📰 — वैशाली में मीडिया और सोशल मीडिया निगरानी पर विशेष निरीक्षण
स्थान: समाहरणालय, हाजीपुर, वैशाली
जारीकर्ता: जिला सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय, वैशाली (मीडिया कोषांग)
प्रेस विज्ञप्ति संख्या: 03
दिनांक: 12 अक्टूबर 2025
🗳️ वैशाली में चुनावी पारदर्शिता की तैयारी तेज
भारत निर्वाचन आयोग के व्यय प्रेक्षकों ने मीडिया, सोशल मीडिया और एमसीएमसी कोषांग का किया निरीक्षण
वैशाली, 12 अक्टूबर 2025 —
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों के ऐलान के साथ ही पूरे राज्य में आचार संहिता लागू हो चुकी है।
चुनाव को निष्पक्ष, पारदर्शी और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने की दिशा में भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने निगरानी व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ किया है।
इसी क्रम में आज दिनांक 12 अक्टूबर 2025 को आयोग द्वारा नियुक्त व्यय प्रेक्षक (Expenditure Observers) — श्री रुपेश सुकुमार एवं श्री आशुतोष शर्मा ने वैशाली जिला स्थित मीडिया / सोशल मीडिया – सह – पेड न्यूज – सह – एमसीएमसी (Media Certification & Monitoring Committee) कोषांग का विस्तृत निरीक्षण किया।
🏛️ निरीक्षण का उद्देश्य — निष्पक्ष चुनाव और पारदर्शी प्रचार
आयोग ने मीडिया की भूमिका को बताया लोकतंत्र की रीढ़
निरीक्षण के दौरान व्यय प्रेक्षकों ने कोषांग की कार्यप्रणाली (Functioning), निगरानी प्रणाली (Monitoring System) और रिपोर्टिंग मैकेनिज़्म का गहन अवलोकन किया।
उन्होंने कहा कि मीडिया और सोशल मीडिया दोनों ही लोकतंत्र की रीढ़ हैं, परंतु इनकी जिम्मेदारी है कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान निष्पक्षता और सटीकता बनाए रखें।
प्रेक्षकों ने नोडल पदाधिकारी (मीडिया) को निर्देश दिए कि —
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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रचारित या प्रसारित किसी भी भ्रामक, फर्जी या आचार संहिता उल्लंघन करने वाली सामग्री की तुरंत पहचान की जाए।
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ऐसी सामग्रियों पर त्वरित कार्रवाई (Immediate Action) सुनिश्चित की जाए।
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आयोग के निर्देशानुसार प्रत्येक पोस्ट और प्रचार सामग्री का रिकॉर्ड रखा जाए ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
📲 सोशल मीडिया पर पैनी निगरानी
फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर), यूट्यूब और व्हाट्सएप पर 24 घंटे की मॉनिटरिंग
चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर होने वाले प्रचार पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है।
आयोग की गाइडलाइन के अनुसार, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर (अब एक्स), यूट्यूब और व्हाट्सएप जैसे डिजिटल माध्यमों पर 24 घंटे निगरानी टीम (24×7 Social Media Monitoring Team) तैनात की गई है।
यह टीम रियल टाइम (Real-Time) आधार पर चुनाव से जुड़ी सभी पोस्ट, वीडियो, लाइव इवेंट और विज्ञापनों की जांच करेगी।
किसी भी भ्रामक, गलत या आचार संहिता उल्लंघन वाली पोस्ट मिलने पर तत्काल रिपोर्ट तैयार कर एमसीएमसी कोषांग के माध्यम से कार्रवाई की जाएगी।
⚖️ आयोग का निर्देश — “फर्जी खबर, अफवाह और नफरत फैलाने पर सख्त कार्रवाई”
अभद्र भाषा, धार्मिक भावनाओं और जातीय टिप्पणियों पर पूर्ण प्रतिबंध
व्यय प्रेक्षक श्री रुपेश सुकुमार और श्री आशुतोष शर्मा ने स्पष्ट कहा —
“चुनाव के दौरान सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की अफवाह, भ्रामक समाचार, या धार्मिक एवं जातीय भावना भड़काने वाली सामग्री को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि —
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ऐसी पोस्ट या वीडियो के प्रकाशक और प्रचारक, दोनों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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संबंधित उम्मीदवार या पार्टी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा सकती है।
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उल्लंघन से जुड़ी राशि उम्मीदवार के चुनाव व्यय खाते में जोड़ी जाएगी, जिससे पारदर्शिता बनी रहे।
💰 प्रचार व्यय पर सख्त निगरानी
बिना अनुमोदन सोशल मीडिया प्रचार पर लगेगी रोक
आयोग के सूत्रों के अनुसार, सभी संभावित उम्मीदवारों को यह निर्देश दिया गया है कि वे किसी भी प्रकार की प्रचार सामग्री — चाहे वह वीडियो, विज्ञापन, पोस्टर या डिजिटल कैम्पेन हो — बिना अनुमोदन (Pre-Certification) के सोशल मीडिया पर साझा न करें।
बिना अनुमोदन प्रचार करने पर —
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एफआईआर दर्ज होगी
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और चुनाव व्यय खाते में खर्च जोड़ा जाएगा
इससे न केवल चुनावी पारदर्शिता सुनिश्चित होगी बल्कि मतदाताओं को भ्रमित करने वाले प्रचार पर भी अंकुश लगेगा।
👥 निरीक्षण के दौरान उपस्थित अधिकारी
विभिन्न कोषांगों के नोडल पदाधिकारी व तकनीकी कर्मी रहे शामिल
निरीक्षण के अवसर पर निम्नलिखित अधिकारी उपस्थित रहे —
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व्यय अनुश्रवण कोषांग के नोडल पदाधिकारी
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आदर्श आचार संहिता कोषांग (सह C-Vigil) के नोडल पदाधिकारी
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आईटी मैनेजर
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तथा मीडिया / सोशल मीडिया कोषांग के कर्मी
इन सभी अधिकारियों ने आयोग के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने और चुनाव प्रक्रिया को स्वच्छ एवं पारदर्शी बनाने के संकल्प को दोहराया।
🧾 क्या है MCMC कोषांग?
“Media Certification & Monitoring Committee” की भूमिका
एमसीएमसी कोषांग का गठन चुनाव आयोग द्वारा प्रत्येक जिले में किया जाता है। इसका कार्य —
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मीडिया में प्रकाशित/प्रसारित समाचारों और विज्ञापनों की निगरानी करना।
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पेड न्यूज (Paid News) की पहचान करना।
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सोशल मीडिया प्रचार की प्रमाणिकता (Certification) सुनिश्चित करना।
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आचार संहिता से संबंधित शिकायतों पर त्वरित निर्णय लेना।
वैशाली जिले में यह कोषांग सक्रिय रूप से कार्य कर रही है और प्रत्येक रिपोर्ट की समीक्षा कर रही है ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता न हो।
🗣️ व्यय प्रेक्षकों का संदेश — “ईमानदार प्रचार, निष्पक्ष चुनाव”
मीडिया से निष्पक्षता बनाए रखने की अपील
निरीक्षण के दौरान व्यय प्रेक्षकों ने स्थानीय मीडिया प्रतिनिधियों से भी संवाद किया और कहा —
“मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। आपकी भूमिका चुनाव को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने में अत्यंत महत्वपूर्ण है। समाचारों को तथ्यों पर आधारित और निष्पक्ष तरीके से प्रकाशित करें।”
उन्होंने यह भी कहा कि झूठी खबरें या अपुष्ट दावे मतदाताओं के मन पर प्रभाव डाल सकते हैं, इसलिए हर रिपोर्ट जिम्मेदारी से प्रकाशित होनी चाहिए।
📡 24×7 कंट्रोल रूम और शिकायत व्यवस्था
किसी भी उल्लंघन की सूचना तुरंत दी जा सकती है
जिला प्रशासन द्वारा एक विशेष मॉनिटरिंग सेल और कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जहाँ नागरिक, मीडिया कर्मी या राजनीतिक प्रतिनिधि किसी भी प्रकार के आचार संहिता उल्लंघन या भ्रामक पोस्ट की शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
साथ ही, C-Vigil मोबाइल ऐप के माध्यम से आम जनता सीधे आयोग को भी शिकायत भेज सकती है। इस व्यवस्था से पारदर्शिता और नागरिक भागीदारी दोनों को बल मिल रहा है।
🔍 निष्कर्ष — “डिजिटल युग में निष्पक्ष चुनाव की मजबूत नींव”
वैशाली बना बिहार के लिए उदाहरण
डिजिटल युग में चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष रखना एक बड़ी चुनौती है।
लेकिन वैशाली प्रशासन ने जिस तत्परता और सख्ती के साथ सोशल मीडिया, पेड न्यूज और प्रचार व्यय पर निगरानी शुरू की है, वह बिहार के अन्य जिलों के लिए मिसाल बन सकता है।
यह पहल न केवल आचार संहिता के पालन को सुनिश्चित करेगी, बल्कि लोकतंत्र में जनता के विश्वास को भी और मजबूत बनाएगी।
🔖 प्रेस विज्ञप्ति द्वारा जारी:
जिला सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय, वैशाली (मीडिया कोषांग)
समाहरणालय, हाजीपुर
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