प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन: आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम GST 2.0
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने GST 2.0 के रोलआउट से कुछ घंटे पहले राष्ट्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने नवरात्रि की शुभकामनाएं दीं और इसे देश के लिए शुभ संयोग बताया। उन्होंने कहा कि जैसे नवरात्रि शक्ति की उपासना का पर्व है, वैसे ही GST 2.0 देश की अर्थव्यवस्था को नई शक्ति देने का काम करेगा।
नवरात्रि और आत्मनिर्भर भारत का संदेश
शक्ति और समृद्धि का पर्व
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत नवरात्रि की शुभकामनाओं से की। उन्होंने कहा,
"कल शक्ति की पूजा का पर्व नवरात्रि शुरू हो रहा है। नवरात्रि के पहले दिन ही देश आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रहा है।"
आत्मनिर्भर भारत के विज़न से जोड़ना
उन्होंने नवरात्रि और आत्मनिर्भर भारत के बीच सीधा संबंध जोड़ा। उन्होंने कहा कि नवरात्रि हमें संकल्प और साधना का संदेश देती है। उसी तरह GST 2.0 देश को आर्थिक आत्मनिर्भरता और पारदर्शिता की राह पर आगे बढ़ाएगा।
GST 2.0 क्यों खास है?
पुरानी चुनौतियों का समाधान
प्रधानमंत्री ने कहा कि GST के पहले संस्करण से देश को कई लाभ हुए, लेकिन व्यापारियों और आम जनता की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए GST 2.0 को और सरल और पारदर्शी बनाया गया है।
डिजिटल भारत की दिशा में कदम
उन्होंने जोर दिया कि यह नया सिस्टम पूरी तरह डिजिटल-फ्रेंडली और तकनीक-आधारित होगा, जिससे छोटे व्यापारी से लेकर बड़े उद्योग तक सभी को लाभ मिलेगा।
पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें
1. कर प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव
प्रधानमंत्री ने कहा कि GST 2.0 भारत की कर प्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव लेकर आएगा। इससे "एक राष्ट्र, एक कर" की परिकल्पना और मजबूत होगी।
2. छोटे व्यापारियों और स्टार्टअप्स को राहत
उन्होंने विशेष रूप से छोटे दुकानदारों, MSMEs और स्टार्टअप्स का जिक्र किया। उनके मुताबिक, GST 2.0 उन्हें जटिल कागज़ी कार्रवाई से मुक्त करेगा और बिज़नेस करने में आसानी (Ease of Doing Business) को बढ़ावा देगा।
3. उपभोक्ताओं को सस्ता सामान
पीएम मोदी ने कहा कि नई व्यवस्था से टैक्स चोरी पर रोक लगेगी, राजस्व बढ़ेगा और इससे सरकार को लोगों को सस्ती दरों पर वस्तुएं और सेवाएं उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।
4. पारदर्शिता और ईमानदार करदाता का सम्मान
प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि ईमानदार करदाताओं का सम्मान किया जाएगा। GST 2.0 में ऐसे कई प्रावधान हैं जो ईमानदार व्यापारियों को फायदा पहुंचाएंगे।
5. डिजिटल इंडिया को गति
उन्होंने बताया कि GST 2.0 पूरी तरह से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आधारित है। इससे कैशलेस इकॉनमी और डिजिटल इंडिया मिशन को बल मिलेगा।
आत्मनिर्भर भारत और GST 2.0 का संबंध
उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा
प्रधानमंत्री ने कहा कि नई व्यवस्था से घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और निर्यात प्रतिस्पर्धी बनेगा। इससे भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में मजबूत स्थिति बनाएगा।
विदेशी निवेश को आकर्षण
सरल और पारदर्शी टैक्स सिस्टम विदेशी निवेशकों के लिए भी आकर्षक होगा। उन्होंने दावा किया कि इससे भारत में FDI (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की चर्चा
GST 2017 से 2025 तक
पीएम मोदी ने अपने भाषण में याद दिलाया कि 2017 में GST लागू हुआ था। शुरुआती दिक्कतों के बावजूद इसने देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव किया। अब 2025 में GST 2.0 उसी यात्रा को नए युग में प्रवेश कराने वाला है।
राज्यों और केंद्र का सहयोग
उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि GST 2.0 संघीय ढांचे का बेहतरीन उदाहरण है। इसमें केंद्र और राज्य दोनों ने मिलकर कार्य किया है।
प्रधानमंत्री का आह्वान
जनता से सहयोग की अपील
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने देशवासियों से अपील की कि वे GST 2.0 का स्वागत करें और इसका पालन करते हुए ईमानदारी से टैक्स भरें।
व्यापारियों से अपेक्षा
उन्होंने कहा कि व्यापारी वर्ग को आगे बढ़कर इस नई व्यवस्था को अपनाना चाहिए। उन्होंने भरोसा जताया कि यह बदलाव व्यवसाय को आसान और तेज बनाएगा।
विपक्ष और आलोचकों को संदेश
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि बड़े सुधार हमेशा चुनौतियों के साथ आते हैं। आलोचकों को जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि GST 2.0 का मकसद जनता और व्यापारियों की सुविधा है, न कि उन्हें परेशान करना।
नवरात्रि की तरह एक नई शुरुआत
अंत में प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे नवरात्रि अंधकार पर प्रकाश और नकारात्मकता पर सकारात्मकता की विजय का प्रतीक है, वैसे ही GST 2.0 भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा देगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह संबोधन न सिर्फ GST 2.0 की घोषणा था, बल्कि इसे नवरात्रि और आत्मनिर्भर भारत के संदेश से जोड़कर उन्होंने इसे एक आध्यात्मिक और राष्ट्रीय संकल्प का रूप दिया।
GST 2.0 से भारत की कर व्यवस्था सरल, पारदर्शी और डिजिटल होने की दिशा में बढ़ेगी। छोटे व्यापारियों, उपभोक्ताओं और उद्योग जगत के लिए यह एक नया अवसर लेकर आएगी। प्रधानमंत्री का संदेश साफ था –
"नवरात्रि का शुभारंभ भारत की आर्थिक शक्ति के नए युग का आरंभ है।"
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