लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को इंस्टाग्राम पर जान से मारने की धमकी, पार्टी ने दर्ज कराई एफआईआर
दलित नेतृत्व पर सीधा हमला: एलजेपी प्रवक्ता डॉ. राजेश भट्ट ने की कड़ी कार्रवाई की मांग
🔴 पटना से बड़ी खबर: सोशल मीडिया बना धमकी का मंच
बिहार की राजनीति में उस समय हलचल मच गई जब लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को एक अज्ञात व्यक्ति ने इंस्टाग्राम पर जान से मारने की धमकी दी। यह धमकी सामने आते ही पार्टी ने इसे लोकतंत्र और दलित नेतृत्व पर हमला करार देते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी।
🧾 प्रवक्ता डॉ. राजेश भट्ट ने पटना साइबर थाना में दर्ज कराई प्राथमिकी
एलजेपी (रामविलास) के मुख्य प्रवक्ता डॉ. राजेश भट्ट ने इस गंभीर मामले को संज्ञान में लेते हुए पटना के साइबर थाना में एफआईआर दर्ज कराई है। डॉ. भट्ट ने कहा कि यह घटना सिर्फ एक राजनीतिक व्यक्ति को धमकी नहीं, बल्कि संविधानिक मूल्यों और लोकतंत्र की आत्मा पर प्रहार है।
“यह लोकतंत्र पर हमला ही नहीं, बल्कि दलित नेतृत्व की बढ़ती स्वीकार्यता से घबराए मानसिकता का परिचायक है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” – डॉ. राजेश भट्ट
⚖️ कड़ी कार्रवाई की मांग, अपराधी की तत्काल गिरफ्तारी की अपील
प्रवक्ता ने बिहार पुलिस प्रशासन से मांग की है कि अपराधी को तत्काल गिरफ्तार कर, आईटी अधिनियम एवं दंड संहिता की सुसंगत धाराओं के तहत कठोर दंड दिया जाए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
📌 लोकतांत्रिक व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह
इस प्रकार की धमकी एक तरफ जन प्रतिनिधियों की सुरक्षा पर सवाल उठाती है तो वहीं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बढ़ते असामाजिक तत्वों की निर्भीकता को भी दर्शाती है। यह चिंता का विषय है कि एक केंद्रीय मंत्री को धमकाने वाला अपराधी सोशल मीडिया की आड़ में खुलेआम चुनौती दे रहा है।
🚨 पार्टी कार्यकर्ताओं में उबाल, विरोध प्रदर्शन की चेतावनी
इस घटना के बाद एलजेपी (रामविलास) के कार्यकर्ताओं में गहरा रोष व्याप्त है। सूत्रों की मानें तो यदि आरोपी की गिरफ्तारी शीघ्र नहीं होती, तो प्रदेशभर में धरना-प्रदर्शन एवं आंदोलन किया जा सकता है।
🔍 पुलिस जांच शुरू, सोशल मीडिया अकाउंट्स खंगाले जा रहे
पुलिस सूत्रों के अनुसार, एफआईआर दर्ज होते ही साइबर क्राइम विभाग ने इंस्टाग्राम यूजर की पहचान और आईपी एड्रेस की ट्रैकिंग शुरू कर दी है। जांच में मदद के लिए सोशल मीडिया कंपनी से तकनीकी सहयोग मांगा गया है।
📱 सोशल मीडिया: अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता या अपराधियों का अड्डा?
विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर दुर्भावनापूर्ण कंटेंट और धमकियों का अंधाधुंध उपयोग हो रहा है। ऐसे में सरकार और प्लेटफॉर्म्स को नियमों को सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है।
👤 चिराग पासवान: युवा और दलितों की आवाज
चिराग पासवान न केवल एक युवा और उभरते नेता हैं, बल्कि वह दलित समाज की नई पहचान के रूप में उभरे हैं। उनका "बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट" विजन युवाओं और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों में व्यापक लोकप्रियता हासिल कर रहा है। ऐसे में यह धमकी राजनीतिक साजिश भी मानी जा रही है।
🔈 विरोधियों की चुप्पी पर सवाल
इस पूरे मामले पर अभी तक मुख्य विपक्षी दलों या अन्य प्रमुख नेताओं की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, जिससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या ऐसे मामलों में राजनीतिक एकता और आवश्यक गंभीरता का अभाव है?
🔎 कानूनी दृष्टिकोण: कौन सी धाराएं लग सकती हैं?
धमकी देने वाले व्यक्ति पर निम्न कानूनी धाराएं लगाई जा सकती हैं:
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आईपीसी की धारा 506 – आपराधिक धमकी
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आईटी एक्ट की धारा 66A और 67 – आपत्तिजनक सामग्री का प्रसारण
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आईपीसी की धारा 153A – सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास
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चिराग पासवान को मिली धमकी सिर्फ एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं, यह एक विचारधारा, सामाजिक परिवर्तन और संविधानिक सत्ता के खिलाफ हमला है। ऐसे कृत्यों को यदि समय रहते रोका न गया, तो इसका असर पूरे लोकतंत्र पर पड़ेगा।
🔔 लोक जनशक्ति पार्टी ने प्रशासन को 48 घंटे की चेतावनी दी है कि अगर आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होती, तो पार्टी राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगी और राज्य सरकार की चुप्पी को लोकतंत्र के लिए घातक करार देगी।
(रिपोर्ट: ब्यूरो, विशेष संवाददाता रूपेश कुमार सिंह)


