शहीद कुंदन सिंह को श्रद्धांजलि देते पूर्व सांसद रामा किशोर सिंह: शहीद कुंदन की अमर वीर गाथा
भारत की भूमि हमेशा से वीर सपूतों की जननी रही है। यहां हर युग में ऐसे सच्चे रक्षक पैदा हुए जिन्होंने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति दे दी। वैशाली जिले के बरियारपुर निवासी शहीद कुंदन सिंह भी उन्हीं अमर सपूतों में से एक हैं। हाल ही में अरुणाचल प्रदेश में ड्यूटी के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए कुंदन सिंह को आज पूरा देश नमन कर रहा है।
कुंदन सिंह का जीवन परिचय
बचपन और शिक्षा
बरियारपुर गांव में जन्मे कुंदन सिंह बचपन से ही अनुशासनप्रिय और साहसी थे। गांव के विद्यालय से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई के दौरान सेना में भर्ती होने का सपना देखा।
सेना में भर्ती
देशभक्ति की भावना ने उन्हें भारतीय सेना का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया। चयन प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पार कर वे देश की रक्षा के लिए सेना में शामिल हुए।
अरुणाचल में ड्यूटी और शहादत
सीमा पर तैनाती
कुंदन सिंह की तैनाती अरुणाचल प्रदेश में थी। यह इलाका हमेशा से सामरिक दृष्टिकोण से संवेदनशील माना जाता है।
ड्यूटी के दौरान वीरगति
ड्यूटी के दौरान उन्होंने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। देश और प्रदेश के लिए यह क्षण अत्यंत दुखद था क्योंकि वैशाली ने अपना एक अनमोल रत्न खो दिया।
पूर्व सांसद रामा सिंह की श्रद्धांजलि
भावुक संबोधन
पूर्व सांसद रामा सिंह ने शहीद कुंदन सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा –
“हमने जिला के लोगों ने एक अनमोल रत्न खो दिया है। जब भी छुट्टी पर आते थे तो हमेशा मुलाकात होती थी। आज उनकी कमी हम सबको खल रही है।”
जन-जन की शोक लहर
शहीद के पार्थिव शरीर के गांव पहुंचने पर हजारों लोग उमड़ पड़े। हर किसी की आंखें नम थीं और पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।
परिवार और समाज की प्रतिक्रिया
परिवार का गर्व और दुख
कुंदन सिंह के परिवार को जहां बेटे की शहादत पर गर्व है, वहीं उनकी कमी ने सबको भावुक कर दिया। माता-पिता और परिजन बार-बार यही कहते हैं कि उन्होंने देश की रक्षा में अपना लाल खोया है।
समाज का समर्थन
गांव से लेकर पूरे जिले तक के लोग परिवार के साथ खड़े हैं। हर गली और चौराहे पर शहीद के सम्मान में लोग हाथ में तिरंगा लेकर खड़े थे।
शहादत का महत्व
देशभक्ति का संदेश
कुंदन सिंह की शहादत हम सबको यह संदेश देती है कि देश सर्वोपरि है। व्यक्तिगत सुख-दुख से ऊपर उठकर जब सैनिक सीमा पर तैनात रहते हैं तो वे असल में देश के सच्चे प्रहरी होते हैं।
युवाओं के लिए प्रेरणा
उनकी गाथा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी। गांव-गांव के युवा उनसे सीख लेंगे कि राष्ट्र की सेवा सर्वोच्च कर्तव्य है।
प्रशासन और सरकार की भूमिका
शोक संदेश और सम्मान
राज्य सरकार और प्रशासन की ओर से शहीद को श्रद्धांजलि दी गई। शहीद के अंतिम संस्कार में प्रशासनिक अधिकारी और राजनीतिक नेता उपस्थित हुए।
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शहीद कुंदन सिंह : अमर ज्योति
कुंदन सिंह ने जिस जज्बे और हिम्मत के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया, वह उन्हें सदैव अमर बना देता है। उनकी शहादत को लोग कभी नहीं भूलेंगे।
शहीद कुंदन सिंह केवल वैशाली जिले के लिए ही नहीं बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का विषय हैं। उनका जीवन और बलिदान हम सबके लिए प्रेरणास्रोत है। हमें न केवल उन्हें याद रखना है बल्कि उनके सपनों को साकार करने के लिए आगे बढ़ना होगा। जब तक सूरज-चांद रहेगा, कुंदन सिंह का नाम अमर रहेगा।
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