सराय रेलवे स्टेशन पर दो प्रमुख ट्रेनों का संचालन पुनः शुरू — क्षेत्र में उमंग की लहर, यह सिर्फ ट्रेनों का संचालन नहीं, बल्कि आम जनता की जीत है,” – आशुतोष कुमार, जिला परिषद अध्यक्ष,

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सराय रेलवे स्टेशन पर दो प्रमुख ट्रेनों का संचालन पुनः शुरू — क्षेत्र में उमंग की लहर

हरिहरनाथ एक्सप्रेस और बरौनी-ग्वालियर मेल को फिर से मिली पटरियों पर रफ्तार, यात्रियों और व्यापारियों ने ली राहत की सांस






एक बार फिर गुलजार हुआ सराय रेलवे स्टेशन

वैशाली जिले का सराय रेलवे स्टेशन, जो वर्षों से दो प्रमुख ट्रेनों के बंद होने से सन्नाटा झेल रहा था, अब फिर से रौनक से भर उठा है। हरिहरनाथ एक्सप्रेस और बरौनी-ग्वालियर मेल, जिनका संचालन कोरोना महामारी के बाद से बंद था, अब एक बार फिर यात्रियों की सेवा में लौट आई हैं। इस ऐलान के साथ ही इलाके में खुशी की लहर दौड़ गई है और आम लोगों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक ने रेलवे के इस फैसले का स्वागत किया है।






कोरोना काल के बाद से बंद थी सेवाएं

कोविड-19 महामारी के दौरान देशभर में ट्रेनों के संचालन को बंद किया गया था, जिनमें कई ट्रेनें तो बाद में पुनः शुरू हो गईं, लेकिन कुछ रूट आज भी ठप पड़े हैं। सराय स्टेशन से होकर गुजरने वाली हरिहरनाथ एक्सप्रेस और बरौनी-ग्वालियर मेल उन्हीं में से थीं। इन दोनों ट्रेनों की अनुपलब्धता के कारण यात्रियों को वैकल्पिक परिवहन साधनों पर निर्भर रहना पड़ता था, जिससे समय, पैसा और ऊर्जा की भारी बर्बादी होती थी।


छात्रों, मरीजों और व्यापारियों को झेलनी पड़ी दिक्कतें

इन ट्रेनों के बंद होने का सबसे बड़ा असर उन लोगों पर पड़ा, जिन्हें नियमित रूप से यात्रा करनी पड़ती थी:

  • छात्रों को कोचिंग और कॉलेज जाने में दिक्कत हुई

  • मरीजों को इलाज के लिए शहरों की ओर रुख करना मुश्किल हुआ

  • व्यापारियों की आपूर्ति श्रृंखला और आवागमन पर सीधा प्रभाव पड़ा

  • नौकरीपेशा लोगों को समय से ड्यूटी पर पहुंचने में बाधा आई


जनप्रतिनिधियों और संगठनों की रही अहम भूमिका

लगातार उठती रही मांग

ट्रेन सेवाओं की बहाली के लिए स्थानीय जनता, सामाजिक संगठनों, और जनप्रतिनिधियों ने मिलकर संघर्ष किया। कई बार रेल मंत्रालय को ज्ञापन सौंपे गए, और आवाज को मीडिया तक भी पहुंचाया गया।

जिला परिषद अध्यक्ष आशुतोष कुमार का नेतृत्व

इस आंदोलन में वैशाली जिला परिषद अध्यक्ष श्री आशुतोष कुमार की भूमिका सराहनीय रही। उन्होंने कई बार रेलवे अधिकारियों से मुलाकात कर इस मुद्दे को उठाया और स्थानीय जनता की भावना को प्रमुखता से प्रस्तुत किया।

“यह सिर्फ ट्रेनों का संचालन नहीं, बल्कि आम जनता की जीत है,” – आशुतोष कुमार, जिला परिषद अध्यक्ष


रेलवे प्रशासन ने दिया जनभावनाओं को सम्मान

रेलवे प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए निर्णय लिया कि दोनों ट्रेनों का संचालन पुनः शुरू किया जाए। प्रशासन का यह निर्णय जनहित में उठाया गया कदम बताया गया है, जिसे पूरे क्षेत्र में सराहा जा रहा है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,

"हमने देखा कि यात्रियों की संख्या, मांग और जनप्रतिनिधियों की अपील इस फैसले के पीछे मुख्य कारण हैं। हम आगे भी यात्रियों की सुविधा बढ़ाने की दिशा में काम करेंगे।"


हरिहरनाथ एक्सप्रेस: आस्था और यात्रा का संगम

हरिहरनाथ एक्सप्रेस न केवल यात्रियों का संपर्क मार्ग है, बल्कि यह धार्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह ट्रेन सराय होते हुए गंगा किनारे बसे पवित्र स्थलों को जोड़ती है।

  • तीर्थयात्रियों के लिए यह ट्रेन फिर से एक वरदान साबित होगी

  • बुजुर्गों और धार्मिक यात्राओं पर निकलने वालों के लिए सुरक्षित और सुलभ माध्यम


बरौनी-ग्वालियर मेल: शिक्षा, उद्योग और रोज़गार की कड़ी

बरौनी-ग्वालियर मेल एक लंबी दूरी की ट्रेन है जो बिहार से मध्यप्रदेश के ग्वालियर तक यात्रियों को जोड़ती है। इस ट्रेन के माध्यम से बिहार के लोग अब सीधे शैक्षिक, औद्योगिक और रोजगार केंद्रों तक पहुंच सकेंगे।

  • छात्रों को अब कॉलेज या कोचिंग के लिए लंबी दूरी तय करने में सुविधा

  • नौकरीपेशा वर्ग को समय और पैसे की बचत

  • व्यापारियों को व्यवसाय के विस्तार में मदद


स्थानीय बाजार और यात्रियों में दिखा उत्साह

स्टेशन पर उमड़ी भीड़

जैसे ही ट्रेनों के पुनः संचालन की घोषणा हुई, सराय रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ उमड़ पड़ी। सभी वर्गों के लोगों ने रेलवे प्रशासन के फैसले का स्वागत किया। स्टेशन के आस-पास के दुकानदार, ऑटो चालक और अन्य व्यवसायी भी इस फैसले से खुश नजर आए

स्थानीय दुकानदारों की प्रतिक्रिया

स्थानीय दुकानदार रंजीत कुमार ने कहा:

"ट्रेनें बंद होने से हमारी कमाई आधी हो गई थी। अब उम्मीद है कि फिर से पहले जैसा कारोबार होगा।"


यात्रियों की जुबानी राहत की कहानी

छात्र राहुल कुमार की प्रतिक्रिया

“मैं पटना में पढ़ाई करता हूं और हर सप्ताह घर आता-जाता था। ट्रेन बंद होने से बस या टैक्सी से आना बहुत महंगा और थकाऊ हो गया था। अब ट्रेन फिर से चलने लगी है तो बहुत राहत महसूस हो रही है।”

बुजुर्ग सरोज देवी की बात

“हम बुजुर्गों के लिए ट्रेन ही सबसे आसान साधन है। अब मंदिर दर्शन और बच्चों से मिलने जाना फिर से संभव हो गया है।”


रेलवे की भविष्य की योजनाएं

इस अवसर पर रेलवे ने सराय स्टेशन के आधुनिकीकरण की योजना का भी खुलासा किया। जल्द ही स्टेशन पर कई सुविधाओं को बेहतर किया जाएगा:

  • प्लेटफॉर्म विस्तार और ऊंचाई में सुधार

  • आधुनिक वेटिंग रूम

  • स्वच्छता व्यवस्था को मजबूत बनाना

  • टिकट बुकिंग काउंटरों का डिजिटलीकरण


 जन-जागरण और एकता की जीत

हरिहरनाथ एक्सप्रेस और बरौनी-ग्वालियर मेल का पुनः संचालन केवल एक परिवहन सेवा की बहाली नहीं है, बल्कि यह उस सामूहिक प्रयास का परिणाम है जो जनता और प्रतिनिधियों ने मिलकर किया। रेलवे प्रशासन ने जहां जनभावनाओं को सम्मान दिया, वहीं यह संदेश भी स्पष्ट किया कि जब आवाज़ एकजुट होती है, तो हर व्यवस्था को झुकना पड़ता है

अब यह सराय और आसपास के क्षेत्रों के लिए सुधार और विकास का संकेतक बन गया है। ट्रेनों की सीटी के साथ, एक बार फिर उम्मीदों की रेल पटरी पर लौट आई है।




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