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आकाशीय बिजली की चपेट में आने से दुधारू भैंस की मौत, किसान को भारी नुकसान
घटना का विवरण
वैशाली जिले के राजापाकर थाना क्षेत्र के बाकरपुर पंचायत के वार्ड संख्या 7 में शनिवार की सुबह एक दर्दनाक घटना घटी, जब आकाशीय बिजली गिरने से एक दुधारू भैंस की मौत हो गई।
यह घटना सुबह करीब 4:30 बजे की बताई जा रही है, जब गांव में हल्की बारिश और गरज के साथ बादल छाए हुए थे।
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, बिजली गिरने की तेज आवाज के साथ ही पास के आम के पेड़ पर आकाशीय बिजली गिरी। उसी पेड़ के पास भैंस बंधा हुआ था, जो इसकी चपेट में आ गया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
मृत भैंस का मालिक
मृत भैंस के मालिक दीपू राय, पिता सरयुग राय, बाकरपुर पंचायत वार्ड संख्या 7 के निवासी हैं।
दीपू राय का कहना है कि यह भैंस उनके परिवार की जीविका का प्रमुख साधन थी। वह इस भैंस का दूध बेचकर अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे। भैंस की अचानक हुई मौत से उन्हें गहरा आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।
दीपू राय ने बताया,
“भैंस हमारे परिवार के लिए जैसे सदस्य थी। रोज़ सुबह और शाम इसका दूध बेचकर घर का खर्च चलता था। अब इसके बिना जीवनयापन मुश्किल हो जाएगा।”
किसान शोक और सहानुभूति का माहौल
घटना के बाद शोक और सहानुभूति का माहौल है।
पड़ोसी और आसपास के ग्रामीण बड़ी संख्या में दीपू राय के घर पहुंचे और सांत्वना व्यक्त की।
कई लोगों ने प्रशासन से उचित मुआवज़े की मांग की, ताकि पीड़ित परिवार को राहत मिल सके।
गांव के एक बुजुर्ग निवासी ने बताया,
“इस तरह की घटनाएं मानसून के मौसम में अक्सर देखने को मिलती हैं। पहले भी कई बार खेतों या पेड़ों के नीचे बंधे पशु आकाशीय बिजली की चपेट में आ चुके हैं।”
प्रशासन से सहायता की मांग
ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन और पशुपालन विभाग से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
उनका कहना है कि सरकार द्वारा प्राकृतिक आपदा में मवेशियों की मौत पर मुआवज़ा योजना का प्रावधान है, जिसका लाभ दीपू राय को दिया जाना चाहिए।
जानकारी के अनुसार,
अगर कोई पशु आकाशीय बिजली, बाढ़ या अन्य प्राकृतिक आपदा में मारा जाता है, तो राज्य सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी जाती है।
हालांकि, इसके लिए पशुपालन विभाग द्वारा जांच रिपोर्ट तैयार की जाती है और पंचायत स्तर से सत्यापन के बाद राशि दी जाती है।
गांव के मुखिया प्रतिनिधि ने बताया कि उन्होंने इसकी सूचना राजापाकर प्रखंड कार्यालय को दे दी है और शीघ्र ही मुआवज़ा दिलाने का आश्वासन दिया गया है।
आकाशीय बिजली से सुरक्षा के उपाय
विशेषज्ञों का कहना है कि हर साल बिहार में आकाशीय बिजली से सैकड़ों लोगों और पशुओं की मौत होती है।
ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए कुछ सावधानियां बरतना बेहद जरूरी है –
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बारिश और गरज के समय खुले मैदान, पेड़ों या खंभों के नीचे खड़ा न हों।
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पशुओं को खुले में नहीं, बल्कि छत या शेड के अंदर बांधकर रखें।
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मोबाइल फोन या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का प्रयोग बिजली गिरने के समय न करें।
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अगर कहीं बिजली गिरी है, तो भू-विद्युत प्रवाह क्षेत्र से दूर रहें।
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ग्रामीण क्षेत्रों में लाइटनिंग अरेस्टर (बिजली सुरक्षा उपकरण) लगाने की आवश्यकता है।
राज्य सरकार ने ग्रामीण इलाकों में ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए कई योजनाएं चलाई हैं, लेकिन जनजागरूकता की कमी के कारण इनका प्रभाव सीमित रहता है।
क्षेत्र में बढ़ती आकाशीय बिजली की घटनाएं
वैशाली जिला सहित पूरे बिहार में हाल के वर्षों में आकाशीय बिजली गिरने की घटनाओं में इज़ाफा हुआ है।
मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण अब गरज-चमक और बिजली गिरने की घटनाएं अधिक हो रही हैं।
2024 में बिहार में करीब 700 से अधिक लोगों की मौत बिजली गिरने से दर्ज की गई थी, जिनमें पशुओं की संख्या भी काफी थी।
इससे स्पष्ट होता है कि यह एक गंभीर पर्यावरणीय और सामाजिक चुनौती बन चुकी है, जिस पर प्रशासन और आम जनता दोनों को सजग रहना होगा।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना की सूचना मिलते ही राजापाकर थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।
पशु चिकित्सक को भी जांच के लिए बुलाया गया, जिसने पुष्टि की कि मौत बिजली गिरने से हुई है।
स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि संबंधित रिपोर्ट तैयार कर मुआवज़े की अनुशंसा की जाएगी।
राजापाकर अंचल अधिकारी (CO) ने बताया,
“यह प्राकृतिक आपदा की श्रेणी में आने वाली घटना है। मवेशी के नुकसान पर सरकार द्वारा निर्धारित मुआवज़ा उपलब्ध कराया जाएगा।”
ग्रामीणों ने की जागरूकता अभियान की मांग
गांव के लोगों ने मांग की है कि प्रशासन गांव-गांव में आकाशीय बिजली से सुरक्षा को लेकर जागरूकता अभियान चलाए,
ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से जन-धन का नुकसान न हो।
इसके अलावा पंचायत स्तर पर बिजली सुरक्षा पोल और अरेस्टर सिस्टम लगाने की भी जरूरत बताई गई।
आकाशीय बिजली से दुधारू भैंस की मौत की यह घटना न केवल एक परिवार की आर्थिक क्षति है,
बल्कि यह ग्रामीण जीवन की कमजोर सुरक्षा व्यवस्था को भी उजागर करती है।
प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए जागरूकता और सरकारी योजनाओं का सही क्रियान्वयन ही ऐसे हादसों को रोक सकता है।
दीपू राय जैसे ग्रामीणों के लिए सरकार को शीघ्र मुआवज़ा और सुरक्षा प्रशिक्षण उपलब्ध कराना आवश्यक है,
ताकि भविष्य में किसी की आजीविका यूं ही न उजड़ जाए।
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