उत्तर बिहार को वंदे भारत की सौगात: पाटलिपुत्र से गोरखपुर तक हाई-स्पीड ट्रेन का शानदार शुभारंभ,

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उत्तर बिहार को वंदे भारत की सौगात: पाटलिपुत्र से गोरखपुर तक हाई-स्पीड ट्रेन का शानदार शुभारंभ

रेल मंत्रालय के प्रवक्ता और लोको पायलट ने साझा की भावनाएं, जनता ने जताई खुशी






हाजीपुर, वैशाली — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ड्रीम योजना वंदे भारत ट्रेन अब उत्तर बिहार से भी जुड़ गई है। इस ऐतिहासिक पहल से न केवल क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बल मिला है, बल्कि उत्तर बिहार के विकास, पर्यटन, व्यापार और कृषि को भी नई गति मिलने की उम्मीद जगी है। पाटलिपुत्र से गोरखपुर के बीच चलने वाली यह हाई-स्पीड ट्रेन हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, बेतिया, और कप्तानगंज जैसे प्रमुख स्टेशनों से होकर गुजरती है, जो इस क्षेत्र को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने का कार्य करेगी।


मोदी जी ने दिखाई हरी झंडी

इस ट्रेन को सिवान से डिजिटल माध्यम द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर देशभर में जश्न का माहौल था और उत्तर बिहार के लोग विशेष रूप से उत्साहित दिखे।

 हाजीपुर स्टेशन पर भी विशेष तैयारियां की गई थीं, जहां पर स्थानीय विधायक, अवधेश सिंह जिला प्रशासन, और रेलवे अधिकारी समेत सैकड़ों नागरिक मौजूद थे।


हाजीपुर स्टेशन बना सेल्फी पॉइंट

वंदे भारत ट्रेन के पहली बार हाजीपुर पहुंचने पर यहां उत्सव जैसा माहौल था। बड़ी संख्या में स्थानीय लोग स्टेशन पर पहुंचे और ट्रेन के साथ सेल्फी लेते नजर आए। लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि उन्होंने उत्तर बिहार को यह ऐतिहासिक तोहफा देकर वर्षों पुरानी मांग को पूरा किया है।


रेल मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताई योजना की महत्ता

इस अवसर पर रेल मंत्रालय के प्रवक्ता श्री दिलीप कुमार ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री मोदी का उद्देश्य है कि किफायती दर पर विश्व स्तरीय रेल सुविधा आम जनता को मिले। उन्होंने कहा:

"हमारा लक्ष्य है कि देश के हर नागरिक को बेहतर और सुरक्षित रेल सेवा मिले। वंदे भारत उसी दिशा में एक ठोस कदम है।"

उन्होंने यह भी जानकारी दी कि अब तक 24 राज्यों में वंदे भारत ट्रेनें शुरू हो चुकी हैं और ये 400 से अधिक जिलों को जोड़ रही हैं। पाटलिपुत्र से गोरखपुर के लिए शुरू हुई इस नई ट्रेन के साथ वंदे भारत की कुल संख्या 402 हो गई है







उत्तर बिहार को मिला बड़ा फायदा

प्रवक्ता दिलीप कुमार ने यह भी कहा कि यह क्षेत्र पर्यटन, व्यापार और कृषि की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है:

  • हाजीपुर अपने केले के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है।

  • मुजफ्फरपुर की लीची देश ही नहीं, बल्कि जापान और पश्चिम एशियाई देशों में भी निर्यात होती है।

  • यह क्षेत्र महात्मा गांधी की कर्मभूमि रहा है और यहीं पर उन्होंने सत्य और अहिंसा का पहला प्रयोग किया था।

इसलिए इस ट्रेन के माध्यम से न सिर्फ यात्री सुविधाओं में सुधार होगा, बल्कि यह पर्यटन को बढ़ावा देने, व्यापार को गति देने और कृषि उत्पादों की आसान आवाजाही में भी मददगार साबित होगी।


जनता की वर्षों पुरानी मांग हुई पूरी

उत्तर बिहार के लोगों की लंबे समय से मांग थी कि क्षेत्र को भी वंदे भारत ट्रेन से जोड़ा जाए। स्थानीय सांसदों, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने बार-बार यह मांग उठाई थी। अब जब यह मांग पूरी हुई, तो क्षेत्र के लोगों में उत्साह और गर्व का माहौल है।

वैशाली, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, और अन्य पड़ोसी जिलों के लोगों ने इसे एक ऐतिहासिक पल बताया और सभी ने एक स्वर में केंद्र सरकार का धन्यवाद किया।


वंदे भारत के लोको पायलट की भावनाएं

इस ट्रेन को चलाने वाले लोको पायलट श्री रवि रंजन कुमार ने अपनी भावनाएं साझा करते हुए कहा:

"यह मेरे लिए गर्व की बात है कि मैं वंदे भारत ट्रेन चला रहा हूं। यह ट्रेन तकनीकी रूप से बहुत उन्नत है, इसे चलाना भी आसान है और यह काफी सुरक्षित भी है। बहुत ही कम समय में हम गोरखपुर पहुंच रहे हैं।"

उन्होंने यह भी कहा कि हाजीपुर में जनता ने जिस तरह से उनका स्वागत किया, वह भावनात्मक और उत्साहवर्धक था।


तकनीकी विशेषताएं और लाभ

वंदे भारत ट्रेनें भारतीय रेलवे की सेमी-हाई स्पीड श्रेणी की अत्याधुनिक ट्रेनें हैं जो लगभग 160 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकती हैं। इसमें यात्रियों के लिए कई आधुनिक सुविधाएं होती हैं, जैसे:

  • स्वचालित दरवाजे

  • GPS आधारित सूचना प्रणाली

  • बायो-वैक्यूम टॉयलेट्स

  • CCTV निगरानी

  • Wi-Fi सुविधा

  • सुरक्षा और आराम का उच्चतम स्तर

इन सुविधाओं के कारण यह ट्रेन आम जनता के लिए समय की बचत, सुविधाजनक यात्रा और आधुनिक भारत की झलक प्रस्तुत करती है।


पर्यटन और आर्थिक दृष्टिकोण से लाभकारी

उत्तर बिहार में वैशाली, सारण, मोतिहारी, और बेतिया जैसे जिले ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के केंद्र हैं। वंदे भारत ट्रेन से इन क्षेत्रों तक पहुंचना अब आसान हो गया है, जिससे स्थानीय पर्यटन उद्योग को बल मिलेगा। साथ ही स्थानीय उत्पादों, जैसे कि केले, लीची, और अन्य कृषि वस्तुओं की तेजी से आपूर्ति संभव होगी।


उत्तर बिहार को मिली वंदे भारत ट्रेन न सिर्फ एक नया परिवहन विकल्प है, बल्कि यह विकास, सुविधा और कनेक्टिविटी की नई लहर है। यह ट्रेन आम नागरिकों के लिए एक वरदान साबित होगी। यह प्रधानमंत्री की उस सोच को साकार करती है, जिसमें देश के हर क्षेत्र, हर वर्ग को बराबर अवसर और सुविधा मिले।

वैशाली, हाजीपुर, मुजफ्फरपुर और समस्त उत्तर बिहारवासियों को यह ऐतिहासिक उपलब्धि पर बहुत-बहुत बधाई।



WRITEN BY RUPESH KUMAR SINGH DIRECTOR SGNEWS OFFICIAL 


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