जन आशीर्वाद यात्रा को पीरापुर में मिला ऐतिहासिक जनसमर्थन
"अब नहीं होगा पलायन, महनार में ही देंगे हर वर्ग को रोजगार" – ई० रबिंद्र सिंह
✍️ लेखक – रूपेश कुमार सिंह
जन आशीर्वाद यात्रा: बदलाव की ओर एक जनांदोलन
महनार विधानसभा में परिवर्तन की बयार अब और तेज़ होती जा रही है। इसी कड़ी में आज पीरापुर पंचायत में जन आशीर्वाद यात्रा ने एक नया इतिहास रच दिया। यात्रा के दौरान जो जनसमर्थन, उत्साह और जुड़ाव देखने को मिला, वह यह संकेत देता है कि जनता अब निर्णायक बदलाव चाहती है।
ई० रबिंद्र सिंह के नेतृत्व में निकाली जा रही यह यात्रा केवल एक राजनैतिक अभियान नहीं, बल्कि जन संवाद, विकास और विश्वास का अभियान बन चुकी है। आज पीरापुर पंचायत के गांव-गांव में जनता का जो सैलाब उमड़ा, वह न केवल नेता के प्रति आस्था का प्रतीक है, बल्कि आने वाले समय में महनार की राजनीति की दिशा भी तय करता है।
🔸 स्वागत में बिछे फूल, गूंजे नारे, उमड़ा जनसैलाब
पीरापुर पंचायत के हर गली, नुक्कड़ और चौक-चौराहे पर लोगों ने ई० रबिंद्र सिंह का भव्य स्वागत किया। कहीं बच्चों ने तिलक लगाकर स्वागत किया, तो कहीं महिलाओं ने आरती उतारी। युवाओं ने गगनभेदी नारों से माहौल को जोश से भर दिया।
फूल-मालाओं से लदे रथ और "जय रबिंद्र सिंह" के नारों के बीच जब यात्रा आगे बढ़ रही थी, तब हर चेहरे पर उम्मीद, हर आंखों में सपना और हर दिल में विकास की चाह दिख रही थी। यही वह दृश्य था, जो यह स्पष्ट करता है कि अब महनार के लोग ठान चुके हैं – “हम बदलेंगे, हमारा नेतृत्व भी बदलेगा।”
🔸 रबिंद्र सिंह का संकल्प – “अब नहीं होगा पलायन”
जनसभा को संबोधित करते हुए ई० रबिंद्र सिंह ने सबसे बड़ी समस्या – पलायन – पर खुल कर बात की। उन्होंने कहा:
“महनार की सबसे बड़ी चुनौती है रोजगार का अभाव। हमारे नौजवान बिहार छोड़कर बाहर की धरती पर श्रमिक बनते हैं, अपने गांव-घर से कट जाते हैं। मैं यह पीड़ा समझता हूँ। अब यह पलायन नहीं होगा। मेरी पहली प्राथमिकता यही है कि हर पंचायत में स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन किया जाए।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह यात्रा महज प्रचार का साधन नहीं, बल्कि जनता के दुःख-दर्द को समझने और समाधान की खोज की पहल है।
🔸 “विकास, विश्वास और स्वाभिमान की यात्रा”
अपने भाषण में ई० रबिंद्र सिंह ने तीन शब्दों पर ज़ोर दिया – विकास, विश्वास और स्वाभिमान। उन्होंने कहा कि यह यात्रा इन तीन स्तंभों पर टिकी है।
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विकास: हर पंचायत में मूलभूत सुविधाएं – सड़क, बिजली, पानी, स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र।
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विश्वास: राजनीति में ईमानदारी, पारदर्शिता और ज़मीनी जुड़ाव।
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स्वाभिमान: युवाओं और किसानों को आत्मनिर्भर बनाकर उनके आत्मसम्मान को सुरक्षित रखना।
उन्होंने आगे कहा कि जब तक महनार के गांवों में रहने वाला बच्चा अपने गांव में ही बेहतर शिक्षा और नौकरी नहीं पा लेता, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा।
🔸 युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों का मिला साथ
जन आशीर्वाद यात्रा में शामिल भीड़ किसी पार्टी विशेष की नहीं, बल्कि महनार की आम जनता की थी।
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युवाओं ने रबिंद्र सिंह के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का संकल्प लिया।
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महिलाएं भी बड़ी संख्या में यात्रा में शामिल हुईं, जो यह दिखाता है कि अब महिलाएं भी राजनीतिक परिवर्तन की अहम धुरी बन चुकी हैं।
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बुजुर्गों ने आशीर्वाद दिया और उम्मीद जताई कि यह यात्रा महनार को फिर से गौरवशाली बनाएगी।
🔸 प्रमुख लोगों की सक्रिय भागीदारी
इस ऐतिहासिक यात्रा में क्षेत्र के अनेक सम्मानित और सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए। जिनमें प्रमुख थे:
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कुंदन कुमार सिंह
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रिंकू सिंह अमन जी
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दिनेश पासवान
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राजाराम सोनी
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जयलाल जी
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लालबहादुर चौधरी
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रमेश दास
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हरेंद्र राम
इन सभी ने स्पष्ट किया कि अब महनार को ज़मीन से जुड़ा, जनभावना से जुड़ा, और विकास के लिए समर्पित नेतृत्व चाहिए।
🔸 “महनार को चाहिए ज़मीन से जुड़ा नेतृत्व” – जनता की एक आवाज़
यात्रा में शामिल सभी वर्गों – किसान, मजदूर, व्यापारी, शिक्षक, छात्र – ने एक स्वर में कहा कि अब महनार को ऐसा नेतृत्व चाहिए:
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जो केवल चुनाव के समय न दिखे
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जो केवल वादा न करे, बल्कि काम करे
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जो गरीब, किसान, महिला, युवा – सभी की आवाज़ बने
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जो सच में महनार को पलायन से निजात दिला सके
जनता ने यह भी कहा कि वे ऐसे व्यक्ति के साथ हैं जो दिखावे से नहीं, विश्वास से जुड़ा हो।
🔸 निष्कर्ष: जन समर्थन से साफ संकेत – महनार मांगता है बदलाव
पीरापुर पंचायत में जन आशीर्वाद यात्रा को जो अपार समर्थन मिला, वह इस बात का संकेत है कि महनार अब नई दिशा की ओर बढ़ रहा है। यह यात्रा केवल समर्थन का प्रदर्शन नहीं, बल्कि जन-मन की भावना का स्वरूप बन चुकी है।
ई० रबिंद्र सिंह के नेतृत्व में जनता अब आशान्वित है कि महनार को वह नेतृत्व मिलेगा जो सच में उनकी समस्याओं को समझेगा, रोजगार और विकास देगा और क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाएगा।
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✍️ लेखक: रूपेश कुमार सिंह
(समाज और राजनीति के ज़मीनी सरोकारों पर लिखने वाले स्वतंत्र पत्रकार)

