वैशाली से बड़ी खबर: बिदुपुर से 5 करोड़ की बैंक डकैती कांड में 2 ज्वेलर्स गिरफ्तार
समस्तीपुर जिले के काशीपुर में हाल ही में हुए बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र की शाखा से करोड़ों की लूटकांड का मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। इस हाई-प्रोफाइल केस में अब एक और बड़ा खुलासा सामने आया है। बिहार एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने कार्रवाई करते हुए वैशाली जिले के बिदुपुर प्रखंड से दो ज्वेलर्स को गिरफ्तार किया है। इनमें मायाराम हॉट न्यू सौरभ ज्वेलर्स के मालिक सौरभ और कृष्ण देव ज्वेलर्स के मालिक देवेंद्र शाह शामिल हैं।
कैसे हुई थी 5 करोड़ की लूट?
समस्तीपुर जिले के काशीपुर में स्थित बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र की शाखा में कुछ दिन पहले अज्ञात अपराधियों ने दिनदहाड़े धावा बोला।
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अपराधियों ने बैंक कर्मचारियों को बंधक बनाकर लगभग 5 करोड़ रुपये मूल्य का सोना और करीब 20 लाख रुपये नकद लूट लिया।
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इस वारदात ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया था।
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पुलिस और प्रशासन पर इस घटना को लेकर लगातार सवाल उठने लगे।
यह मामला राज्यभर में चर्चा का विषय बना और सरकार ने त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया। इसी क्रम में एसटीएफ की टीम ने ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू की।
एसटीएफ की गुप्त कार्रवाई
एसटीएफ की विशेष टीम ने कई जिलों में छापेमारी की। गुप्त सूचना के आधार पर टीम ने वैशाली जिले के बिदुपुर में कार्रवाई की।
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पहली गिरफ्तारी बिदुपुर मायाराम हॉट स्थित न्यू सौरभ ज्वेलर्स के दुकानदार सौरभ से हुई।
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दूसरी गिरफ्तारी कृष्ण देव ज्वेलर्स के मालिक देवेंद्र शाह से की गई।
दोनों पर आरोप है कि लूटी गई सोने की खेप का कुछ हिस्सा इनके पास खपाया गया।
गिरफ्तार ज्वेलर्स से हुई पूछताछ
सूत्रों के मुताबिक, एसटीएफ ने दोनों ज्वेलर्स से लंबी पूछताछ की है।
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प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई कि दोनों ने अपराधियों से सोना खरीदा था।
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हालांकि, दोनों यह दावा कर रहे हैं कि उन्हें असली सोने के स्रोत की जानकारी नहीं थी।
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एसटीएफ इस एंगल से भी जांच कर रही है कि क्या दोनों ज्वेलर्स सीधे अपराधियों से जुड़े थे या फिर सिर्फ दलालों के माध्यम से सौदा हुआ।
वैशाली का बिदुपुर कैसे बना जांच का केंद्र?
लूटकांड समस्तीपुर में हुआ, लेकिन जांच की कड़ियां वैशाली तक कैसे पहुंचीं?
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दरअसल, अपराधियों ने लूट के बाद सोने को सुरक्षित ठिकाने तक पहुंचाने की कोशिश की।
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इस दौरान, उन्होंने स्थानीय ज्वेलर्स से संपर्क साधा।
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बिदुपुर के कई ज्वेलर्स पर पहले भी संदिग्ध लेन-देन के आरोप लग चुके हैं।
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एसटीएफ को जब सोने के गुप्त कारोबार की भनक लगी, तो उन्होंने वैशाली में छापेमारी शुरू की और इस सफलता तक पहुंचे।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
बिदुपुर और आसपास के क्षेत्र में इन गिरफ्तारियों के बाद लोगों में सनसनी फैल गई है।
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स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं से पूरे व्यवसाय की साख पर बुरा असर पड़ता है।
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आम लोगों का मानना है कि अगर ज्वेलर्स खुद अपराधियों से सोना खरीदेंगे तो अपराध को बढ़ावा मिलेगा।
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वहीं, कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि बिना पुख्ता सबूत के किसी व्यापारी को बदनाम करना ठीक नहीं।
पुलिस की अगली कार्रवाई
एसटीएफ ने साफ कर दिया है कि यह तो केवल शुरुआत है।
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इस लूटकांड में शामिल सभी आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।
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कई अन्य ज्वेलर्स और सोने के कारोबारियों की भी जांच की जा रही है।
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पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि लूट के असली मास्टरमाइंड कौन हैं और पूरी रकम कहां गई।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इतने बड़े लूटकांड पर बिहार की राजनीति भी गर्म हो गई है।
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विपक्ष ने सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
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विपक्षी नेताओं का कहना है कि अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ गया है कि वे दिनदहाड़े करोड़ों की लूट कर रहे हैं और पुलिस मूकदर्शक बनी है।
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वहीं, सत्ता पक्ष ने दावा किया है कि एसटीएफ की तेजी से कार्रवाई ही इस सरकार की उपलब्धि है।
बैंक कर्मचारियों की भूमिका पर भी शक
इस पूरे मामले में पुलिस बैंक के अंदरूनी कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है।
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लूट इतनी आसानी से कैसे हुई?
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क्या अपराधियों को बैंक के अंदर की पूरी जानकारी पहले से थी?
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क्या कोई अंदरूनी मददगार शामिल था?
ये सारे सवाल जांच के घेरे में हैं।
आम जनता पर असर
यह लूटकांड और अब ज्वेलर्स की गिरफ्तारी से आम जनता में दहशत और अविश्वास दोनों बढ़ गए हैं।
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लोग सवाल कर रहे हैं कि अगर बैंक ही सुरक्षित नहीं है तो उनकी जमा पूंजी कहां सुरक्षित रहेगी।
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सोने और ज्वेलरी के कारोबार पर भी इसका सीधा असर पड़ रहा है।
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ग्राहक अब ज्वेलर्स पर भरोसा करने से पहले कई बार सोचेंगे।
समस्तीपुर के काशीपुर में हुई यह 5 करोड़ की सोना और 20 लाख नगद लूट बिहार की सबसे बड़ी डकैतियों में से एक है।
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एसटीएफ ने वैशाली जिले से दो ज्वेलर्स को गिरफ्तार कर इस केस की जांच को नई दिशा दी है।
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अब देखने वाली बात होगी कि आगे की जांच में और कौन-कौन बेनकाब होते हैं।
यह मामला न केवल पुलिस और प्रशासन की कार्यशैली की परीक्षा है, बल्कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर भी सीधा सवाल खड़ा करता है।
✍️ लेखक की कलम से:
यह लूटकांड केवल एक बैंक डकैती नहीं, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था पर गहरी चोट है। अब सबकी नजरें एसटीएफ और पुलिस की कार्रवाई पर टिकी हैं

