पटना में गुरुवार देर शाम अपराधियों ने दिनदहाड़े बड़ी वारदात को अंजाम देते हुए राजद नेता और राघोपुर से विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे राजकुमार राय उर्फ़ आला राय की गोली मारकर हत्या कर दी। यह घटना पटना के राजेन्द्र नगर टर्मिनल के पास कॉलेज ऑफ कॉमर्स के समीप गली नंबर-17 में हुई।
कार से उतरते ही बरसी गोलियां
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, राजकुमार राय अपनी कार से उतर ही रहे थे कि बाइक सवार दो बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। अपराधियों ने लगभग पांच गोलियां मारीं, जिससे वह गंभीर रूप से घायल होकर वहीं गिर पड़े। आनन-फानन में उन्हें पीएमसीएच ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
घटनास्थल से मिले 6 खोखे
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल की घेराबंदी कर जांच शुरू की। मौके से 6 खोखा बरामद किए गए हैं। पुलिस आसपास के CCTV फुटेज खंगालने में जुटी है ताकि अपराधियों की पहचान हो सके।
मृतक का राजनीतिक और कारोबारी बैकग्राउंड
राजकुमार राय वैशाली जिले के राघोपुर प्रखंड के मलिकपुर मीरमपुर गांव निवासी थे। वे जमीन कारोबार से जुड़े हुए थे और राजनीति में भी सक्रिय थे। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में वे राघोपुर सीट से प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे।
दबंग छवि और विवादित इतिहास
पुलिस सूत्रों के अनुसार, मृतक की छवि एक दबंग नेता के रूप में थी। उनके खिलाफ कई संगीन धाराओं में केस दर्ज थे। भूमि विवाद और कारोबार से जुड़े मामलों में उनका नाम लगातार सुर्खियों में रहा था।
राघोपुर में मचा हड़कंप
हत्या की खबर फैलते ही राघोपुर विधानसभा क्षेत्र और आसपास के गांवों में सनसनी फैल गई। समर्थकों और ग्रामीणों में आक्रोश का माहौल है। कई जगह लोग जुटकर हत्या की निंदा कर रहे हैं और अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
चुनावी राजनीति पर बड़ा असर
राजद नेता की हत्या से आगामी विधानसभा चुनाव पर बड़ा असर पड़ सकता है। राघोपुर सीट, जो हमेशा से राजनीतिक रूप से हॉट सीट मानी जाती है, अब और भी चर्चाओं में आ गई है।
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यह सीट राजद और जेडीयू के बीच हमेशा से टकराव का केंद्र रही है।
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राजकुमार राय का नाम चुनावी राजनीति में एक मजबूत दावेदार के रूप में लिया जा रहा था।
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अब उनकी हत्या के बाद राजद को उम्मीदवार चयन में नई रणनीति बनानी होगी।
पुलिस की कार्रवाई
पटना पुलिस ने बताया कि अपराधियों को पकड़ने के लिए स्पेशल टीम गठित की गई है।
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एसएसपी पटना के नेतृत्व में पुलिस की कई टीमें छापेमारी कर रही हैं।
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पुलिस ने दावा किया है कि जल्द ही हत्यारों को पकड़ लिया जाएगा।
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शुरुआती जांच में मामला जमीन कारोबार और चुनावी राजनीति से जुड़े विवाद से जोड़कर देखा जा रहा है।
परिवार और समर्थकों का आरोप
मृतक के परिजनों और समर्थकों ने हत्या के पीछे भूमि माफियाओं और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की साजिश का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि राजकुमार राय लगातार क्षेत्र में अपना जनाधार बढ़ा रहे थे, जिससे विरोधी परेशान थे।
अपराधियों के हौसले बुलंद
पटना में इस तरह दिनदहाड़े एक बड़े राजनीतिक चेहरे की हत्या ने पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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राजधानी में हाई प्रोफाइल वारदात से सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठना स्वाभाविक है।
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यह घटना विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हुई है, जिससे माहौल और गर्मा गया है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
घटना के बाद विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा है।
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राजद नेताओं ने हत्या की कड़ी निंदा की और इसे लोकतंत्र पर हमला बताया।
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भाजपा और जेडीयू नेताओं ने भी हत्या की निंदा करते हुए जल्द से जल्द अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग की।
अपराध और राजनीति का पुराना रिश्ता
बिहार की राजनीति में अपराध और राजनीति का गहरा रिश्ता हमेशा चर्चा में रहा है। राजकुमार राय की हत्या एक बार फिर उसी कड़ी को सामने लाती है।
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राजनीति में बढ़ते अपराधियों के दखल पर सवाल उठने लगे हैं।
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भूमि विवाद, चुनावी रंजिश और दबंगई की राजनीति ने कई नेताओं की जान ली है।
जांच से जुड़े अहम बिंदु
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हत्या में शामिल अपराधी पेशेवर लगते हैं, क्योंकि उन्होंने नजदीक से गोलियां मारीं और मौके से फरार हो गए।
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पुलिस को उम्मीद है कि CCTV फुटेज से अपराधियों की पहचान जल्द हो जाएगी।
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मोबाइल लोकेशन और कॉल डिटेल्स खंगालकर पुलिस जांच आगे बढ़ा रही है।
जनता में भय और आक्रोश
राजधानी पटना में खुलेआम हुई हत्या से आम जनता में भय का माहौल है। लोगों का कहना है कि अगर राजधानी में इतनी बड़ी वारदात हो सकती है तो आम लोग कैसे सुरक्षित रह सकते हैं।
दूसरी ओर राज्य की कानून-व्यवस्था पर गहरे सवाल खड़े करती है।
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