हाजीपुर में पोखर में डूबने से मासूम संध्या की मौत
दर्दनाक हादसे से पूरे इलाके में मातम
हाजीपुर से एक हृदय विदारक घटना सामने आई है, जहां सुबह-सुबह खेलने के दौरान एक मासूम बच्ची की पोखर में डूबने से मौत हो गई। मृतका बच्ची की पहचान संध्या कुमारी, पिता राजेश राम, ग्राम चक मोहम्मद चिश्ती, वार्ड संख्या 43, थाना गंगा ब्रिज, हाजीपुर के रूप में की गई है। यह घटना सुबह करीब 5 बजे की बताई जा रही है, जब संध्या अपने घर के पास खेल रही थी और अचानक पैर फिसल जाने से पोखर में गिर गई।
घटना का पूरा विवरण
स्थानीय लोगों के अनुसार, संध्या रोजाना की तरह सुबह खेल रही थी। मोहल्ले के बच्चों के साथ वह पोखर के किनारे पहुंची। अचानक पैर फिसलने से संध्या पोखर में जा गिरी और गहरे पानी में डूब गई।
वार्ड पार्षद विशाल कुमार ने बताया कि यह पूरी तरह से एक दुर्घटना है। उन्होंने कहा कि सुबह 5 बजे के आसपास यह हादसा हुआ, जब अधिकतर लोग घरों में व्यस्त थे। बच्ची के डूबने के बाद जब आसपास के लोगों ने शोर सुना तो मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही गंगा ब्रिज थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए हाजीपुर सदर अस्पताल भेज दिया। थाना प्रभारी ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह एक दुर्घटना का मामला प्रतीत होता है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
संध्या कुमारी के असामयिक निधन से परिवार पूरी तरह से सदमे में है। पिता राजेश राम और माता का रो-रोकर बुरा हाल है। संध्या परिवार की इकलौती बेटी थी, जिससे पूरे परिवार की उम्मीदें जुड़ी हुई थीं। घटना के बाद से ही पूरे मोहल्ले में मातम का माहौल है।
गांव और मोहल्ले की महिलाएं संध्या की मां को ढांढस बंधा रही हैं, लेकिन उनके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। पड़ोसियों ने बताया कि संध्या एक बेहद चंचल और प्यारी बच्ची थी, जिसे हर कोई बेहद प्यार करता था।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति
घटना की जानकारी मिलते ही वार्ड पार्षद विशाल कुमार घटनास्थल पर पहुंचे और grieving परिवार को ढांढस बंधाया। उन्होंने कहा कि प्रशासन से मांग की जाएगी कि शोक संतप्त परिवार को सरकारी सहायता उपलब्ध कराई जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए पोखर और अन्य जलाशयों के किनारों को सुरक्षित करने की जरूरत है।
ग्रामीणों की चिंता और नाराजगी
ग्राम चक मोहम्मद चिश्ती के लोगों ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। ग्रामीणों का कहना है कि इलाके में कई ऐसे पोखर और तालाब हैं जिनके किनारों पर कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं है।
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की कि जल्द से जल्द इन जगहों पर सुरक्षा जाल या बाउंड्री का निर्माण कराया जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
प्रशासन की जिम्मेदारी
यह घटना प्रशासन की जिम्मेदारियों पर भी सवाल उठाती है। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार ऐसे हादसे हो चुके हैं, लेकिन अब तक किसी तरह की ठोस व्यवस्था नहीं की गई है।
नगर परिषद और स्थानीय निकाय को चाहिए कि वे जलाशयों के आसपास बाड़बंदी, चेतावनी बोर्ड और सुरक्षा इंतजाम करें। साथ ही, बच्चों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जाए।
समाज के लिए सीख
यह दुखद हादसा समाज को एक सीख देता है। छोटे बच्चों को जलाशयों के पास अकेले खेलने से रोकना चाहिए। माता-पिता और अभिभावकों को बच्चों पर लगातार नजर रखनी चाहिए, ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सके।
साथ ही, स्थानीय समाजसेवी संगठनों को भी चाहिए कि वे इस विषय पर जागरूकता अभियान चलाएं और लोगों को सतर्क करें।
संध्या कुमारी की मौत सिर्फ एक परिवार का नुकसान नहीं है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक पीड़ा है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि सुरक्षा में लापरवाही का परिणाम कितना भयावह हो सकता है।
आज एक मासूम बच्ची अपनी जिंदगी की शुरुआत भी ठीक से नहीं कर पाई और दुनिया से विदा हो गई। अब जरूरत है कि प्रशासन, जनप्रतिनिधि और समाज मिलकर आगे की ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं।
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