करंट की चपेट में आने से युवक की मौत: बिजली विभाग की लापरवाही पर उठे सवाल
वार्ड पार्षद अमित कुमार सिंह ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और बिजली विभाग को जिम्मेदार ठहराया। और संभव मदद का भरोसा दिलाया।
घटना की बड़ी खबर
शहर में एक दर्दनाक हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। करंट की चपेट में आने से 18 वर्षीय युवक रामपाल की मौत हो गई। मृतक राजस्थान का रहने वाला था और यहां किराए के मकान में रहता था। इस हादसे ने न सिर्फ परिवार और स्थानीय लोगों को सदमे में डाल दिया है, बल्कि बिजली विभाग की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मृतक की पहचान और पृष्ठभूमि
मृतक युवक का नाम रामपाल, उम्र 18 वर्ष, बताया जा रहा है। उसका पैतृक घर राजस्थान में है, लेकिन वह यहां किराए के मकान में रहकर पढ़ाई और काम कर रहा था। रामपाल की उम्र अभी बहुत कम थी और उसके सपने अभी पूरे भी नहीं हुए थे। अचानक हुई इस घटना ने परिवार के सपनों को चकनाचूर कर दिया।
हादसे की वजह
सूत्रों के अनुसार, जिस जगह यह घटना हुई वहां बिजली का तार पहले से ही जर्जर अवस्था में था। आसपास के लोगों और वार्ड पार्षद ने कई बार बिजली विभाग को इस संबंध में सूचित किया था। बावजूद इसके समय पर कार्रवाई नहीं की गई। इसी लापरवाही के कारण करंट की चपेट में आने से युवक की जान चली गई।
वार्ड पार्षद का बयान
वार्ड पार्षद अमित कुमार सिंह ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और बिजली विभाग को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा:
“हमने पहले ही विभाग को खराब तार और खंभे की स्थिति के बारे में अवगत करा दिया था, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। यह पूरी तरह से विभाग की लापरवाही का नतीजा है। पीड़ित परिवार को हर संभव मदद दी जाएगी और दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई कराई जाएगी।”
स्थानीय लोगों का आक्रोश
घटना के बाद स्थानीय लोग आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि बिजली विभाग की ढिलाई और अनदेखी आम लोगों की जान पर भारी पड़ रही है। अक्सर तार टूटने, स्पार्किंग और खंभों में करंट आने की शिकायतें की जाती हैं, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला जाता।
लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर इस बार विभाग ने ठोस कदम नहीं उठाया तो वे आंदोलन करेंगे।
बिजली विभाग की भूमिका पर सवाल
यह हादसा केवल एक युवक की जान जाने का मामला नहीं है, बल्कि यह सिस्टम की लापरवाही का नतीजा है। जब पहले से शिकायत की गई थी तो विभाग ने सुधार क्यों नहीं किया? जिम्मेदारी तय करने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग अब जोर पकड़ रही है।
परिवार की हालत
रामपाल की मौत के बाद परिवार सदमे में है। माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार वालों का कहना है कि वह घर का सहारा था और उसकी मौत से सब कुछ उजड़ गया। राजस्थान में बैठे उसके परिजन यह खबर सुनते ही टूट गए।
आम जनजीवन पर असर
यह हादसा सिर्फ एक परिवार का दर्द नहीं है, बल्कि यह पूरे शहर के लिए चेतावनी है। अक्सर लापरवाही और ढीले सिस्टम के कारण ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। इस घटना के बाद लोगों में भय का माहौल है। लोग अपने बच्चों को बिजली के खंभों और तारों से दूर रहने की हिदायत दे रहे हैं।
हादसों का सिलसिला
यह पहली बार नहीं है जब बिजली विभाग की लापरवाही के कारण किसी की जान गई हो। इससे पहले भी कई बार शॉर्ट सर्किट, खुले तार और खंभों में करंट आने से हादसे हो चुके हैं। लेकिन हर बार मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है। इस बार स्थानीय लोगों का कहना है कि वे चुप नहीं बैठेंगे।
भविष्य की चुनौतियां
इस घटना ने साफ कर दिया है कि शहर में बिजली व्यवस्था सुधारने की सख्त जरूरत है। जर्जर तार, पुराने खंभे और अव्यवस्थित नेटवर्क किसी भी समय बड़ी दुर्घटना को जन्म दे सकते हैं। प्रशासन और विभाग को चाहिए कि इस घटना से सबक लेकर ठोस कदम उठाए।
समाधान और सुझाव
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जर्जर तारों को तुरंत बदला जाए।
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बिजली खंभों और तारों की नियमित जांच हो।
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शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई की जाए।
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दोषियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित हो।
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पीड़ित परिवार को मुआवजा और रोजगार की व्यवस्था हो।
रामपाल की मौत ने एक बार फिर बिजली विभाग की लापरवाही को उजागर किया है। यह केवल एक युवक की जान जाने का मामला नहीं, बल्कि सिस्टम की नाकामी का सबूत है। सवाल उठता है कि आखिर कब तक लोगों की जान यूं ही विभाग की अनदेखी के कारण जाती रहेगी। अब समय आ गया है कि जिम्मेदार अधिकारी और प्रशासन जागे और ठोस कदम उठाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
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