गया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन: विकास की सौगातें और विपक्ष पर तीखे हमले
22 अगस्त 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के गया (गयाजी) में एक भव्य जनसभा को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने ₹13,000 करोड़ से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। पीएम मोदी ने अपने भाषण में एक ओर जहां बिहार की जनता को नई योजनाओं की सौगातें दीं, वहीं विपक्षी दलों पर तीखे राजनीतिक हमले भी किए।
गया का यह दौरा सिर्फ़ एक प्रशासनिक कार्यक्रम नहीं बल्कि बिहार के राजनीतिक भविष्य की दिशा तय करने वाला संदेश भी माना जा रहा है।
गया जी की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्ता
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत गयाजी की आध्यात्मिक पहचान से की। उन्होंने कहा कि गया वह धरती है जहां भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्ति का मार्ग मिला, और यह शहर मोक्ष और श्रद्धा की भूमि है। गयाजी में आकर उन्होंने श्रद्धा के साथ विकास का वादा जोड़ा और कहा कि "धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के साथ आधुनिकता का मेल ही बिहार को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा।"
₹13,000 करोड़ की विकास परियोजनाओं की सौगात
प्रधानमंत्री मोदी ने गया से कई बड़ी योजनाओं की शुरुआत की। इन परियोजनाओं में ऊर्जा, सड़क, रेल और स्वास्थ्य क्षेत्र की योजनाएँ शामिल हैं।
1. ऊर्जा और बिजली परियोजनाएँ
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बक्सर 660 MW थर्मल पावर प्लांट का लोकार्पण किया गया।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि "बिहार को बिजली के लिए कभी लालटेन पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।"
2. स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार
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मुज़फ्फरपुर में हॉमी भाभा कैंसर अस्पताल और रिसर्च सेंटर का उद्घाटन किया गया।
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यह अस्पताल न सिर्फ बिहार बल्कि पूरे पूर्वी भारत के लिए कैंसर मरीजों की जीवनरेखा साबित होगा।
3. सड़क और पुल परियोजनाएँ
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औंटा-सिमरिया गंगा पर 6-लेन पुल का उद्घाटन किया गया, जिससे उत्तर और दक्षिण बिहार की दूरी 100 किमी कम हो जाएगी।
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एनएच-31 पर चौ-लेन सड़क और बिक्रमगंज-डुमरांव रोड का भी शिलान्यास किया गया।
4. रेल क्षेत्र की सौगातें
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गया से नई दिल्ली के बीच अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई गई।
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"बौद्ध सर्किट ट्रेन" भी रवाना की गई, जो बिहार में धार्मिक पर्यटन को नई पहचान दिलाएगी।
डेमोग्राफी मिशन: एक नई पहल
प्रधानमंत्री मोदी ने “डेमोग्राफी मिशन” की शुरुआत का ऐलान किया।
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इस मिशन का मकसद जनसंख्या आधारित योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू करना है।
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पीएम ने कहा कि यह मिशन घुसपैठ रोकने और रोजगार के अवसरों को सुरक्षित करने में भी मददगार साबित होगा।
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यह योजना सीधे तौर पर गरीबों और वंचित तबकों तक सरकारी लाभ पहुँचाने की दिशा में अहम कदम है।
विपक्ष पर तीखे हमले
प्रधानमंत्री मोदी ने गया की सभा से विपक्ष पर भी तीखे प्रहार किए।
1. भ्रष्टाचार पर निशाना
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पीएम ने कहा,
“जेल से निकलकर भी कुर्सी पर बैठने वाले नेताओं का समय अब समाप्त हो गया है। जिस दिन कोई मंत्री या मुख्यमंत्री जेल जाएगा और 31 दिन तक बेल नहीं मिलेगी, उसी दिन उसे पद छोड़ना होगा।” -
उन्होंने यह बात 130वें संविधान संशोधन के संदर्भ में कही, जो भ्रष्टाचार पर नकेल कसने का नया प्रावधान है।
2. लालटेन राज की याद दिलाई
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मोदी ने कहा कि “लालटेन राज” के दौरान बिहार में अंधेरा, गरीबी और माओवादी हिंसा का बोलबाला था।
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उन्होंने कांग्रेस और राजद पर आरोप लगाया कि उन्होंने जनता का पैसा अपनी तिजोरी भरने में खर्च किया, जबकि जनता को अंधेरे में रखा।
3. विकास बनाम वंशवाद
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प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्षी दल सिर्फ परिवारवाद और वंशवाद की राजनीति में डूबे हुए हैं।
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उन्होंने जनता से आह्वान किया कि वे इस राजनीति को खारिज कर विकास और पारदर्शिता की राजनीति को अपनाएँ।
बिहार को मिला आवास और रोज़गार का सहारा
पीएम मोदी ने अपने भाषण में जनता को आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार ने बिहार को लाखों पक्के मकान, नल जल योजना, आयुष्मान भारत जैसी योजनाएँ दी हैं।
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गया जिले में ही 2 लाख से अधिक परिवारों को पक्के घर दिए जा चुके हैं।
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उन्होंने कहा कि “गरीबों का स्वाभिमान लौटाना और पलायन रोकना ही मेरी सरकार की प्राथमिकता है।”
बुनियादी ढांचे से आत्मनिर्भर बिहार
प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से पुल और सड़क योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास से न सिर्फ यात्रियों की दूरी घटेगी, बल्कि व्यापार और उद्योग भी फलेंगे-फूलेंगे।
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6-लेन पुल और नई ट्रेनों से बिहार का कनेक्टिविटी नेटवर्क देश के अन्य हिस्सों से और मजबूत होगा।
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धार्मिक पर्यटन, विशेषकर बौद्ध सर्किट, राज्य की अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा भरेगा।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री के इस दौरे पर विपक्ष ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी।
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लालू प्रसाद यादव ने कहा कि मोदी का यह दौरा दरअसल “नीतीश कुमार की राजनीति का पिंडदान” है।
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तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि गयाजी में झूठ और जुमलों की दुकान लगाई जा रही है।
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विपक्ष का कहना है कि केंद्र सरकार ने पिछले वर्षों में बिहार की उपेक्षा की है और चुनाव नजदीक आने पर विकास की बातें की जा रही हैं।
राजनीतिक संदेश और चुनावी समीकरण
गया की यह रैली आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बेहद अहम मानी जा रही है।
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एक ओर विकास योजनाओं की सौगात दी गई, दूसरी ओर विपक्ष के भ्रष्टाचार और वंशवाद पर हमला किया गया।
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मोदी ने संकेत दिया कि एनडीए सरकार गरीबों और युवाओं के लिए काम कर रही है, जबकि विपक्षी दल सत्ता के लिए लालची हैं।
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यह भाषण बिहार में एनडीए की चुनावी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गया भाषण विकास और राजनीतिक संदेशों का संतुलित मेल था।
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एक तरफ उन्होंने जनता को 13,000 करोड़ की योजनाओं की सौगात दी, जिनसे बिजली, सड़क, रेल और स्वास्थ्य सुविधाएँ बेहतर होंगी।
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वहीं दूसरी तरफ उन्होंने विपक्ष पर करारा हमला बोला और लालटेन राज की याद दिलाकर जनता से कहा कि “बिहार अब पीछे नहीं जाएगा।”
गया से दिया गया यह संबोधन आने वाले समय में न केवल बिहार की राजनीति बल्कि केंद्र की नीतियों की दिशा तय करने वाला साबित हो सकता है।
✍️ Writen articles by RUPESH KUMAR SINGH DIRECTOR SGNEWS official।

