जमीन रजिस्ट्री हुई पूरी तरह डिजिटल: अब रजिस्ट्री के 15 मिनट बाद मोबाइल पर मिलेगा दस्तावेज लिंक
सिटी रिपोर्टर | हाजीपुर
बिहार सरकार के निबंधन विभाग ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए भूमि रजिस्ट्री को पूरी तरह डिजिटल बना दिया है। अब रजिस्ट्री के तुरंत बाद ही संबंधित दस्तावेज मोबाइल पर लिंक के माध्यम से प्राप्त किए जा सकते हैं। इससे रजिस्ट्री के बाद दस्तावेजों के लिए कार्यालयों के चक्कर काटने की पुरानी समस्या से लोगों को राहत मिलेगी। यह पहल न केवल प्रक्रिया को सरल बनाएगी, बल्कि पारदर्शिता और दक्षता को भी बढ़ावा देगी।
🔹 रजिस्ट्री के 15 मिनट बाद ही मोबाइल पर मिलेगा लिंक
जिला अवर निबंधक पदाधिकारी धनञ्जय कुमार राव ने जानकारी दी कि अब भूमि रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी होने के 10-15 मिनट बाद ही क्रेता और विक्रेता के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक डिजिटल लिंक भेजा जाएगा। इस लिंक पर क्लिक कर के वे रंगीन दस्तावेज को अपने मोबाइल में डाउनलोड कर सकते हैं।
अब दस्तावेज प्राप्त करने के लिए किसी को निबंधन कार्यालय जाने की जरूरत नहीं होगी। यह लिंक सुरक्षित होता है और इसे डाउनलोड कर प्रिंट आउट भी निकाला जा सकता है।
🔹 डिजिलॉकर में दस्तावेज संग्रह की सुविधा
डिजिटली मिले दस्तावेज को लोग डिजिलॉकर में भी स्टोर कर सकते हैं, जिससे यह हमेशा के लिए सुरक्षित रहेगा। डिजिलॉकर का इस्तेमाल सरकारी कार्यों में डिजिटल दस्तावेज के रूप में मान्य है।
इस पहल से यह सुनिश्चित होता है कि दस्तावेज कभी गुम न हो और नागरिक कभी भी, कहीं से भी इसकी प्रमाणित प्रति प्राप्त कर सकें।
🔹 स्कैनिंग से दस्तावेज होंगे हूबहू अपलोड
धनञ्जय कुमार राव के अनुसार, क्रेता और विक्रेता द्वारा रजिस्ट्री के समय जो दस्तावेज जमा किए जाते हैं, उन्हें हूबहू स्कैन कर ऑनलाइन अपलोड किया जा रहा है। इससे दस्तावेजों की मूलता और वैधता बनी रहती है।
डिजिटली स्कैन दस्तावेज का रिकॉर्ड सरकारी सर्वर पर भी सुरक्षित होता है, जिससे किसी भी विवाद या जरूरत की स्थिति में उसका त्वरित उपयोग किया जा सकता है।
🔹 नई व्यवस्था से लोगों को मिल रही सहूलियत
यह नई प्रक्रिया रजिस्ट्री कराने वालों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है। अब उन्हें न तो किसी दलाल के पास जाने की जरूरत है और न ही कई दिनों तक रजिस्ट्री ऑफिस के चक्कर लगाने पड़ते हैं।
एक क्लिक में रंगीन दस्तावेज मिल जाना, लोगों के समय और पैसे दोनों की बचत करता है। साथ ही तकनीक की मदद से प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और प्रभावी बन गई है।
🔹 10 दिन पहले शुरू हुई थी यह नई व्यवस्था
हाजीपुर में जिला अवर निबंधन कार्यालय में यह नई व्यवस्था 10 दिन पूर्व शुरू की गई थी और अब तक कई रजिस्ट्री में इसका सफलतापूर्वक प्रयोग हो चुका है।
लोगों से मिली प्रतिक्रिया के अनुसार, यह सुविधा बेहद उपयोगी और सुविधाजनक साबित हो रही है।
🔹 निबंधन विभाग का डिजिटल मिशन
निबंधन विभाग ने जमीन के दस्तावेजों को डिजिटल करने का लक्ष्य तीन चरणों में निर्धारित किया है। इस मिशन की शुरुआत अप्रैल 2025 से हुई थी, जिसमें चयनित एजेंसी के द्वारा दस्तावेजों का डिजिटाइजेशन किया जा रहा है।
इस प्रक्रिया के तहत:
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पहले चरण में हाल के रजिस्ट्री दस्तावेजों को डिजिटल किया जा रहा है।
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दूसरे चरण में पुराने रजिस्ट्री दस्तावेजों को स्कैन और अपलोड किया जाएगा।
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तीसरे चरण में इन सभी दस्तावेजों को एक केंद्रीकृत डेटाबेस से जोड़ दिया जाएगा।
🔹 50 से अधिक दस्तावेज होंगे इस महीने ऑनलाइन
निबंधन विभाग के अनुसार, जुलाई 2025 के अंत तक 50 से अधिक दस्तावेजों को डिजिटल रूप में ऑनलाइन किया जाएगा। इससे नागरिकों को जमीन से संबंधित जानकारी ऑनलाइन मिलने लगेगी।
लोग अपने मोबाइल या कंप्यूटर से जमीन की रजिस्ट्री, स्थिति, और दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति कभी भी देख और डाउनलोड कर सकेंगे।
🔹 क्यों है यह सुविधा महत्वपूर्ण?
इस नई डिजिटल व्यवस्था के अनेक लाभ हैं:
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✔️ पारदर्शिता: हर प्रक्रिया ऑनलाइन ट्रैक की जा सकती है।
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✔️ भ्रष्टाचार पर अंकुश: बिचौलियों की भूमिका कम होगी।
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✔️ सुविधा: दस्तावेज तुरंत प्राप्त हो जाएंगे।
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✔️ समय की बचत: न रजिस्ट्री ऑफिस जाना, न लाइन में लगना।
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✔️ डिजिलॉकर संग्रहीत: दस्तावेज हमेशा सुरक्षित रहेंगे।
🔹 भविष्य में क्या होंगे विस्तार?
भविष्य में इस प्रणाली को और भी मजबूत बनाने के लिए:
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मोबाइल ऐप के माध्यम से सीधे दस्तावेज डाउनलोड की सुविधा दी जाएगी।
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पुरानी रजिस्ट्री को भी रेट्रोस्पेक्टिवली डिजिटल किया जाएगा।
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ग्रामीण क्षेत्र में भी यह व्यवस्था लागू की जाएगी।
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भूमि विवादों के त्वरित समाधान के लिए रजिस्ट्री और दाखिल-खारिज को जोड़ा जाएगा।
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भूमि निबंधन को डिजिटल करने की दिशा में बिहार का यह कदम टेक्नोलॉजी-आधारित सुशासन का उत्कृष्ट उदाहरण है। इससे आम नागरिकों की समस्याएं तो कम होंगी ही, साथ ही राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर जनता का विश्वास भी बढ़ेगा।
डिजिटल इंडिया के सपनों को साकार करने की दिशा में यह पहल मील का पत्थर साबित हो सकती है।
लेखक: सिटी रिपोर्टर | हाजीपुर रूपेश कुमार सिंह
शीर्षक सुझाव:
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"रजिस्ट्री के बाद सिर्फ 15 मिनट में मोबाइल पर दस्तावेज – हाजीपुर में शुरू हुई डिजिटल सुविधा"
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"अब जमीन के कागजात नहीं होंगे गायब – डिजिलॉकर में पाएं रंगीन प्रति"

