धरना प्रदर्शन: समता महाविद्यालय में स्नातकोत्तर पढ़ाई की मांग को लेकर एनएसयूआई और भीम आर्मी का आंदोलन

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धरना प्रदर्शन: समता महाविद्यालय में स्नातकोत्तर पढ़ाई की मांग को लेकर एनएसयूआई और भीम आर्मी का आंदोलन


*जंदाहा, 20 अगस्त 2025*





बिहार के वैशाली जिले के जंदाहा में समता महाविद्यालय में स्नातकोत्तर (पीजी) पढ़ाई शुरू कराने की मांग को लेकर राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) और भीम आर्मी के नेतृत्व में एक बड़ा धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया। इस प्रदर्शन में छात्रों, शिक्षा प्रेमियों और स्थानीय नेताओं ने एकजुट होकर अपनी मांगों को बुलंद किया। प्रदर्शन की शुरुआत बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुई, जिसके बाद प्रदर्शनकारी विभिन्न मार्गों से होते हुए प्रखंड कार्यालय पहुंचे और धरना शुरू किया। इस आंदोलन में हजारों छात्रों और समर्थकों की भागीदारी ने बिहार में उच्च शिक्षा की बदहाल स्थिति को फिर से उजागर किया।





धरना प्रदर्शन की शुरुआत और उद्देश्य

धरना प्रदर्शन की शुरुआत जंदाहा के अंबेडकर चौक पर बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुई। इस अवसर पर छात्रों और शिक्षा प्रेमियों ने बाबा साहेब के विचारों से प्रेरणा लेते हुए शिक्षा के अधिकार के लिए एकजुट होने का संकल्प लिया। माल्यार्पण के बाद, प्रदर्शनकारी नारेबाजी करते हुए जंदाहा के विभिन्न मार्गों से प्रखंड कार्यालय की ओर बढ़े। इस दौरान "शिक्षा का अधिकार, हमारा अधिकार", "समता महाविद्यालय में पीजी शुरू करो" जैसे गगनभेदी नारे गूंज रहे थे।


धरने का उद्देश्य

धरने का मुख्य उद्देश्य समता महाविद्यालय में स्नातकोत्तर पढ़ाई शुरू कराने की मांग को प्रशासन तक पहुंचाना था। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना था कि बिहार में उच्च शिक्षा की स्थिति बदहाल है, और स्थानीय स्तर पर स्नातकोत्तर पढ़ाई की सुविधा न होने के कारण छात्रों को दूर-दराज के शहरों में जाना पड़ता है, जो आर्थिक और सामाजिक रूप से कई परिवारों के लिए चुनौतीपूर्ण है।


धरना कार्यक्रम का नेतृत्व और संचालन


धरना कार्यक्रम की अध्यक्षता भीम आर्मी के प्रखंड अध्यक्ष बबलू कुमार ने की, जबकि संचालन एनएसयूआई के प्रदेश सचिव उत्तम ठाकुर और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता चंदन झा ने संयुक्त रूप से किया। धन्यवाद ज्ञापन मो. सलमान अहमद ने किया। इस दौरान आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने जंदाहा के प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) से मुलाकात की, जिसमें रंजीत पंडित, राजकिशोर कुमार, राकेश कुमार, बबलू कुमार, उत्तम ठाकुर, चंदन झा और यश राज शामिल थे।


जंदाहा बीडीओ का आश्वासन

प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान जंदाहा बीडीओ ने छात्रों की मांगों को उचित ठहराया और आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। बीडीओ ने कहा कि वह इस मांग को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाएंगे और समता महाविद्यालय में पीजी पढ़ाई शुरू करने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। इस आश्वासन ने प्रदर्शनकारियों में उम्मीद जगाई, लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।


 छात्रों और नेताओं का संबोधन


रंजीत पंडित का बयान

बिहार कांग्रेस कमिटी के प्रतिनिधि और पूर्व छात्र नेता रंजीत पंडित ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि समता महाविद्यालय में पीजी पढ़ाई शुरू करने के लिए अब तक 8,000 हस्ताक्षर एकत्र किए गए हैं। ये हस्ताक्षर महामहिम राज्यपाल को सौंपे जाएंगे ताकि इस मांग को और बल मिले। उन्होंने बिहार की गौरवशाली शैक्षिक विरासत का जिक्र करते हुए कहा, "बिहार एक समय विश्व का शैक्षिक केंद्र था, जहां नालंदा और विक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालयों में दुनिया भर से विद्यार्थी पढ़ने आते थे। लेकिन आज बिहार अपने ही छात्रों को उच्च शिक्षा देने में असमर्थ है।"


राजकिशोर कुमार और राकेश कुमार की मांग

समता महाविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व उपाध्यक्ष राजकिशोर कुमार और भीम आर्मी के वरिष्ठ नेता राकेश कुमार ने सवाल उठाया कि जब मिडिल स्कूल को हाई स्कूल और हाई स्कूल को प्लस टू में अपग्रेड किया जा सकता है, तो स्नातक स्तर के कॉलेज में स्नातकोत्तर पढ़ाई क्यों नहीं शुरू की जा सकती। उन्होंने कहा कि यह सुविधा स्थानीय छात्रों के लिए वरदान साबित होगी और उच्च शिक्षा को सुलभ बनाएगी।


राजद और बीआईपी नेताओं का समर्थन

राजद के जंदाहा प्रखंड अध्यक्ष राजेश ठाकुर और विकासशील इंसान पार्टी (बीआईपी) के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष विजय सहनी ने धरने को समर्थन देते हुए केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) उच्च शिक्षा को कमजोर करने की साजिश है, जबकि राज्य सरकार प्रोफेसरों और कर्मचारियों की भर्ती न करके शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त कर रही है।


 बिहार में उच्च शिक्षा की चुनौतियां


शिक्षा व्यवस्था की बदहाली

धरने के दौरान वक्ताओं ने बिहार में उच्च शिक्षा की बदहाल स्थिति पर प्रकाश डाला। बिहार, जो कभी नालंदा और विक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालयों के लिए जाना जाता था, आज उच्च शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ रहा है। विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में प्रोफेसरों और कर्मचारियों के रिक्त पद, अपर्याप्त बुनियादी ढांचा, और सरकारी उदासीनता ने छात्रों के भविष्य को खतरे में डाल दिया है।[


नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर सवाल

वक्ताओं ने केंद्र सरकार की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि यह नीति उच्च शिक्षा को निजीकरण की ओर ले जा रही है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्र उच्च शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। इसके अलावा, बिहार सरकार द्वारा रिक्त पदों पर भर्ती न करने से कॉलेजों में शिक्षकों की कमी एक गंभीर समस्या बन गई है।[]()


 आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी


छात्र नेताओं की चेतावनी

धरने को संबोधित करने वाले छात्र नेताओं ने स्पष्ट किया कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। एनएसयूआई के प्रदेश सचिव अरविंद आजाद, सुबोध पासवान, आलोक राज, और अन्य नेताओं ने कहा कि यह आंदोलन केवल समता महाविद्यालय तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे बिहार में उच्च शिक्षा की बेहतरी के लिए एक बड़ा जनांदोलन बनेगा।


स्थानीय समर्थन

धरने में यदुवंशी सेना के राष्ट्रीय महासचिव पंकज यादव, राजद के संजीत कुमार सुमन, वार्ड सदस्य राजू कुमार साह, अमरनाथ राम, संतोष राम, और अन्य स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं की उपस्थिति ने आंदोलन को और मजबूती प्रदान की। इन नेताओं ने छात्रों की मांगों का समर्थन करते हुए सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग की।


समता महाविद्यालय और स्थानीय शिक्षा की स्थिति


समता महाविद्यालय का महत्व

समता महाविद्यालय जंदाहा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण शैक्षिक संस्थान है, जो स्थानीय छात्रों को स्नातक स्तर की पढ़ाई प्रदान करता है। हालांकि, स्नातकोत्तर पढ़ाई की सुविधा न होने के कारण कई छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए पटना या अन्य बड़े शहरों का रुख करना पड़ता है। यह न केवल आर्थिक बोझ बढ़ाता है, बल्कि कई छात्रों को शिक्षा छोड़ने के लिए मजबूर करता है।


8,000 हस्ताक्षर: जन समर्थन का प्रतीक

आंदोलन के दौरान एकत्र किए गए 8,000 हस्ताक्षर इस बात का प्रमाण हैं कि समता महाविद्यालय में पीजी पढ़ाई शुरू करने की मांग केवल छात्रों की नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की है। ये हस्ताक्षर महामहिम राज्यपाल को सौंपे जाएंगे, जो इस मांग को और अधिक बल प्रदान करेगा।




जंदाहा में समता महाविद्यालय में स्नातकोत्तर पढ़ाई शुरू करने की मांग को लेकर एनएसयूआई और भीम आर्मी के नेतृत्व में आयोजित धरना प्रदर्शन बिहार में उच्च शिक्षा की बदहाल स्थिति को उजागर करता है। छात्रों और स्थानीय नेताओं ने एकजुट होकर सरकार को यह संदेश दिया है कि शिक्षा का अधिकार हर छात्र का मौलिक हक है। बीडीओ के आश्वासन के बावजूद, प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को लेकर दृढ़ हैं और आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दे चुके हैं। यह आंदोलन न केवल समता महाविद्यालय के लिए, बल्कि पूरे बिहार में उच्च शिक्षा के सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।


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