जनता की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता: जिलाधिकारी वर्षा सिंह की अध्यक्षता में जनता दरबार सम्पन्न
✍ रूपेश कुमार सिंह, SG NEWS
प्रशासन और जनता के बीच संवाद का सशक्त माध्यम – जनता दरबार
जनसमस्याओं के त्वरित और प्रभावी समाधान के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा आयोजित जनता दरबार न केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया है, बल्कि यह लोकतांत्रिक शासन प्रणाली में पारदर्शिता, जवाबदेही और मानवीय संवेदनाओं को बल देने का जीवंत उदाहरण भी है। इसी क्रम में वैशाली की जिलाधिकारी श्रीमती वर्षा सिंह के नेतृत्व में जिला समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में आज एक सशक्त और प्रभावशाली जनता दरबार आयोजित किया गया।
जिलाधिकारी वर्षा सिंह ने सुनी आमजन की समस्याएं, दिए त्वरित समाधान के निर्देश
इस अवसर पर जिलाधिकारी श्रीमती वर्षा सिंह ने आम नागरिकों से सीधे संवाद स्थापित किया और उनकी विभिन्न प्रकार की शिकायतें, समस्याएं व सुझावों को गंभीरता से सुना। उन्होंने मौके पर ही संबंधित विभागीय पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए समस्याओं के शीघ्र व निष्पक्ष समाधान सुनिश्चित करने का आदेश दिया।
जिलाधिकारी ने कहा:
"हर व्यक्ति की समस्या प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण है। समाधान में देरी प्रशासन की विफलता मानी जाएगी।"
प्रमुख समस्याएं: भूमि विवाद, साइबर क्राइम, विधुत सेवा, राजस्व और लाइसेंसिंग से जुड़े मामले प्रमुख
जनता दरबार में आज जिन समस्याओं को प्रमुखता से उठाया गया, उनमें निम्नलिखित विषय शामिल थे:
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भूमि और अंचल विवाद: अतिक्रमण, दाखिल-खारिज में विलंब, सीमांकन व भूमि पंजीकरण से जुड़े दर्जनों मामले।
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राजस्व से संबंधित शिकायतें: भूमि कर भुगतान, रसीद निर्गमन में देरी, अद्यतन रिकार्ड की मांग।
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साइबर क्राइम: साइबर ठगी, फर्जी फोन कॉल, ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड से पीड़ित नागरिकों की शिकायतें।
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विधुत समस्या: ट्रांसफॉर्मर खराबी, अनियमित बिजली आपूर्ति, मीटर रीडिंग व बिलिंग त्रुटियों की शिकायतें।
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लाइसेंस व प्रमाणपत्र संबंधित मामले: हथियार लाइसेंस, आय/जाति/निवास प्रमाणपत्र में संशोधन व निर्गमन की समस्याएं।
इन सभी शिकायतों पर जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों के वरीय पदाधिकारियों को निर्धारित समय-सीमा में समाधान प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
जनकल्याण का उदाहरण: दिव्यांग को मिली व्हीलचेयर
जनता दरबार में एक अत्यंत मानवीय दृश्य तब सामने आया जब एक दिव्यांग नागरिक ने अपनी दैनिक जीवन की कठिनाइयों से अवगत कराया। जिलाधिकारी श्रीमती वर्षा सिंह ने तत्काल उस व्यक्ति के लिए व्हीलचेयर उपलब्ध कराने का आदेश दिया। कुछ ही समय में प्रशासन की ओर से एक नई व्हीलचेयर उस दिव्यांग नागरिक को ससम्मान भेंट की गई।
यह पहल न केवल प्रशासन की संवेदनशीलता का प्रतीक बनी, बल्कि जनता दरबार में उपस्थित अन्य नागरिकों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन गई।
दिव्यांग नागरिक ने कहा:
"मैंने सिर्फ आशा की थी, लेकिन आज प्रशासन ने मेरी पीड़ा को सम्मान दिया।"
पारदर्शिता और प्रभावशीलता: हर शिकायत पर बने केस फॉलोअप कार्ड
प्रत्येक प्राप्त शिकायत के लिए मौके पर केस फॉलोअप कार्ड जारी किए गए, जिसमें आवेदन संख्या, संबंधित विभाग, संपर्क अधिकारी व समस्या समाधान की समय-सीमा स्पष्ट रूप से अंकित की गई। इस प्रक्रिया से शिकायतकर्ता को पारदर्शिता का अनुभव हुआ और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर विश्वास भी बढ़ा।
समन्वय बैठक: अधिकारियों को चेतावनी और प्रोत्साहन
जनता दरबार के समापन के पश्चात जिलाधिकारी ने उपस्थित राजस्व, बिजली, पुलिस, अंचल, श्रम, समाज कल्याण, नगर निकाय एवं आईटी विभाग के अधिकारियों के साथ एक संक्षिप्त समन्वय बैठक भी की। इसमें उन्होंने कहा कि:
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"जनता की शिकायतों का समाधान कागजों में नहीं, धरातल पर दिखना चाहिए।"
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"शिकायतों को लेकर उदासीनता बरतने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई तय है।"
साइबर अपराधों पर विशेष ध्यान: आम नागरिकों को मिली जानकारी और चेतावनी
साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए दरबार में उपस्थित आईटी अधिकारी द्वारा साइबर जागरूकता पर लघु परिचर्चा भी आयोजित की गई। इसमें नागरिकों को बताया गया:
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अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
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OTP किसी के साथ साझा न करें।
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संदिग्ध कॉल्स की तुरंत सूचना साइबर सेल को दें।
यह जानकारी ग्रामीण परिवेश से आए नागरिकों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुई।
नागरिकों की संतुष्टि: प्रशासन से बढ़ा भरोसा
जनता दरबार में भाग लेने वाले नागरिकों ने जिलाधिकारी की संवेदनशीलता और सुनवाई की प्रक्रिया की सराहना की। श्रीमती मीना देवी, एक वृद्धा जो अपनी भूमि विवाद को लेकर आई थीं, ने कहा:
"पहली बार लगा कि हमारी बात सुनी गई। आशा है इस बार समाधान जरूर होगा।"
📍SG NEWS विशेष संवाददाता – रूपेश कुमार सिंह
🗓️ तिथि: 04 जुलाई 2025 | स्थान: जिला समाहरणालय, वैशाली
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