वैशाली में जनता दरबार का आयोजन: 97 शिकायतों पर हुई सुनवाई, 7 दिनों में कार्रवाई का निर्देश
जिला पदाधिकारी ने विभागीय अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश, लोगों को मिला संवाद का मंच
वैशाली, बिहार — आम लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए बिहार सरकार द्वारा शुरू की गई जनता दरबार योजना के अंतर्गत आज वैशाली जिला पदाधिकारी के कार्यालय कक्ष में जनता दरबार का आयोजन किया गया। इस दरबार में आम जनता से सीधे संवाद स्थापित कर उनकी समस्याएं सुनी गईं। जिला पदाधिकारी महोदय ने इस अवसर पर कुल 97 परिवादों (शिकायतों) की सुनवाई की और संबंधित विभागों को 7 दिनों के भीतर समाधान कर रिपोर्ट सौंपने का स्पष्ट निर्देश दिया।
यह आयोजन जनता और प्रशासन के बीच सीधे संवाद और त्वरित समाधान का एक प्रभावी माध्यम बनकर उभरा है, जिससे लोगों में भरोसा और संतोष की भावना उत्पन्न हुई।
जनता दरबार की रूपरेखा और उद्देश्य
जनता दरबार का मुख्य उद्देश्य आम नागरिकों की व्यक्तिगत, सामाजिक, और प्रशासनिक समस्याओं को सुनना, समझना और यथाशीघ्र उसका निराकरण करना है। इस पहल के माध्यम से आम जनता को सरकार तक अपनी बात सीधे पहुँचाने का अवसर मिलता है। इसमें जिले के वरिष्ठ अधिकारी, विभागीय प्रमुख और अन्य प्रशासनिक पदाधिकारी मौजूद रहते हैं।
97 शिकायतों की हुई सुनवाई
आज के दरबार में कुल 97 परिवाद पत्रों की सुनवाई की गई। जिला पदाधिकारी ने हर परिवाद को गंभीरता से सुना और संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि:
“प्रत्येक परिवाद की जांच कर सात दिनों के भीतर कार्यवाही पूर्ण करते हुए उसका प्रतिवेदन जन शिकायत कोषांग को उपलब्ध कराएं। लापरवाही या विलंब कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
विभागवार प्राप्त शिकायतों का विवरण
इस जनता दरबार में विभिन्न विभागों से संबंधित समस्याएं सामने आईं। विभागवार शिकायतों की संख्या निम्नलिखित रही:
| विभाग | शिकायतों की संख्या |
|---|---|
| राजस्व एवं भूमि सुधार | 53 |
| स्थापना विभाग | 03 |
| सामाजिक सुरक्षा | 01 |
| बाल संरक्षण इकाई | 01 |
| विद्युत विभाग | 01 |
| नगर परिषद, हाजीपुर | 04 |
| आपूर्ति विभाग | 02 |
| अन्य विभाग (स्वास्थ्य, शिक्षा आदि) | 32 |
राजस्व एवं भूमि विवादों की भरमार
जनता दरबार में सबसे अधिक शिकायतें राजस्व और भूमि सुधार विभाग से संबंधित रहीं। कुल 53 मामले ऐसे थे जो भूमि विवाद, दाखिल-खारिज, सीमांकन, अतिक्रमण और भूमि पर्चा वितरण से संबंधित थे। यह स्पष्ट करता है कि जिले में भूमि संबंधित समस्याएं अब भी आम जनता के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बनी हुई हैं।
जिला पदाधिकारी ने राजस्व पदाधिकारियों को विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश देते हुए कहा कि:
“भूमि विवाद से सामाजिक तनाव उत्पन्न होता है। हर मामले की तथ्यपरक जांच कर निष्पक्ष और त्वरित निर्णय लिया जाए।”
स्थापना, सामाजिक सुरक्षा और बाल संरक्षण जैसे विभागों की शिकायतें
कुछ शिकायतें स्थापना विभाग से संबंधित थीं, जिनमें कर्मचारी नियुक्ति, वेतन भुगतान, स्थानांतरण आदि मुद्दे शामिल थे। वहीं एक-एक शिकायतें सामाजिक सुरक्षा और बाल संरक्षण इकाई से संबंधित थीं, जो वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, अनाथ बच्चों की देखरेख जैसी कल्याणकारी योजनाओं से जुड़ी थीं।
इन मामलों पर जिला पदाधिकारी ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से फॉलो-अप करने और शिकायतकर्ताओं से संवाद बनाए रखने का निर्देश दिया।
बिजली, नगर परिषद और आपूर्ति विभाग पर भी उठे सवाल
विद्युत विभाग, नगर परिषद हाजीपुर, और आपूर्ति विभाग से संबंधित कुल 7 शिकायतें दर्ज की गईं। इनमें बिजली की अनियमित आपूर्ति, नाली और सड़क की समस्याएं, सफाई व्यवस्था, राशन वितरण की अनियमितता जैसी बातें सामने आईं।
दोषपूर्ण सेवाओं और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर जिला पदाधिकारी ने नाराजगी जताई और कहा कि:
“जनता की बुनियादी जरूरतों को प्राथमिकता पर हल किया जाना चाहिए। राशन, बिजली, पानी जैसी सुविधाओं में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं होगी।”
32 अन्य शिकायतें विभिन्न विभागों से संबंधित
अन्य 32 शिकायतें शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, श्रम, उद्योग, एवं पुलिस प्रशासन से जुड़ी रहीं। इन शिकायतों में स्कूलों की स्थिति, अस्पतालों में चिकित्सक की अनुपस्थिति, अनियमित वेतन, श्रमिक पंजीकरण, पुलिस कार्यशैली आदि मुद्दे प्रमुख रूप से उठाए गए।
जनता और अधिकारियों के बीच संवाद का पुल
जनता दरबार में आए लोगों ने जिला प्रशासन की इस पहल की सराहना की। कई लोगों ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से उन्हें अपनी समस्याएं सीधे शीर्ष अधिकारियों तक पहुंचाने का मौका मिलता है, जिससे वे न केवल अपनी बात खुलकर रख पाते हैं, बल्कि उसका समाधान जल्दी होने की आशा भी बंधती है।
पदाधिकारियों की भागीदारी
इस जनता दरबार में जिला के वरिष्ठ पदाधिकारी, राजस्व अधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, नगर कार्यपालक पदाधिकारी, पुलिस प्रशासन, और अन्य विभागों के प्रतिनिधि मौजूद थे। सभी अधिकारियों ने अपने-अपने विभाग से जुड़ी शिकायतों को संज्ञान में लिया और नोट कर त्वरित कार्यवाही का आश्वासन दिया।
वैशाली जिला प्रशासन द्वारा आयोजित जनता दरबार आम लोगों के लिए एक प्रभावी माध्यम बनकर उभरा है, जहां वे अपनी समस्याओं को सीधे प्रशासन के समक्ष रख सकते हैं। जिला पदाधिकारी द्वारा 97 शिकायतों की सुनवाई और 7 दिन के भीतर कार्रवाई का निर्देश देना प्रशासनिक सक्रियता और पारदर्शिता का परिचायक है।
यदि इस प्रक्रिया का नियमित अनुश्रवण (Follow-up) और प्रभावी क्रियान्वयन होता है, तो यह पहल जन विश्वास और शासन के प्रति उत्तरदायित्व को सशक्त बनाने में मील का पत्थर साबित हो सकती है।
वैशाली के नागरिकों को इस पहल से आशा है कि प्रशासन उनके साथ है और उनकी आवाज को सुना जा रहा है।
Writen by RUPESH KUMAR SINGH DIRECTOR SGNEWS OFFICIAL

