केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान का उद्धव-राज ठाकरे पर तीखा हमला: “राजनीतिक जमीन बचाने के लिए मंच साझा कर रहे हैं”
✍ रिपोर्ट: रूपेश कुमार सिंह, SG NEWS | हाजीपुर, वैशाली,
ठाकरे भाइयों की जोड़ी पर चिराग पासवान का तीखा प्रहार
वैशाली जिला के हाजीपुर दौरे पर पहुंचे केंद्रीय मंत्री व लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान ने शिवसेना (उद्धव गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे पर तीखा हमला बोला।
हाल ही में दोनों ठाकरे भाइयों द्वारा एक साथ मंच साझा करने पर चिराग पासवान ने राजनीतिक महत्वाकांक्षा, खोई हुई जमीन और विरासत की दुहाई देते हुए दोनों को आड़े हाथों लिया।
ठाकरे भाइयों के मंच साझा करने पर तंज
चिराग पासवान ने कहा:
“उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने अपनी राजनीतिक जमीन खो दी है। बाला साहब ठाकरे ने जो विरासत उन्हें सौंपी थी, वे उसे संभाल नहीं सके। अब जब जमीन खिसक रही है तो दोनों को मंच साझा करना पड़ रहा है। यह भाषा या विचारधारा के लिए नहीं, बल्कि राजनीतिक लाभ के लिए साथ आए हैं।”
उन्होंने कहा कि ठाकरे बंधु केवल अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए मंच साझा कर रहे हैं, न कि किसी व्यापक जनहित के उद्देश्य से।
"क्या मनभेद भी मिटे हैं, या सिर्फ मतभेद?"
चिराग पासवान ने सवाल उठाया कि भले ही दोनों ने राजनीतिक मतभेद भुला दिए हों, लेकिन क्या मनभेद भी खत्म हो चुके हैं?
“तस्वीरें खिंचवाने से दिल नहीं मिलते। ठाकरे बंधुओं की एक साथ उपस्थिति केवल एक फोटो-ऑप है। दोनों को जनता के सवालों का जवाब देना होगा कि इतने वर्षों तक अलग रहकर अब साथ आने का क्या कारण है?”
चिराग का इशारा: विरासत के उत्तराधिकारी या राजनीतिक अवसरवादी?
चिराग पासवान ने साफ तौर पर कहा कि बाला साहब ठाकरे की विरासत को उनके उत्तराधिकारियों ने कमजोर किया है।
उन्होंने कहा:
“बाला साहब एक विचार थे, एक आंदोलन थे। लेकिन आज उनके नाम पर राजनीति करने वाले लोग सत्ता की चकाचौंध में उस विचारधारा से भटक गए हैं।”
बिहार की कानून व्यवस्था पर विपक्ष के हमलों का जवाब
जब चिराग पासवान से बिहार में हालिया आपराधिक घटनाओं और विपक्ष द्वारा कानून-व्य1वस्था पर सवाल उठाने की बात की गई, तो उन्होंने पलटवार करते हुए कहा:
“बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाने वालों को पहले महाराष्ट्र की स्थिति देखनी चाहिए, जहाँ महिलाएं, व्यापारी और पत्रकार तक सुरक्षित नहीं हैं।”
उन्होंने विपक्ष को दोहरे मापदंड अपनाने से बचने की सलाह दी और कहा कि कानून व्यवस्था का सवाल केवल आलोचना के लिए नहीं, समाधान के लिए होना चाहिए।
ठाकरे परिवार में राजनीतिक समीकरण: अतीत और वर्तमान
बाला साहब ठाकरे की विरासत
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महाराष्ट्र में शिवसेना की स्थापना करने वाले बाला साहब ठाकरे ने मराठी अस्मिता और हिंदुत्व के मुद्दों को लेकर जनसमर्थन अर्जित किया था।
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बाला साहब की लोकप्रियता के कारण पार्टी एक आंदोलन से राजनीतिक दल बनी।
उद्धव बनाम राज: विरासत की लड़ाई
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बाला साहब की मृत्यु के बाद उद्धव ठाकरे ने शिवसेना की कमान संभाली, जबकि राज ठाकरे ने अलग होकर मनसे बनाई।
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वर्षों तक दोनों भाइयों में राजनीतिक स्पर्धा और कटुता बनी रही।
अब मंच साझा क्यों?
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हाल ही में उद्धव और राज की एक साथ मंच पर उपस्थिति ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
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चिराग पासवान सहित कई विश्लेषकों का मानना है कि यह राजनीतिक गणित को साधने की कोशिश है।
चिराग की राजनीतिक रणनीति: एनडीए के भीतर मजबूत पकड़
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चिराग पासवान का यह बयान ऐसे समय में आया है जब वे बिहार में एनडीए के भीतर खुद को मजबूत करने की कोशिश में हैं।
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ठाकरे परिवार पर निशाना साधकर उन्होंने हिंदुत्व और विरासत की राजनीति में खुद को प्रासंगिक बनाए रखने की कोशिश की है।
राजनीति का नया समीकरण: क्षेत्रीय विरासत बनाम राष्ट्रीय छवि
यह बयान यह भी दिखाता है कि आज के दौर की राजनीति में विरासत और छवि के टकराव में कौन किस तरह मुद्दों को भुना रहा है।
चिराग पासवान जैसे युवा नेता राजनीतिक वंशवाद को चुनौती नहीं देते, लेकिन उसके प्रदर्शन को लेकर जरूर सवाल उठाते हैं।
📍 SG NEWS विशेष रिपोर्ट | संवाददाता – रूपेश कुमार सिंह
📅 तिथि – 6 जुलाई 2025 | स्थान – हाजीपुर, बिहार

