राघोपुर विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरीं जूही परवीन, बोलीं — “35 साल की गुलामी से मुक्ति के लिए आई हूं चुनावी मैदान में”
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के सियासी रण में एक नई और सशक्त आवाज़ के रूप में राघोपुर विधानसभा क्षेत्र से जूही परवीन ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया है। चुनावी माहौल में यह नामांकन काफी चर्चा में है, क्योंकि जूही परवीन ने अपने बयान से एक मजबूत संदेश दिया — “35 साल से चली आ रही गुलामी से मुक्ति दिलाने के लिए मैं मैदान में उतरी हूं।”
राघोपुर, जो लंबे समय से राष्ट्रीय स्तर के राजनीतिक परिवारों का गढ़ माना जाता रहा है, अब इस चुनाव में नई ऊर्जा, नई सोच और बदलाव की लहर महसूस कर रहा है।
🔷 नामांकन का दिन बना चर्चा का केंद्र
नामांकन का अंतिम दिन होने के कारण जिला समाहरणालय परिसर में भीड़ का जबरदस्त जमावड़ा देखने को मिला। कार्यकर्ताओं, समर्थकों और उत्साहित जनता की मौजूदगी ने माहौल को चुनावी रंगों से भर दिया।
जूही परवीन जब अपने समर्थकों के साथ नामांकन के लिए पहुंचीं, तो पूरा परिसर “जूही परवीन ज़िंदाबाद” और “परिवर्तन की लहर राघोपुर में” जैसे नारों से गूंज उठा। समर्थकों का उत्साह देखने लायक था, जिससे साफ संकेत मिला कि राघोपुर की राजनीति में इस बार मुकाबला त्रिकोणीय या बहुकोणीय हो सकता है।
🔷 जूही परवीन का राजनीतिक संदेश — "35 साल की गुलामी से मुक्ति"
नामांकन के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए जूही परवीन ने कहा —
“राघोपुर की जनता 35 साल से एक ही परिवार की राजनीति का हिस्सा बनी हुई है। अब समय है कि लोग इस गुलामी से आज़ाद हों और अपने भविष्य के लिए खुद निर्णय लें। मैं यहां सत्ता नहीं, सेवा करने आई हूं।”
उनके इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। जूही परवीन ने स्पष्ट रूप से जनता के बीच “परिवर्तन और आत्मनिर्भर राजनीति” की बात रखी, जो पारंपरिक नेताओं से अलग एक नई दिशा की ओर संकेत करती है।
🔷 राघोपुर की राजनीतिक पृष्ठभूमि
राघोपुर विधानसभा क्षेत्र बिहार की राजनीति में एक विशेष पहचान रखता है। यह क्षेत्र लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी प्रसाद यादव जैसे दिग्गज नेताओं का गढ़ माना जाता है। वर्षों से यह सीट राजद (RJD) के कब्जे में रही है और विपक्षी दलों को यहां पैर जमाने में मुश्किल होती रही है।
लेकिन इस बार के चुनाव में कई नए चेहरे और निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें जूही परवीन का नाम सबसे प्रमुखता से उभरा है। उनका नामांकन इस चुनाव को और दिलचस्प बना रहा है क्योंकि वे स्थानीय मुद्दों को लेकर जनता के बीच सीधे संवाद कर रही हैं।
🔷 जनता के मुद्दों पर फोकस
जूही परवीन ने अपने संबोधन में कहा कि वे राजनीति को “जनसेवा का माध्यम” मानती हैं। उन्होंने कहा कि राघोपुर के गांवों में अब भी विकास की बुनियादी जरूरतें अधूरी हैं —
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सड़कों की स्थिति खराब है
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युवाओं को रोजगार नहीं मिल पा रहा
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शिक्षा व्यवस्था कमजोर है
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स्वास्थ्य सुविधाएं सीमित हैं
उन्होंने वादा किया कि अगर जनता उन्हें मौका देती है, तो वे राघोपुर को एक आदर्श विधानसभा क्षेत्र के रूप में विकसित करेंगी।
“मैं यहां वादे नहीं, काम करने आई हूं। मेरा लक्ष्य है राघोपुर की बेटियों के लिए शिक्षा और सुरक्षा का बेहतर माहौल तैयार करना।”
🔷 निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनौती और उम्मीदें
निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ना आसान नहीं होता, लेकिन जूही परवीन का जनसंपर्क अभियान दिखाता है कि वे पूरी तैयारी के साथ मैदान में हैं। वे घर-घर जाकर महिलाओं, युवाओं और किसानों से संवाद कर रही हैं।
उनका चुनावी नारा है —
“अब जनता खुद तय करेगी अपनी दिशा और दशा।”
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राघोपुर में अगर वोटों का बिखराव हुआ, तो जूही परवीन निर्णायक भूमिका निभा सकती हैं।
🔷 महिला सशक्तिकरण का प्रतीक
जूही परवीन का राजनीति में आना न केवल राघोपुर बल्कि पूरे बिहार के लिए महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बन सकता है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि महिलाओं को अब केवल वोट बैंक नहीं, बल्कि निर्णय लेने वाली शक्ति बनना होगा।
“मैं चाहती हूं कि राघोपुर की हर महिला खुद को सशक्त महसूस करे, अपनी आवाज़ उठाए और बदलाव की भागीदार बने।”
🔷 चुनावी माहौल में बढ़ी हलचल
जूही परवीन के नामांकन के बाद राघोपुर विधानसभा का चुनावी माहौल और रोमांचक हो गया है। एक तरफ जहां प्रमुख राजनीतिक दल अपने पारंपरिक समर्थन पर भरोसा कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जूही परवीन जैसे स्वतंत्र उम्मीदवार जनता के बीच नई ऊर्जा और उम्मीद का संदेश फैला रहे हैं।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि इस बार राघोपुर में मुकाबला सिर्फ पार्टियों का नहीं, बल्कि विचारों और नीतियों का होगा।
🔷 जूही परवीन का विजन — “नई सोच, नया राघोपुर”
जूही परवीन ने अपने अभियान का मुख्य नारा रखा है —
“नई सोच, नया राघोपुर।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य राजनीति में पारदर्शिता, जवाबदेही और जनता की भागीदारी को बढ़ाना है।
वे युवाओं के लिए स्किल डेवलपमेंट सेंटर, महिलाओं के लिए सेल्फ-हेल्प ग्रुप और किसानों के लिए सीधी सहायता प्रणाली जैसी योजनाएं लाना चाहती हैं।
“मेरा लक्ष्य है ऐसा राघोपुर बनाना जहां हर व्यक्ति को समान अवसर मिले, और किसी को भी राजनीति के नाम पर ठगा न जाए।”
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राघोपुर विधानसभा चुनाव 2025 में जूही परवीन का नामांकन न केवल राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है बल्कि यह एक सामाजिक संदेश भी है — बदलाव संभव है, अगर जनता चाहे तो।
उनकी एंट्री ने इस पारंपरिक सीट को एक नए आयाम पर ला खड़ा किया है। अब देखना यह होगा कि जनता इस नई सोच और ईमानदार प्रयास को कितना समर्थन देती है।
जूही परवीन के नामांकन के साथ राघोपुर का चुनावी रण पहले से कहीं ज्यादा रोमांचक हो गया है।
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