हिंदी दिवस पर नवनियुक्त प्रधानाध्यापकों का भव्य सम्मान समारोह हाजीपुर में शिक्षा जगत का अनूठा आयोजन।

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 हिंदी दिवस पर नवनियुक्त प्रधानाध्यापकों का भव्य सम्मान समारोह

हाजीपुर में शिक्षा जगत का अनूठा आयोजन




हाजीपुर नगर स्थित आर डी एस पैलेस, रामशीष चौक रविवार को एक ऐतिहासिक पल का गवाह बना। हिंदी दिवस के शुभ अवसर पर जिले के नवनियुक्त प्रधानाध्यापकों के सम्मान में एक गरिमामयी समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जिले भर से आए शिक्षकों, पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की उपस्थिति ने इसे यादगार बना दिया।

समारोह में जिले के उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापकों को मेमोंटो, शॉल और उपहार देकर सम्मानित किया गया। शिक्षा जगत में इस तरह का सामूहिक सम्मान समारोह लंबे समय बाद देखने को मिला, जिसने न केवल शिक्षकों का मनोबल बढ़ाया बल्कि शिक्षा व्यवस्था की मजबूती का भी संदेश दिया।


अध्यक्षता और संचालन

कार्यक्रम की अध्यक्षता बीएसटीए के अध्यक्ष प्रशांत कुमार ने की। मंच का संचालन बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के राज्य कार्यसमिति सदस्य डॉ. रूपक कुमार ने किया। दोनों के कुशल नेतृत्व और संयोजन से पूरा कार्यक्रम अनुशासित और गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ।





दीप प्रज्वलन से हुआ शुभारंभ

समारोह का शुभारंभ पारंपरिक भारतीय रीति-रिवाज के अनुसार दीप प्रज्वलन से किया गया।
दीप प्रज्वलन करने वालों में शामिल रहे—

  • भूषण कुमार झा (तिरहुत शिक्षक क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी)

  • डॉ. अच्युतानंद सिंह (पूर्व विधायक एवं सिंडिकेट सदस्य)

  • आशुतोष कुमार दीपू (जिला परिषद अध्यक्ष)

दीप प्रज्वलन ने शिक्षा जगत में उज्ज्वल भविष्य की कामना और ज्ञान की ज्योति को प्रज्वलित करने का संदेश दिया।


विशिष्ट अतिथियों का सम्मान

आयोजक भूषण कुमार झा ने समारोह में आए मुख्य अतिथियों और विशिष्ट जनप्रतिनिधियों का अंग वस्त्र और शॉल देकर अभिनंदन किया।
सम्मानित अतिथियों में शामिल रहे—

  • पूर्व विधायक सह सिंडिकेट सदस्य डॉ. अच्युतानंद सिंह

  • वैशाली जिला परिषद अध्यक्ष आशुतोष कुमार दीपू

  • जिला परिषद सदस्य मनीष शुक्ला

  • पीटीईसी सोहरथा के प्राचार्य डॉ. सुरेश कुमार

  • वरिष्ठ शिक्षाविद उमेश कुमार


200 से अधिक प्रधानाध्यापकों को सम्मान

समारोह का मुख्य आकर्षण जिले के 200 से अधिक नवनियुक्त प्रधानाध्यापकों का सामूहिक सम्मान था। प्रत्येक प्रधानाध्यापक को शॉल, मोमेंटो, बैग, डायरी और कलम प्रदान की गई।

सम्मानित प्रधानाध्यापकों में प्रमुख नाम शामिल रहे—

  • प्रवीण कुमार

  • पंकज कुमार

  • नीरज कुमार

  • रमन कुमार

  • तारणंद सिंह

  • संतोष कुमार

  • राजेश कुमार

  • प्रह्लाद कुमार

  • संजय कुमार

  • अनिल कुमार

  • शालिनी सिंह

  • क्षमा रानी

  • आभा कुमारी

  • चंद्रकला कुमारी

  • अर्चना कुमारी

इसके अतिरिक्त सैकड़ों अन्य प्रधानाध्यापक और शिक्षक भी सम्मानित किए गए, जिससे पूरा वातावरण गौरव और उत्साह से भर उठा।


शिक्षकों के योगदान पर प्रकाश

डॉ. अच्युतानंद सिंह का संबोधन

पूर्व विधायक डॉ. अच्युतानंद सिंह ने अपने उद्बोधन में शिक्षकों की गरिमा और शिक्षा व्यवस्था के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा:

"शिक्षक समाज के मार्गदर्शक होते हैं। बिहार की गौरवशाली इतिहास में शिक्षा ने हमेशा एक केंद्रीय भूमिका निभाई है। नवनियुक्त प्रधानाध्यापक शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।"

डॉ. सुरेश कुमार का संदेश

ट्रेनिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुरेश कुमार ने सभी प्रधानाध्यापकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शिक्षक ईमानदारी और निष्ठा से अपने कर्तव्यों का पालन करें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शिक्षा केवल ज्ञान देना नहीं बल्कि चरित्र निर्माण की प्रक्रिया है।


आयोजक भूषण झा का आश्वासन

आयोजन समिति के प्रमुख भूषण कुमार झा ने शिक्षकों को हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा:

  • "किसी भी शिक्षक को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।"

  • "शिक्षकों को हर प्रकार से सहायता देने के लिए मैं सदैव उपलब्ध रहूंगा।"

  • "शिक्षक अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन करें और शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखें।"

उनका यह वक्तव्य उपस्थित सभी प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों के लिए विश्वास और प्रेरणा का स्रोत बना।


अन्य शिक्षकों का सम्मान

प्रधानाध्यापकों के अलावा कई अन्य शिक्षकों को भी इस अवसर पर सम्मानित किया गया। सम्मानित शिक्षकों में शामिल रहे:

  • जीतेन्द्र नाथ

  • सुभाष चंद्रा

  • कृष्णा यादव

  • शिवेश कुमार

  • चंद्रकांत प्रभात

  • नंद किशोर रजक

  • दीनबंधु राम

  • राजीव रजक

  • मुक्तिनाथ सिंह

  • प्रकाश चौरसिया

  • प्रवीण चंद्रा

  • अजीत प्रभाकर

  • निरंजन कुमार

  • संजीत कुमार

  • पंकज कुमार

सैकड़ों की संख्या में शिक्षकों को सम्मानित कर समारोह ने सामूहिकता और संगठनात्मक एकता का संदेश दिया।


धन्यवाद ज्ञापन

कार्यक्रम का समापन आभाष सौरभ के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उन्होंने सभी अतिथियों, प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों और मीडिया प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया।


समारोह का महत्व

यह सम्मान समारोह न केवल एक औपचारिक आयोजन था, बल्कि इसके गहरे सामाजिक और शैक्षिक संदेश थे:

  1. शिक्षकों का मनोबल बढ़ाना – सम्मान से शिक्षकों में आत्मविश्वास और जिम्मेदारी की भावना मजबूत हुई।

  2. शिक्षा व्यवस्था में सहयोग – नवनियुक्त प्रधानाध्यापक अपनी नई भूमिका में शिक्षा को नई दिशा देंगे।

  3. सामाजिक एकजुटता का उदाहरण – समाज के विभिन्न वर्गों की उपस्थिति ने यह संदेश दिया कि शिक्षा सभी की साझा जिम्मेदारी है।



हाजीपुर में आयोजित यह सम्मान समारोह शिक्षा जगत के लिए प्रेरणादायक साबित हुआ। हिंदी दिवस जैसे विशेष अवसर पर शिक्षकों का सम्मान करना न केवल भाषा और संस्कृति के प्रति सम्मान है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में एक सशक्त पहल भी है।

आयोजक भूषण झा और उनकी टीम के प्रयासों ने यह साबित कर दिया कि जब समाज और शिक्षकों की एकजुटता सामने आती है, तो शिक्षा की ज्योति और भी प्रखर हो उठती है।

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