राघोपुर में “माई-बहन संवाद” कार्यक्रम का आयोजन, महिलाओं के सशक्तिकरण को मिली नई दिशा

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 राघोपुर में “माई-बहन संवाद” कार्यक्रम का आयोजन, महिलाओं के सशक्तिकरण को मिली नई दिशा

राजद नेता केतन यादव की अगुवाई में चेचर गांव में वार्ड संख्या-7 में हुआ भव्य आयोजन, तेजस्वी यादव की ‘माई-बहन योजना’ पर केंद्रित रहा कार्यक्रम





🔷 राघोपुर में राजद की नई पहल: “माई-बहन योजना” से जुड़ा संवाद कार्यक्रम

बिहार की राजनीति में महिलाओं की भूमिका को और मजबूत करने की दिशा में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने एक नई सामाजिक पहल की शुरुआत की है। राघोपुर विधानसभा क्षेत्र के बिदुपुर प्रखंड अंतर्गत चेचर गांव के वार्ड संख्या-7 में राजद नेता केतन यादव के नेतृत्व में “माई-बहन संवाद” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मकसद था ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना





🔷 प्रमुख हस्तियों की भागीदारी

इस कार्यक्रम में कई वरिष्ठ राजद नेताओं और पदाधिकारियों ने भाग लिया।
प्रमुख उपस्थिति में शामिल थे:

  • प्रखंड अध्यक्ष नित्यानंद सरोज

  • महिला प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष सुचित्रा चौधरी

  • महिला प्रकोष्ठ की प्रखंड अध्यक्ष विभा रानी

  • प्रखंड सचिव संजीव सिंह

  • कार्यक्रम के आयोजक केतन यादव

इन सभी ने मंच से राजद नेता तेजस्वी यादव की "माई-बहन योजना" की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं को लेकर विस्तार से चर्चा की।





🔷 तेजस्वी यादव की सोच: “माई-बहन योजना” महिलाओं को अधिकार दिलाने की मुहिम

राजद के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की सोच रही है कि राजनीति केवल सत्ता का माध्यम नहीं, बल्कि बदलाव और अधिकार दिलाने का मंच हो। उनकी ‘माई-बहन योजना’ के माध्यम से पार्टी गांव-गांव, टोले-टोले की महिलाओं को संगठित कर रही है और उन्हें जागरूकता के माध्यम से मुख्यधारा में लाने की पहल कर रही है।

कार्यक्रम में तेजस्वी यादव की इस योजना को नारी सशक्तिकरण की कुंजी बताया गया। वक्ताओं ने कहा कि “राजद ही एकमात्र ऐसा दल है जो महिलाओं की आवाज को न सिर्फ सुनता है, बल्कि उसे राजनीति में जगह भी देता है।”


🔷 महिलाओं की भागीदारी रही जबरदस्त

कार्यक्रम में चेचर पंचायत सहित आसपास के कई गांवों की सैकड़ों महिलाएं शामिल हुईं। सभी ने खुले मंच से अपनी समस्याएं, सुझाव और अनुभव साझा किए। सबसे बड़ी बात यह रही कि इस संवाद कार्यक्रम ने ग्रामीण महिलाओं को एक मंच दिया, जहां उन्होंने बिना किसी संकोच के अपनी बात रखी।

महिला प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष सुचित्रा चौधरी ने कहा—

“आज गांव की माई-बहनें सिर्फ चूल्हा-चौका तक सीमित नहीं हैं। वे पंचायत, स्कूल, अस्पताल और समाज हर क्षेत्र में अपनी भूमिका निभा रही हैं।”


🔷 माई-बहन संवाद में रखे गए मुख्य मुद्दे

  1. महिलाओं की शिक्षा:
    प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक महिलाओं के लिए विशेष योजनाएं और छात्रवृत्ति की बात की गई।

  2. स्वास्थ्य सेवाएं:
    ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को मातृत्व के दौरान समुचित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की आवश्यकता जताई गई।

  3. रोजगार और आत्मनिर्भरता:
    महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ने, हुनरमंद बनाने और छोटे स्तर पर उद्यम शुरू करने के लिए योजनाओं का सुझाव रखा गया।

  4. घरेलू हिंसा और सुरक्षा:
    महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचार को रोकने और कानूनी अधिकारों की जानकारी देने पर जोर दिया गया।

  5. राजनीतिक भागीदारी:
    पंचायत स्तर से लेकर विधानसभा तक महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षण और नेतृत्व निर्माण की बात हुई।


🔷 केतन यादव की भूमिका रही अहम

कार्यक्रम के मुख्य आयोजक केतन यादव ने इस संवाद को लेकर कहा—

“हमारे नेता तेजस्वी यादव का सपना है कि माई-बहनें सिर्फ वोटर नहीं, नेता बनें। इस कार्यक्रम के माध्यम से हम महिलाओं की ताकत को संगठित करने की दिशा में काम कर रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि यह कार्यक्रम सिर्फ शुरुआत है, आने वाले समय में हर पंचायत में इस तरह के संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे


🔷 भविष्य की रणनीति

राजद अब गांव-गांव में महिला संवाद यात्रा शुरू करने जा रही है। इसके तहत:

  • प्रत्येक पंचायत में महिला जागरूकता कैंप लगेगा।

  • ‘माई-बहन संवाद टोली’ का गठन होगा जो नियमित रूप से ग्रामीण महिलाओं के साथ बैठक करेगी।

  • महिला शक्ति को पार्टी संगठन से जोड़ने के लिए स्पेशल सदस्यता अभियान शुरू किया जाएगा।


🔷 क्या बोले प्रखंड अध्यक्ष नित्यानंद सरोज?

उन्होंने कहा—

“राजद गरीब, पिछड़े, दलित और महिलाओं की पार्टी है। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार में एक नई राजनीतिक धारा बह रही है, जिसमें सबसे अहम भूमिका महिलाओं की होगी।”


🔷 🔚: ग्रामीण राजनीति में महिलाओं का बढ़ता कद

राघोपुर में “माई-बहन संवाद” के जरिए राजद ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह महिलाओं को सिर्फ एक वोट बैंक नहीं, बल्कि समाज के परिवर्तन की शक्ति मानता है। इस संवाद ने जहां महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ाया, वहीं उन्हें यह भी एहसास दिलाया कि उनकी बात सुनने वाला मंच और नेतृत्व मौजूद है।

तेजस्वी यादव की “माई-बहन योजना” का यह असर आने वाले चुनावों में राजद को एक सशक्त महिला आधार दिला सकता है।


रिपोर्ट: संवाददाता, राघोपुर – बिदुपुर
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