वैशाली में सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण को लेकर डीएम वर्षा सिंह की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित

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वैशाली में सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण को लेकर डीएम वर्षा सिंह की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित

 ब्लैक स्पॉट्स पर होगा सुधार, ओवरलोडिंग और अतिक्रमण पर सख्ती के निर्देश, जागरूकता अभियान पर जोर








सड़क दुर्घटनाएं आज समाज के सामने एक गंभीर समस्या बन चुकी हैं। प्रतिदिन अनेक लोग दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं, जिनमें कई की जान चली जाती है और अनेक लोग आजीवन अपंगता का दंश झेलते हैं। वैशाली जिला प्रशासन ने इस चुनौती को गंभीरता से लेते हुए डीएम श्रीमती वर्षा सिंह की अध्यक्षता में जिला सड़क सुरक्षा समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया। यह बैठक शुक्रवार को डीएम कार्यालय कक्ष में संपन्न हुई, जिसमें जिले के वरिष्ठ पदाधिकारी और संबंधित विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।







बैठक का उद्देश्य

इस बैठक का उद्देश्य जिले में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करना था। बैठक में सड़क सुरक्षा से जुड़े विभिन्न बिंदुओं पर गंभीर विमर्श किया गया और कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जो आने वाले समय में जिले की सड़कों को सुरक्षित बनाने में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।


सड़क सुरक्षा सुधार के लिए ब्लैक स्पॉट चिन्हित करने का निर्देश

डीएम ने स्पष्ट निर्देश दिया कि जिले की सभी सड़कों की मैपिंग की जाए और यह नोट किया जाए कि किस स्थान पर क्या सुधार कार्य जरूरी है। इस संबंध में एक सप्ताह के भीतर प्रस्ताव तैयार कर जमा करने को कहा गया है।

उन्होंने कहा कि जिले में पूर्व से ही 87 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं, लेकिन इसके अलावा अन्य संभावित दुर्घटना स्थलों को भी चिन्हित किया जाए। इन स्थानों पर रेडियम साइनेज, स्पीड ब्रेकर, डिवाइडर, रंबल स्ट्रीप, बैरिकेडिंग और ग्रीलिंग जैसी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।


अनुपस्थित अधिकारियों पर कार्रवाई और लापरवाह कर्मियों पर सख्ती

बैठक में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा के दौरान कुछ पदाधिकारी अनुपस्थित पाए गए। इस पर डीएम ने कड़ा रुख अपनाते हुए उन्हें शो-कॉज नोटिस जारी करने का निर्देश दिया। साथ ही पथ विभाग के एक जूनियर इंजीनियर को लापरवाही का दोषी मानते हुए उनका वेतन रोकने का आदेश भी दिया गया।

डीएम ने एडीटीओ को भी फटकार लगाई और कहा कि वे प्रत्येक दिन का कार्य रिपोर्ट के रूप में प्रस्तुत करें, जिससे प्रशासन द्वारा की जा रही कार्रवाई पर सतत निगरानी रखी जा सके।


ओवरलोडिंग रोकने पर विशेष बल

डीएम वर्षा सिंह ने कहा कि ओवरलोडिंग भी सड़क दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण है। इसके लिए सभी एसडीओ और एसडीपीओ को निर्देश दिया गया कि वे धर्मकांटा पर वाहनों का वजन मापने का कार्य नियमित रूप से करें। साथ ही सभी भारी वाहनों की फिटनेस, ड्राइवर की ड्राइविंग लाइसेंस, नशापान, सीट बेल्ट आदि की भी जांच करने का आदेश दिया गया।


वाहन जांच अभियान और टीम गठन

डीएम ने डीटीओ को निर्देश दिया कि जिले के तीनों अनुमंडलों में एमवीआई और ईएसआई की अलग-अलग टीम गठित की जाए, जो नियमित दिन वाहन जांच का कार्य करें और उसकी रिपोर्ट दें। इससे सड़क पर चलने वाले वाहनों की तकनीकी स्थिति और चालकों की योग्यता का पता चल सकेगा।


अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए विशेष अभियान

सड़क पर यातायात बाधित करने वाला अवैध अतिक्रमण भी दुर्घटनाओं का कारण बनता है। इस पर डीएम ने सख्त रुख अपनाते हुए सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को विशेष अभियान चलाकर अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया।


जन जागरूकता अभियान और विद्यालयों में सड़क सुरक्षा शिक्षा

सड़क सुरक्षा केवल प्रशासनिक कार्रवाई से संभव नहीं है, इसके लिए जन सहभागिता और जागरूकता जरूरी है। इसे ध्यान में रखते हुए डीएम ने निर्देश दिया कि:

  • सड़क सुरक्षा से संबंधित फ्लेक्स और बैनर के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाए।

  • शिक्षा विभाग के सहयोग से शनिवार को सभी विद्यालयों में सड़क सुरक्षा पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाए, ताकि बच्चों को प्रारंभ से ही यातायात नियमों की जानकारी मिल सके।


दुर्घटना संभावित स्थलों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान

डीएम ने कहा कि जिले में ऐसे कई स्थान हैं जहां हाट बाजार, विद्यालय और मंदिर सड़क के किनारे स्थित हैं। इन स्थानों को दुर्घटना संभावित क्षेत्र (Accident Prone Zone) घोषित करते हुए वहां साइनेज लगाने और ट्रैफिक नियंत्रण व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया।


पुलिस कर्मियों की तैनाती और ट्रैफिक की निगरानी

डीएम ने ट्रैफिक पुलिस को निर्देश दिया कि सभी चौक-चौराहों पर प्रतिनियुक्त पुलिस कर्मी/होमगार्ड सक्रिय रूप से उपस्थित रहें। साथ ही ट्रैफिक पुलिस को नियमित रूप से भ्रमण कर इनकी कार्यशैली और सक्रियता की समीक्षा करने को कहा गया।


एनएच पर खड़े ट्रकों की जांच और दंडात्मक कार्रवाई

बैठक में यह भी बताया गया कि राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) पर ट्रक खड़े रहने से दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है। डीएम ने डीटीओ और एमवीआई को यह निर्देश दिया कि वे इन ट्रकों की स्थिति जांचें कि किस कारण से वे खड़े हैं, और बिना कारण खड़े ट्रकों पर जुर्माना लगाया जाए। यदि किसी मामले में मुख्य मार्ग पर वाहन खड़ा पाया गया, तो एमवीआई और ईएसआई की लापरवाही मानी जाएगी।


बैठक में उपस्थित अधिकारी

इस बैठक में डीएम वर्षा सिंह के साथ एडीएम संजय कुमार, डीटीओ धीरेन्द्र कुमार, सिविल सर्जन, महुआ और हाजीपुर एसडीओ, सभी पथ विभाग के कार्यपालक अभियंता, एमवीआई विकास कुमार, विशेष पदाधिकारी अमन आनंद, तथा सड़क सुरक्षा समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे।


वैशाली जिले में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए डीएम वर्षा सिंह के नेतृत्व में आयोजित यह बैठक एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। बैठक में लिए गए निर्णयों का यदि कड़ाई से पालन और समयबद्ध क्रियान्वयन किया जाए, तो निश्चित ही जिले में सड़क सुरक्षा की स्थिति में सुधार होगा। साथ ही, जन सहभागिता और जागरूकता के ज़रिए एक सुरक्षित यातायात प्रणाली की स्थापना संभव हो सकेगी।


WRITEN BY RUPESH KUMAR SINGH DIRECTOR SGNEWS OFFICIAL 


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