वैशाली में 2017 के बाद पहली बार 33 विद्युत कर्मियों को एक साथ मिली अनुज्ञप्ति, बिजली व्यवस्था को मिलेगा नया बल,

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वैशाली में 2017 के बाद पहली बार 33 विद्युत कर्मियों को एक साथ मिली अनुज्ञप्ति, बिजली व्यवस्था को मिलेगा नया बल





जिले के विद्युत क्षेत्र में ऐतिहासिक पहल

वैशाली जिले के लिए 19 दिसंबर 2025 का दिन विद्युत व्यवस्था के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ। वर्ष 2017 के पश्चात् पहली बार जिला पदाधिकारी द्वारा एक साथ 33 व्यक्तियों को विद्युत अनुज्ञप्ति (लाइसेंस) का विधिवत वितरण किया गया। यह कार्यक्रम वैशाली समाहरणालय स्थित पुष्करणी सभागार में आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता जिला पदाधिकारी वैशाली श्रीमती वर्षा सिंह ने की।

यह पहल जिले में विद्युत कार्यों को अधिक व्यवस्थित, सुरक्षित और मानक अनुरूप बनाने की दिशा में एक सशक्त कदम के रूप में देखी जा रही है। लंबे समय से लंबित पड़ी अनुज्ञप्ति प्रक्रिया को पुनः सक्रिय कर जिला प्रशासन ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि गुणवत्ता, सुरक्षा और पारदर्शिता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।


पुष्करणी सभागार में हुआ अनुज्ञप्ति वितरण कार्यक्रम

समारोह के दौरान विद्युत ठीकेदारों, पर्यवेक्षकों एवं तारकर्मियों को उनके अनुज्ञा-पत्र/अनुज्ञप्ति औपचारिक रूप से प्रदान किए गए। कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों, आवेदकों और उनके परिजनों में उत्साह का माहौल देखने को मिला। जिला पदाधिकारी ने सभी चयनित अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि विद्युत कार्य एक अत्यंत जिम्मेदारीपूर्ण कार्य है, जिसमें सुरक्षा मानकों का पालन सर्वोपरि होना चाहिए। अनुज्ञप्ति प्राप्त करने के बाद अब यह अपेक्षा की जाती है कि सभी कर्मी अपने दायित्वों का निर्वहन ईमानदारी, दक्षता और नियमों के अनुरूप करेंगे।


साक्षात्कार प्रक्रिया और चयन की विस्तृत जानकारी

उल्लेखनीय है कि इस अनुज्ञप्ति वितरण से पूर्व दिनांक 10 सितंबर 2025 को जिला पदाधिकारी-सह-अध्यक्ष, जिला विद्युत लाइसेंसिंग बोर्ड, वैशाली की अध्यक्षता में साक्षात्कार का आयोजन किया गया था। इस प्रक्रिया के अंतर्गत जिले भर से कुल 115 आवेदन प्राप्त हुए थे।

इन सभी आवेदनों की गहन जांच-पड़ताल की गई। तकनीकी योग्यता, अनुभव, दस्तावेजों की सत्यता और सुरक्षा मानकों की जानकारी जैसे पहलुओं पर अभ्यर्थियों का मूल्यांकन किया गया। साक्षात्कार प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष रही, ताकि केवल योग्य और सक्षम अभ्यर्थियों का ही चयन किया जा सके।


33 अभ्यर्थियों को मिली अनुज्ञप्ति

साक्षात्कार में सफल पाए गए अभ्यर्थियों में से कुल 33 व्यक्तियों को अनुज्ञप्ति प्रदान की गई। इनमें—

  • 12 विद्युत ठीकेदार,

  • 06 विद्युत पर्यवेक्षक,

  • 15 तारकर्मी

शामिल हैं।

अनुज्ञप्ति प्राप्त करने के साथ ही ये सभी व्यक्ति अब किसी भी मान्यता प्राप्त विद्युत प्रतिष्ठान में कार्य करने के लिए अधिकृत हो गए हैं। इससे जिले में प्रशिक्षित और प्रमाणित विद्युत मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।


2017 के बाद पहली बार हुई अनुज्ञप्ति निर्गत

गौरतलब है कि वर्ष 2017 के बाद वैशाली जिले में एक भी विद्युत अनुज्ञा-पत्र/अनुज्ञप्ति निर्गत नहीं की गई थी। इस कारण जिले में लंबे समय से कुशल और अधिकृत विद्युत कर्मियों की कमी महसूस की जा रही थी। कई योग्य अभ्यर्थियों के आवेदन लंबित पड़े थे, जिससे न केवल रोजगार के अवसर प्रभावित हो रहे थे बल्कि विद्युत कार्यों की गुणवत्ता और सुरक्षा पर भी असर पड़ रहा था।

जिला पदाधिकारी श्रीमती वर्षा सिंह ने इस स्थिति को गंभीरता से संज्ञान में लिया और सभी लंबित आवेदनों के शीघ्र निष्पादन का स्पष्ट निर्देश दिया। उनके निर्देश के आलोक में जिला विद्युत लाइसेंसिंग बोर्ड ने सक्रिय भूमिका निभाते हुए इस पूरी प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया।


महिला अभ्यर्थियों को भी मिला अवसर

इस अनुज्ञप्ति वितरण कार्यक्रम की एक विशेष बात यह रही कि चयनित अभ्यर्थियों में महिलाएं भी सम्मिलित थीं। जिला पदाधिकारी ने महिला अनुज्ञप्तिधारकों को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया और कहा कि तकनीकी क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी समाज के लिए सकारात्मक बदलाव का संकेत है।

उन्होंने कहा कि महिलाएं भी पुरुषों के समान दक्षता और जिम्मेदारी के साथ विद्युत जैसे तकनीकी क्षेत्रों में कार्य कर सकती हैं। प्रशासन आगे भी महिलाओं को तकनीकी और व्यावसायिक क्षेत्रों में आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत रहेगा।


विद्युत सेवाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा में होगा सुधार

अनुज्ञप्ति वितरण का सीधा लाभ जिले की विद्युत सेवाओं पर पड़ेगा। अब अधिकृत और प्रशिक्षित कर्मियों के माध्यम से विद्युत कार्य संपन्न होंगे, जिससे—

  • दुर्घटनाओं में कमी आएगी,

  • सुरक्षा मानकों का बेहतर पालन होगा,

  • विद्युत संरचना की गुणवत्ता में सुधार होगा,

  • उपभोक्ताओं को अधिक भरोसेमंद सेवाएं मिलेंगी।

यह पहल विद्युत कार्यों को अनधिकृत और असुरक्षित तरीके से किए जाने की प्रवृत्ति पर भी अंकुश लगाएगी।


भविष्य के लिए जिलाधिकारी के स्पष्ट निर्देश

जिला पदाधिकारी श्रीमती वर्षा सिंह ने यह भी स्पष्ट निर्देश दिया कि भविष्य में विद्युत अनुज्ञप्ति निर्गत करने की प्रक्रिया को नियमित, पारदर्शी और समयबद्ध बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि योग्य अभ्यर्थियों को समय पर अवसर मिलना चाहिए, ताकि वे अपने कौशल का उपयोग समाज और जिले के विकास में कर सकें।

उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि लंबित मामलों को दोबारा जमा न होने दिया जाए और आवेदन प्रक्रिया को सरल एवं सुगम बनाया जाए।


रोजगार सृजन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

यह पहल केवल विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह रोजगार सृजन की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। अनुज्ञप्ति मिलने के बाद चयनित अभ्यर्थी आत्मनिर्भर रूप से कार्य कर सकेंगे और अन्य लोगों को भी रोजगार के अवसर प्रदान कर सकेंगे।

इससे स्थानीय स्तर पर आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी और युवाओं को तकनीकी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा मिलेगी।


निष्कर्ष

वैशाली जिले में 2017 के बाद पहली बार एक साथ 33 विद्युत कर्मियों को अनुज्ञप्ति प्रदान किया जाना प्रशासनिक सक्रियता और दूरदर्शिता का प्रतीक है। जिला पदाधिकारी श्रीमती वर्षा सिंह के नेतृत्व में की गई यह पहल न केवल लंबित समस्याओं का समाधान है, बल्कि भविष्य के लिए एक मजबूत और सुरक्षित विद्युत व्यवस्था की नींव भी है।

यह कदम जिले के तकनीकी विकास, रोजगार सृजन और सुरक्षित विद्युत सेवाओं की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। जिलेवासियों को उम्मीद है कि इस तरह की पारदर्शी और समयबद्ध पहलें आगे भी निरंतर जारी रहेंगी।

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