हाजीपुर में पासवान समाज की महत्त्वपूर्ण बैठक : सामाजिक और राजनीतिक भागीदारी की मांग
31 अगस्त 2025 को हाजीपुर के शुक्लाईन मंदिर प्रांगण में पासवान समाज की एक महत्त्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का नेतृत्व उप सभापति प्रतिनिधि मनोरंजन पासवान ने किया। बैठक का मुख्य उद्देश्य हाजीपुर विधानसभा में पासवान समाज की संख्या के अनुरूप उनकी राजनीतिक और सामाजिक भागीदारी सुनिश्चित करने की मांग उठाना था।
मनोरंजन पासवान ने कहा कि हाजीपुर विधानसभा क्षेत्र में पासवान समाज की संख्या लगभग 50,000 वोटरों की है, इसके बावजूद इस समुदाय को राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर पर्याप्त भागीदारी नहीं मिल रही है।
बैठक का आयोजन और नेतृत्व
बैठक का आयोजन बड़े ही सुव्यवस्थित तरीके से किया गया। हाजीपुर विधानसभा क्षेत्र के सभी पंचायतों और नगर परिषद के प्रत्येक वार्डों से पासवान समाज के प्रतिनिधि और बुद्धिजीवी इसमें शामिल हुए।
इस बैठक का संचालन उप सभापति प्रतिनिधि मनोरंजन पासवान ने किया, जिन्होंने समाज को एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद करने का आह्वान किया।
बैठक का उद्देश्य
बैठक का मूल उद्देश्य था –
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हाजीपुर विधानसभा में पासवान समाज की राजनीतिक उपेक्षा पर चर्चा।
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50,000 वोटरों की संख्या के अनुरूप भागीदारी की मांग।
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समाज के विभिन्न स्तरों पर एकजुटता और संगठन को मजबूत करना।
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पंचायत और वार्ड स्तर पर समाज की समस्याओं को चिन्हित करना।
मनोरंजन पासवान ने कहा कि "इतनी बड़ी संख्या में वोट होने के बावजूद हमारी भागीदारी तय नहीं की जाती, जो बेहद दुखद है। समाज को अब अपनी ताकत का अहसास कराना होगा।"
प्रमुख उपस्थित लोग
बैठक में पासवान समाज के कई पंचायत प्रतिनिधि, वार्ड पार्षद और बुद्धिजीवी शामिल हुए। इनमें प्रमुख नाम इस प्रकार हैं –
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दिलीप पासवान – सरपंच, सुल्तानपुर
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गोपाल पासवान – सरपंच, सहदुल्लहपुर
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विनोद पासवान – पंचायत समिति सदस्य, धोबघट्टी
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रंजीत पासवान – पंचायत समिति सदस्य, मिल्की
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संजीव पासवान – पंचायत समिति सदस्य, पानापुर लंगा
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शिव भगत – वार्ड पार्षद
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नरेंद्र पासवान, गोला पासवान, अर्जुन पासवान, रंधीर पासवान, संतोष पासवान, नरेश पासवान, चंदेश्वर पासवान सहित कई बुद्धिजीवी
इस व्यापक भागीदारी ने यह सिद्ध कर दिया कि पासवान समाज अपनी एकजुटता दिखाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
राजनीतिक समीकरण में पासवान समाज की भूमिका
हाजीपुर विधानसभा क्षेत्र में पासवान समाज का वोट बैंक काफी मजबूत माना जाता है। लगभग 50,000 वोटर किसी भी प्रत्याशी की जीत या हार का फैसला करने में निर्णायक साबित हो सकते हैं।
इतिहास गवाह है कि बिहार की राजनीति में दलित समाज, विशेषकर पासवान समुदाय ने हमेशा बड़ी भूमिका निभाई है। रामविलास पासवान जैसे नेता ने इस समुदाय को राष्ट्रीय राजनीति में पहचान दिलाई।
लेकिन स्थानीय स्तर पर अभी भी यह समाज उचित प्रतिनिधित्व से वंचित है। यही कारण है कि इस बैठक में समुदाय के नेताओं ने अपनी राजनीतिक ताकत को एकजुट होकर सामने लाने का निर्णय लिया।
सामाजिक और राजनीतिक भागीदारी की कमी
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि हाजीपुर विधानसभा में बड़े वोट बैंक होने के बावजूद पासवान समाज को –
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पार्टी टिकटों में उपेक्षा झेलनी पड़ती है।
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पंचायत और जिला स्तर पर प्रमुख पदों से वंचित रखा जाता है।
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सरकारी योजनाओं के लाभ वितरण में असमानता देखने को मिलती है।
मनोरंजन पासवान ने कहा कि "जब तक हम संगठित नहीं होंगे, तब तक हमें हमारी वास्तविक भागीदारी नहीं मिलेगी।"
बैठक से निकले प्रस्ताव
बैठक में समाज की बेहतरी के लिए कई महत्त्वपूर्ण प्रस्ताव पास किए गए –
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राजनीतिक एकजुटता – चुनाव के समय पासवान समाज सामूहिक रूप से एक निर्णय लेगा।
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युवा शक्ति को जोड़ना – युवा पीढ़ी को राजनीति और समाज सेवा में शामिल करने पर जोर दिया जाएगा।
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शिक्षा और रोजगार – समाज के बच्चों के लिए शिक्षा और नौकरी की दिशा में सामूहिक प्रयास किए जाएंगे।
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अधिकारों की मांग – सभी राजनीतिक दलों से मांग की जाएगी कि हाजीपुर विधानसभा में पासवान समाज को टिकट और भागीदारी दी जाए।
समाज की एकजुटता और भविष्य की दिशा
बैठक में यह स्पष्ट संदेश दिया गया कि अब पासवान समाज को अपनी ताकत पहचाननी होगी।
यदि 50,000 वोट एकजुट होकर किसी एक दिशा में पड़ेंगे तो हाजीपुर विधानसभा का राजनीतिक भविष्य पूरी तरह बदल सकता है।
युवाओं, बुद्धिजीवियों और जनप्रतिनिधियों की एकजुटता से समाज को नई दिशा मिलेगी।
चुनौतियाँ
बैठक में यह भी स्वीकार किया गया कि समाज को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जैसे –
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जातीय विभाजन और आपसी मतभेद।
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राजनीति में बड़े दलों की उपेक्षा।
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शिक्षा और आर्थिक पिछड़ापन।
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सरकारी योजनाओं का सही लाभ न मिलना।
इन चुनौतियों को दूर करने के लिए सामूहिक रणनीति की आवश्यकता बताई गई।
हाजीपुर में आयोजित पासवान समाज की यह बैठक न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण रही बल्कि इससे समाज की एकजुटता और जागरूकता का भी पता चला।
मनोरंजन पासवान और अन्य नेताओं ने यह साबित कर दिया कि अब पासवान समाज अपनी उपेक्षा सहन नहीं करेगा।
50,000 वोटरों की ताकत यदि सही दिशा में प्रयोग की गई तो हाजीपुर विधानसभा में पासवान समाज की भूमिका निर्णायक होगी।
इस बैठक से यह स्पष्ट हो गया कि आने वाले चुनावों में पासवान समाज अपनी मांगों और अधिकारों को लेकर निर्णायक भूमिका निभाएगा।

