श्रावणी मेले की रौनक में रंग भरेगा भगवानपुर अड्डा: डीएम वर्षा सिंह ने किया सांस्कृतिक कार्यक्रमों का उद्घाटन
श्रद्धा, संस्कृति और मतदान जागरूकता का अद्भुत संगम
🔷 11 जुलाई से 9 अगस्त तक कांवरियों की यात्रा चरम पर
हर साल सावन के पवित्र महीने में लाखों श्रद्धालु गंगाजल लेकर पैदल यात्रा पर निकलते हैं। इस बार 11 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलने वाली श्रावणी मेले में लाखों कांवरिए पहलेजा घाट से जल लेकर हाजीपुर के रास्ते मुजफ्फरपुर स्थित बाबा गरीबनाथ मंदिर में जलाभिषेक के लिए जाएंगे। यह यात्रा केवल आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक समरसता का पर्व भी बन चुकी है।
🔷 भगवानपुर अड्डा बना श्रद्धालुओं का सांस्कृतिक पड़ाव
श्रद्धालुओं की इस कठिन यात्रा को मनोरंजक और ऊर्जावान बनाने के उद्देश्य से भगवानपुर अड्डा पर विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला शुरू की गई है। इस कार्यक्रम का उद्घाटन वैशाली की जिलाधिकारी श्रीमती वर्षा सिंह द्वारा किया गया।
उद्घाटन के अवसर पर डीएम ने कहा:
"श्रावणी मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा और मनोरंजन के लिए प्रशासन पूरी तत्परता से जुटा है। सांस्कृतिक कार्यक्रम न केवल मनोरंजन देंगे, बल्कि स्थानीय कलाकारों को मंच भी प्रदान करेंगे।"
🔷 हर शनिवार और रविवार को होंगे कार्यक्रम
श्रावण मास की प्रत्येक शनिवार और रविवार की शाम भगवानपुर अड्डा सांस्कृतिक गतिविधियों से गुलजार रहेगा। इसमें स्थानीय लोक कलाकार, नृत्य-संगीत दल, भक्ति गायन, झांकी प्रदर्शन और धार्मिक लीलाओं की प्रस्तुति शामिल होगी।
इस पहल का उद्देश्य है—
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कांवरियों को मनोरंजन और मानसिक राहत देना
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लोक संस्कृति और परंपरा का संरक्षण
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स्थानीय कलाकारों को मंच प्रदान करना
🔷 आस्था के साथ जनजागरूकता: मतदाता सूची पुनरीक्षण पर ज़ोर
इस धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन के साथ-साथ जागरूकता अभियान भी जोड़ा गया है। जिलाधिकारी वर्षा सिंह ने मौके पर मौजूद लोगों से अपील की कि वे मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान में भाग लें।
उन्होंने कहा कि सभी पात्र नागरिक अपने मतदाता फॉर्म भरें और गणना प्रपत्र (Enumeration Form) ऑनलाइन या संबंधित बूथ स्तर पर जल्द से जल्द जमा करें। 1 अगस्त को मतदाता सूची का प्रकाशन होना है, अतः इससे पहले सभी आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी कर लें।
🔷 कांवरियों की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम
हाजीपुर प्रशासन और जिला पुलिस ने श्रावणी मेले में कांवरियों की यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए कई जरूरी इंतजाम किए हैं:
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विशेष चिकित्सा शिविर
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पेयजल और शौचालय की सुविधा
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प्रशासनिक कंट्रोल रूम
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स्वयंसेवक और आपातकालीन प्रतिक्रिया दल की तैनाती
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सीसीटीवी और निगरानी टीमों की व्यवस्था
🔷 पुलिस और प्रशासन की साझा मुहिम
पुलिस अधीक्षक वैशाली श्री ललित मोहन शर्मा के नेतृत्व में यातायात नियंत्रण, सुरक्षा व्यवस्था और भीड़ प्रबंधन के लिए पुलिस बल की तैनाती की गई है। सभी संवेदनशील बिंदुओं पर विशेष चौकसी और महिला सुरक्षा को लेकर भी सतर्कता बरती जा रही है।
🔷 स्थानीय समाजसेवियों और संस्थाओं की भी सहभागिता
श्रावणी मेले में कई एनजीओ, सामाजिक संगठन और स्वयंसेवी संस्थाएं भी भागीदारी निभा रही हैं। वे कांवरियों को भोजन, जलपान, प्राथमिक चिकित्सा और विश्राम स्थल उपलब्ध करा रहे हैं। प्रशासन द्वारा सभी ऐसे संगठनों को अधिकृत पास जारी कर सहयोग हेतु प्रोत्साहित किया गया है।
🔷 श्रावणी मेले का महत्व
सावन के महीने में भगवान शिव को जल चढ़ाने की परंपरा सदियों पुरानी है।
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पहलेजा घाट से जल भरकर कांवरिए सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर बाबा गरीबनाथ धाम पहुंचते हैं।
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यह यात्रा त्याग, तपस्या और भक्ति का प्रतीक मानी जाती है।
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रास्ते में “बोल बम” और “हर हर महादेव” के जयघोष भक्तों की श्रद्धा को और सजीव कर देते हैं।
🔷 श्रद्धा, सेवा और संकल्प का मेल
भगवानपुर अड्डा पर हो रहे सांस्कृतिक आयोजन केवल भक्ति का माध्यम नहीं हैं, बल्कि यह मंच युवाओं को लोकतंत्र, संस्कृति और सामाजिक जिम्मेदारी से जोड़ने का काम भी कर रहे हैं।
जिलाधिकारी ने अंत में कहा:
“श्रावणी मेला केवल धार्मिक आयोजन नहीं, यह हमारी संस्कृति और नागरिक जिम्मेदारियों के संगम का अवसर है। हम सब मिलकर इसे सफल और प्रेरणादायक बनाएं।”
📌 🔚:
भगवानपुर अड्डा पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत श्रावणी मेले के वातावरण को उल्लासमय बनाने के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता की दिशा में एक सार्थक पहल है। आस्था और प्रशासनिक संवेदनशीलता के संगम ने यह सिद्ध कर दिया कि जब लोक पर्वों को जन सरोकारों से जोड़ा जाए, तो वे केवल धार्मिक आयोजन नहीं, जन-चेतना के माध्यम भी बन सकते हैं।
— रिपोर्ट: संवाददाता, हाजीपुर
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