शहीद जवान पंकज कुमार रजक को जिलाधिकारी वैशाली ने दी श्रद्धांजलि, शहीद के परिजनों से की मुलाकात, 21 लाख रुपये का चेक सौंपा।

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शहीद जवान पंकज कुमार रजक को जिलाधिकारी वैशाली ने दी श्रद्धांजलि

शहीद के परिजनों से की मुलाकात, 21 लाख रुपये का चेक सौंपा






 देश की रक्षा में बलिदान हुए वीर सपूत पंकज कुमार रजक

भगवानपुर प्रखंड के सराय थाना क्षेत्र अंतर्गत पौड़ा मदन सिंह गांव निवासी पंकज कुमार रजक भारतीय सेना में कार्यरत थे। दिनांक 16 जुलाई 2025 को राजस्थान के जैसलमेर में देश की सेवा करते हुए उन्होंने वीरगति प्राप्त की। उनका पार्थिव शरीर 19 जुलाई को उनके पैतृक गांव लाया गया, जहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस वीर सपूत की शहादत ने न केवल गांव, बल्कि समस्त वैशाली जिले को गौरवान्वित कर दिया।





जिलाधिकारी वैशाली ने की परिजनों से मुलाकात

आज दिनांक 21 जुलाई 2025 को वैशाली की जिलाधिकारी श्रीमती वर्षा सिंह पौड़ा मदन सिंह गांव पहुंचीं। उन्होंने शहीद जवान के परिजनों से मुलाकात कर गहरी संवेदना व्यक्त की। शहीद की पत्नी, डेढ़ वर्षीय पुत्री, माता-पिता और अन्य स्वजनों से मिलकर उन्होंने शोक-संतप्त परिवार को ढांढस बंधाया।

इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि पंकज कुमार रजक ने देश की सेवा में जो सर्वोच्च बलिदान दिया है, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनका नाम हर भारतीय के हृदय में हमेशा अमर रहेगा।


प्रशस्ति पत्र एवं आर्थिक सहायता प्रदान

परिवार से मुलाकात के क्रम में जिलाधिकारी ने शहीद की पत्नी को राज्य सरकार की ओर से प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। इसके साथ ही बिहार सरकार द्वारा स्वीकृत ₹21,00,000 (इक्कीस लाख रुपये) की आर्थिक सहायता राशि का चेक भी सौंपा गया। यह सहायता राशि शहीद के परिवार के भविष्य को सुरक्षित और स्थिर बनाने में सहयोग करेगी।


राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई

शहीद जवान का पार्थिव शरीर 19 जुलाई को जैसे ही गांव पहुंचा, माहौल गमगीन हो गया। अंतिम संस्कार हाजीपुर के कोनहारा घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया।
सेना के वरीय अधिकारियों, जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधियों और आम जनता की उपस्थिति में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
इस मौके पर लालगंज और महुआ के विधायक, जिला परिषद अध्यक्ष, जिलाधिकारी वैशाली, जिला स्तरीय वरीय अधिकारी, तथा भारतीय सेना के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।


धैर्य और सहयोग की अपील

जिलाधिकारी ने परिजनों से कहा कि यह दुख की घड़ी है, लेकिन पूरा जिला प्रशासन इस कठिन समय में उनके साथ है। उन्होंने आसपास के ग्रामीणों और समाज के लोगों से भी इस परिवार को सहयोग देने और धैर्य बनाए रखने की अपील की।

उन्होंने कहा,

"देश की रक्षा करते हुए किसी सपूत की शहादत सिर्फ एक परिवार का नुकसान नहीं होता, बल्कि पूरा देश एक बेटा खो देता है।"


शोकाकुल परिवार के प्रति संवेदना

मुलाकात के दौरान जिलाधिकारी स्वयं भावुक हो उठीं। उन्होंने नम आंखों से शहीद पंकज कुमार रजक की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर विनम्र श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उपस्थित अधिकारियों ने भी परिवार को विश्वास दिलाया कि हर स्तर पर उन्हें सहायता प्रदान की जाएगी।


उपस्थित अधिकारी और जनप्रतिनिधि

शहीद के गांव में जिलाधिकारी के साथ कई वरिष्ठ अधिकारी भी पहुंचे, जिनमें शामिल थे:

  • विशेष कार्य पदाधिकारी सह जिला स्थापना उप समाहर्ता, वैशाली

  • वैशाली थाना प्रभारी

  • सराय थाना प्रभारी

  • विशेष कार्य पदाधिकारी सह जिला आपूर्ति पदाधिकारी, वैशाली

  • प्रखंड विकास पदाधिकारी, लालगंज

  • अंचलाधिकारी, लालगंज

  • अन्य जिला स्तरीय पदाधिकारीगण

सभी अधिकारियों ने शहीद के परिवार को भरोसा दिलाया कि प्रशासन हर संभव सहायता के लिए तत्पर रहेगा।


स्थानीय जनता की भावनाएं

शहीद के पार्थिव शरीर के गांव पहुंचने के बाद हजारों की संख्या में ग्रामीणों, युवाओं और छात्र-छात्राओं ने उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी। स्थानीय युवाओं ने हाथों में तिरंगा लेकर भारत माता की जय, शहीद अमर रहें जैसे नारों से पूरा वातावरण गूंजा दिया।

गांव के बुजुर्गों ने बताया कि पंकज बेहद जिम्मेदार और निष्ठावान युवक थे। वे अक्सर गांव के बच्चों को सेना में भर्ती के लिए प्रेरित करते थे। उनका जीवन अनुकरणीय था और उनकी शहादत आने वाली पीढ़ियों को देशसेवा की प्रेरणा देगी।


देश के लिए बलिदान, गांव के लिए गौरव

पंकज कुमार रजक की शहादत ने पौड़ा मदन सिंह गांव को राष्ट्रीय मानचित्र पर लाकर खड़ा कर दिया है। जहां एक ओर परिवार में शोक की लहर है, वहीं गांववासियों को इस बात का गर्व भी है कि उनके गांव का एक बेटा देश के लिए वीरगति को प्राप्त हुआ।


  वीर शहीद को शत-शत नमन

शहीद पंकज कुमार रजक की वीरता, त्याग और देशभक्ति को शब्दों में बांध पाना संभव नहीं। वे सच्चे मायनों में भारत माता के वीर सपूत थे।
प्रशासन, सरकार और समाज ने मिलकर जिस प्रकार से उन्हें अंतिम विदाई दी और परिजनों को आश्वासन दिया, वह इस बात का प्रमाण है कि देश अपने वीरों को कभी नहीं भूलता।

हमें उम्मीद है कि शहीद की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिए गांव में स्मारक, सड़क या विद्यालय का नामकरण उनके नाम पर किया जाएगा।

जय हिंद।
शहीद पंकज अमर रहें।

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