के साथ हुई। इसके बाद केक काटकर बैंक के गौरवशाली 115 वर्षों की यात्रा को स्मरण किया गया।

कार्यक्रम के दौरान पूरे परिसर में सकारात्मक ऊर्जा और गर्व का वातावरण देखने को मिला। बैंक कर्मियों के चेहरों पर अपने संस्थान से जुड़े होने की खुशी और सम्मान साफ झलक रहा था।


बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों की रही सक्रिय भागीदारी

इस गरिमामय कार्यक्रम में शाखा प्रबंधक रोहित कुमार के नेतृत्व में बैंक के सभी अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
मुख्य रूप से उपस्थित लोगों में—

  • सहायक प्रबंधक अंकित आनंद

  • सहायक प्रबंधक मनीष कुमार शर्मा

  • हेड कैशियर राजाराम शर्मा

  • देवरिषि कुमार

  • राहुल कुमार

  • पूजा कुमारी

  • रंधीर कुमार

  • मुरारी कुमार

  • एवं अन्य बैंक कर्मी शामिल थे।

सभी ने एकजुट होकर स्थापना दिवस को स्मरणीय बनाने में अपनी सहभागिता निभाई।


शाखा प्रबंधक ने बैंक की ऐतिहासिक भूमिका पर डाला प्रकाश

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाखा प्रबंधक रोहित कुमार ने कहा कि सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया केवल एक बैंक नहीं, बल्कि देश की आर्थिक आत्मनिर्भरता की नींव रखने वाला संस्थान है। उन्होंने बताया कि—

“115 वर्षों की यात्रा में सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने ग्रामीण से लेकर शहरी क्षेत्रों तक बैंकिंग सेवाओं का विस्तार कर आमजन को आर्थिक मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य किया है।”

उन्होंने आगे कहा कि डिजिटल बैंकिंग, जन-धन योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, मुद्रा लोन, स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय सहायता जैसी योजनाओं के माध्यम से बैंक आज भी जनसेवा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।


ग्रामीण और शहरी विकास में सेन्ट्रल बैंक की अहम भूमिका

वक्ताओं ने अपने संबोधन में कहा कि सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने विशेष रूप से ग्रामीण भारत में बैंकिंग सेवाओं की पहुंच बढ़ाकर आर्थिक सशक्तिकरण को गति दी है।
खेती-किसानी, लघु उद्योग, स्वरोजगार और महिला सशक्तिकरण से जुड़ी योजनाओं में बैंक की भागीदारी सराहनीय रही है।

पोहियार शाखा द्वारा क्षेत्र के किसानों, व्यापारियों, युवाओं और महिलाओं को विभिन्न बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे स्थानीय स्तर पर आर्थिक गतिविधियों को मजबूती मिली है।


सामाजिक कार्यकर्ता ने बैंक की सेवाओं की की सराहना

कार्यक्रम में उपस्थित सामाजिक कार्यकर्ता सकेश कुमार सिंह ने सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया की सेवाओं की प्रशंसा करते हुए कहा—

“सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया आमजन के विश्वास का प्रतीक है। यह बैंक न केवल वित्तीय सेवाएं प्रदान करता है, बल्कि समाज के हर वर्ग के विकास में सहभागी बनकर कार्य करता है।”

उन्होंने कहा कि आज के प्रतिस्पर्धी बैंकिंग युग में भी सेन्ट्रल बैंक अपनी विश्वसनीयता, पारदर्शिता और सेवा भावना के कारण लोगों के दिलों में विशेष स्थान बनाए हुए है।


भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार बैंक

कार्यक्रम के दौरान यह भी चर्चा की गई कि बदलते समय के साथ बैंक आधुनिक तकनीक, डिजिटल प्लेटफॉर्म और ग्राहक-अनुकूल सेवाओं को अपनाते हुए भविष्य की चुनौतियों के लिए पूरी तरह तैयार है।
डिजिटल ट्रांजैक्शन, मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग और साइबर सुरक्षा जैसे विषयों पर बैंक लगातार काम कर रहा है।


उज्ज्वल भविष्य की कामना के साथ कार्यक्रम का समापन

कार्यक्रम का समापन सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया के उज्ज्वल भविष्य, निरंतर प्रगति और जनसेवा के संकल्प के साथ किया गया। सभी उपस्थित लोगों ने बैंक के दीर्घायु होने और आने वाले वर्षों में और अधिक सफलता प्राप्त करने की कामना की।

115 वर्षों की इस ऐतिहासिक यात्रा ने यह सिद्ध कर दिया कि सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया न केवल अतीत की विरासत है, बल्कि भविष्य की मजबूत आधारशिला भी है।


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