बरेला झील बनेगी प्रमुख पर्यटन स्थल: जिला पदाधिकारी ने किया निरीक्षण
**वैशाली समाहरणालय, हाजीपुर
प्रेस विज्ञप्ति संख्या – 01 | दिनांक – 08.12.2025**
वैशाली जिले के पातेपुर और जंदाहा प्रखंडों की सीमाओं पर स्थित बरेला झील सलीम अली पक्षी आश्रयणी अब राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों की सूची में शामिल होने जा रही है। जिला प्रशासन द्वारा तैयार की गई विस्तृत सौंदर्यीकरण योजना और अवसंरचनात्मक विकास कार्यों के पूरा होते ही यह झील बिहार के पर्यटन मानचित्र पर एक प्रमुख आकर्षण के रूप में उभरेगी। इसी क्रम में जिला पदाधिकारी वैशाली, श्रीमती वर्षा सिंह ने बरेला झील का स्थल निरीक्षण कर कार्यों की प्रगति और आवश्यकताओं की समीक्षा की।
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति
निरीक्षण के समय जिला वन प्रमंडल पदाधिकारी, अपर समाहर्त्ता (आपदा), जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, जंदाहा व पातेपुर अंचलाधिकारी, पातेपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी तथा अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। जिला पदाधिकारी ने वॉच टावर से झील के विस्तृत क्षेत्र का अवलोकन किया और संरक्षण, सुरक्षा व सुविधाओं से जुड़े बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की।
पक्षी मित्रों की समस्याओं पर विशेष ध्यान
पक्षी संरक्षण के लिए सक्रिय पहल
स्थल पर मौजूद पक्षी मित्रों ने जिला पदाधिकारी को अपनी समस्याएँ विस्तृत रूप से बताईं। स्थानीय मुखिया द्वारा पक्षी मित्रों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। जिला पदाधिकारी ने आश्वासन देते हुए कहा कि प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा में किसी प्रकार की कमी नहीं रहनी चाहिए तथा इस दिशा में सभी संभव कदम उठाए जाएंगे।
उन्होंने पक्षी मित्रों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा, निरीक्षण और संरक्षण के कार्य में सक्रियता बनाए रखें।
पुलिस पेट्रोलिंग और वन विभाग को सख्त निर्देश
वन्य जीव संरक्षण कानून का कड़ाई से पालन आवश्यक
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने झील क्षेत्र में पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाने का अनुरोध किया। इस पर जिला पदाधिकारी ने वन रक्षकों और पुलिस पदाधिकारियों को विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि किसी भी वन्य प्राणी को पकड़ना, पालना, खरीदना, शिकार करना या उसके अंगों से बनी वस्तुओं का इस्तेमाल करना कानूनी अपराध है। ऐसे मामलों में ₹25,000 तक जुर्माना और 7 साल तक की सजा का प्रावधान है।
वन विभाग को निर्देशित किया गया कि सुबह और शाम क्षेत्र में नियमित भ्रमण कर किसी भी अवैध गतिविधि को रोका जाए और प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
झील तक पहुंच मार्ग के लिए भूमि अर्जन प्रक्रिया तेज
10 दिसंबर को होगी जनसुनवाई
बरेला झील तक संपर्क मार्ग के निर्माण के लिए वर्तमान में भूमि अर्जन की आवश्यकता है। जिला पदाधिकारी ने इस दिशा में तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए।
दिनांक 10 दिसंबर को भू-अर्जन सीमांकन के लिए जनसुनवाई आयोजित की जाएगी। जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि सभी रैयतों के आवेदन प्राप्त कर समेकित प्रतिवेदन तैयार करें।
संपर्क सड़क निर्माण भी प्राथमिकता में
झील से मुख्य सड़क तक संपर्क मार्ग विकसित करने के लिए भी भूमि सीमांकन एवं अर्जन की प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने का निर्देश दिया गया है। सड़क निर्माण पूरा होने पर पर्यटकों की आवाजाही आसान होगी और झील का आकर्षण बढ़ेगा।
जल प्रबंधन सुधार से झील होगी और समृद्ध
वर्तमान में झील में गाद भरने, इनलेट और आउटलेट के अवरुद्ध होने तथा जल प्रबंधन के अभाव में पर्याप्त जलस्तर बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो गया है। राज्य सरकार की नई परियोजना के पूरा होने पर वेटलैंड में पानी के प्रवाह को नियंत्रित और मजबूत किया जा सकेगा, जिससे प्रवासी पक्षियों के लिए बेहतर आवास उपलब्ध होगा।
बरैला आर्द्रभूमि की जैव विविधता: प्रकृति का समृद्ध खजाना
1625.34 हेक्टेयर का वेटलैंड क्षेत्र
जिला पदाधिकारी ने बताया कि बरैला आर्द्रभूमि का कुल क्षेत्रफल 1625.34 हेक्टेयर है, जबकि इसमें से 197.91 हेक्टेयर क्षेत्र को वर्ष 1997 की अधिसूचना के तहत “बरेला झील सलीम अली पक्षी अभयारण्य” घोषित किया गया है।
यह अधिसूचित क्षेत्र 21 छोटे-छोटे खंडों में विभाजित है, जिनमें समृद्ध जैव विविधता पाई जाती है।
यहां पाई जाने वाली प्रमुख जैव विविधता
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प्रवासी पक्षियों की 59 प्रजातियाँ
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स्थानीय पक्षियों की 106 प्रजातियाँ
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पेड़ों की 16 प्रजातियाँ
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झाड़ियों की 11 प्रजातियाँ
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जलीय पौधों और अन्य जीवों की विविध प्रजातियाँ
यह झील पक्षी विज्ञान के शौकीनों, शोधकर्ताओं और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थल है।
झील तक पहुंच मार्ग के लिए भूमि अर्जन प्रक्रिया तेज
10 दिसंबर को होगी जनसुनवाई
मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के दौरान बरेला झील के विकास एवं सौंदर्यीकरण के लिए विस्तृत योजना की घोषणा की गई थी। इसके बाद परियोजना को संरचनात्मक रूप दिया गया है और वर्तमान में कार्यान्वयन प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है।
समर्पित योजना प्रस्ताव: क्या-क्या बनेगा?
राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित योजना में कई महत्वपूर्ण संरचनाएँ और सुविधाएँ शामिल हैं:
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आधुनिक वॉच टावर का निर्माण
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सुसज्जित एंट्रेंस प्लाज़ा
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पर्याप्त पार्किंग क्षेत्र
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बच्चों के लिए खेल उद्यान
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पर्यटकों हेतु आवश्यक सुविधाओं का विकास
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नौका विहार (बोटिंग) की व्यवस्था
इन सभी सुविधाओं के विकसित होने के बाद बरेला झील न केवल पर्यटक आकर्षण का केंद्र बनेगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी।
रोजगार सृजन और स्थानीय विकास की संभावनाएँ
इस परियोजना के पूरा होने पर क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। पर्यटन से जुड़े क्षेत्रों—जैसे नाव संचालन, गाइड सेवा, खाद्य स्टॉल, हस्तशिल्प बिक्री, पार्क प्रबंधन आदि—में स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से लाभ होगा।
साथ ही प्राकृतिक संसाधनों और पक्षियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, जिससे पर्यावरण संरक्षण को भी मजबूती मिलेगी।
: बिहार के नेचर सर्किट का नया सितारा बनेगी बरेला झील
बरेला झील सलीम अली पक्षी अभयारण्य को विकसित कर सरकार बिहार के नेचर एवं वाइल्ड लाइफ सर्किट को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ा रही है।
सौंदर्यीकरण, अवसंरचनात्मक विकास, पक्षी संरक्षण और पर्यटन सुविधाओं के समेकित प्रयासों से बरेला झील आने वाले समय में पर्यटकों का पसंदीदा गंतव्य बनेगी।
प्राकृतिक जैव विविधता, पक्षियों का विशाल संसार और शांत, खूबसूरत वातावरण इसे बिहार के प्रमुख पर्यटन स्थलों में विशेष पहचान दिलाएगा।
