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काजीपुर थाना क्षेत्र में करंट लगने से 7 वर्षीय बच्चे की मौत, परिजनों में मचा कोहराम
पट्टील्ही गांव में खुले बिजली तार की चपेट में आने से मासूम अंश की घटनास्थल पर ही दर्दनाक मौत
📍 घटना का स्थान और समय
वैशाली जिले के काजीपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत पट्टील्ही गांव में मंगलवार शाम करीब 5:00 बजे एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जिसमें सात वर्षीय अंश कुमार की करंट लगने से मौके पर ही मौत हो गई। यह हादसा तब हुआ जब मासूम बारिश से बचने के लिए गांव की एक मेडिकल दुकान के पास खड़ा था, जहां खुले बिजली तार की चपेट में आने से उसकी जान चली गई।
🧒 मृतक की पहचान और पारिवारिक पृष्ठभूमि
मृतक अंश कुमार, पिता विकास महतो, निवासी मसूधन पकड़ी गांव, थाना लालगंज का रहने वाला था। वह अपने ननिहाल पट्टील्ही गांव में रहकर पढ़ाई कर रहा था और दूसरी कक्षा का छात्र था।
अंश के नाना रामेश्वर महतो ने बताया कि:
"बच्चा गांव में ही स्कूल जाता था। मंगलवार को जब दोपहर में बारिश शुरू हुई, तो वह खेलते-खेलते पास की दुकान — चन्द्रमा हरदेव दत्तव्य औषधालय — में रुक गया। वहां खुले बिजली तार की चपेट में आ गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।"
🧠 हादसे के कारण
घटना स्थल पर मौजूद लोगों के अनुसार:
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दुकान के पास बिजली का नंगा तार लटक रहा था।
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बारिश के कारण तार में तेज करंट प्रवाहित हो रहा था।
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अंश जैसे ही तार के संपर्क में आया, उसे जोर का झटका लगा और वह तुरंत ज़मीन पर गिर पड़ा।
स्थानीय लोग जब तक कुछ समझ पाते, अंश की सांसें थम चुकी थीं।
🏥 पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही काजीपुर थाना की पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस ने मृत शरीर को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए हाजीपुर सदर अस्पताल भेज दिया।
पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद कहा:
"दुर्घटना का कारण स्पष्ट रूप से करंट लगना प्रतीत होता है। दुकान के पास खुले तार की मौजूदगी और बिजली विभाग की लापरवाही की जांच की जा रही है।"
👪 परिजनों की स्थिति
अंश की मौत से पूरे परिवार में मातम छा गया है। अंश अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसकी एक छोटी बहन भी है। माँ की हालत बदहवास है और वह बार-बार बेहोश हो जा रही हैं।
नाना रामेश्वर महतो ने रोते हुए कहा:
"हमने तो उसे पढ़ाने के लिए अपने पास बुलाया था, लेकिन ये क्या हो गया… प्रशासन को इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। यह हमारी नज़रों के सामने हुआ और हम कुछ भी नहीं कर पाए।"
👨👩👧👦 गांव में मातम और गुस्सा
पट्टील्ही गांव में घटना के बाद शोक का माहौल है। लोगों में बिजली विभाग की लापरवाही को लेकर भारी आक्रोश है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की कि:
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बिजली विभाग के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।
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पीड़ित परिवार को अविलंब मुआवजा राशि दी जाए।
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पूरे गांव में बिजली व्यवस्था की जांच कर सुरक्षित तार बिछाए जाएं।
⚡ खुले तार और सरकारी उदासीनता पर उठते सवाल
इस हादसे ने एक बार फिर से गांवों में बिजली की लचर व्यवस्था और सरकारी लापरवाही को उजागर कर दिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में कई स्थानों पर:
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बिजली के तार झूलते रहते हैं।
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ट्रांसफार्मर के आसपास कोई सुरक्षा घेरा नहीं होता।
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बारिश में तारों से करंट लीक होना आम बात बन गई है।
इन सभी स्थितियों के बावजूद बिजली विभाग की तरफ से कोई नियमित जांच या सुधार कार्य नहीं किए जाते।
📢 प्रशासन से ग्रामीणों की मांग
घटना के बाद ग्रामीणों ने एक स्वर में प्रशासन से निम्न मांगें की हैं:
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दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई हो।
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अंश के परिजनों को कम से कम ₹10 लाख की सहायता राशि दी जाए।
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पूरे गांव की बिजली व्यवस्था का तत्काल निरीक्षण हो।
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ग्रामीण इलाकों में बिजली सेफ्टी अभियान चलाया जाए।
📋 🔚 : लापरवाही की कीमत मासूम ने चुकाई
अंश की मौत न केवल एक मासूम बच्चे की जान जाने की त्रासदी है, बल्कि यह हमारे सिस्टम की विफलता का जीता-जागता उदाहरण है।
एक ओर सरकार डिजिटल इंडिया और स्मार्ट गांव की बातें करती है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण बच्चे खुले तारों से अपनी जान गँवा रहे हैं।
ज़रूरत है:
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सतर्क प्रशासन की
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जवाबदेह अधिकारियों की
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और सुरक्षित बुनियादी सुविधाओं की
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रिपोर्ट: जिला संवाददाता, वैशाली
SGNEWS EXCLUSIVE
दिनांक: 16 जुलाई 2025


