शिक्षा और समावेशन की दिशा में एक सशक्त पहल: दिघी में शिक्षक-अभिभावक बैठक में शामिल हुईं डीएम वर्षा सिंह

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शिक्षा और समावेशन की दिशा में एक सशक्त पहल: दिघी में शिक्षक-अभिभावक बैठक में शामिल हुईं डीएम वर्षा सिंह

रिपोर्ट: रूपेश कुमार सिंह, SG NEWS






शिक्षा, संवेदना और समावेशन का संगम बना आदर्श मध्य विद्यालय दिघी

बिहार के वैशाली जिले में शिक्षा और सामाजिक समावेशन की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल देखने को मिली। दिनांक 5 जुलाई 2025 को जिला पदाधिकारी (DM) श्रीमती वर्षा सिंह ने हाजीपुर प्रखंड के आदर्श मध्य विद्यालय दिघी में आयोजित शिक्षक-अभिभावक बैठक में भाग लिया। इस अवसर पर न सिर्फ शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर संवाद हुआ, बल्कि दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष शिविर का आयोजन भी किया गया, जिससे इस कार्यक्रम की सार्थकता और भी गहरी हो गई।





शिक्षक-अभिभावक बैठक: संवाद और विश्वास का मंच

कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय परिसर में शिक्षक-अभिभावक बैठक के साथ हुई, जिसमें डीएम श्रीमती वर्षा सिंह की उपस्थिति ने कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए।

विद्यालय के शिक्षकगण, बच्चों और उनके अभिभावकों ने जिला प्रशासन के इस कदम का हृदय से स्वागत किया। बच्चों के साथ संवाद करते हुए डीएम ने उनकी पढ़ाई, रुचियों, और भविष्य के सपनों पर चर्चा की।

डीएम वर्षा सिंह का वक्तव्य:

"बच्चों की शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि उन्हें चरित्रवान, आत्मनिर्भर और संवेदनशील नागरिक बनाना हमारी प्राथमिकता है।"


बच्चों को टॉफी और पुस्तकें भेंट, बच्चों में उमंग

डीएम ने मौके पर मौजूद बच्चों को प्रेरणा स्वरूप पुस्तकें और टॉफियां भी भेंट कीं।
बच्चों की आंखों में खुशी और उत्साह साफ देखा जा सकता था।
विद्यालय की कक्षा 5 की छात्रा श्रेया कुमारी ने कहा:

"आज पहली बार किसी अफसर से ऐसे बात करने का मौका मिला, बहुत अच्छा लगा।"


दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष शिविर: सहानुभूति से सहभागिता तक

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष शिविर रहा, जिसका उद्घाटन भी जिलाधिकारी वर्षा सिंह ने किया।

इस शिविर में कुल:

  • 50 बच्चों को ट्राई साइकिल

  • 30 बच्चों को व्हीलचेयर

  • 4 बच्चों को एमआर किट (Mental Retardation Support Kit) प्रदान किया गया।

यह एक ऐतिहासिक पहल रही, जिसने यह दिखा दिया कि वैशाली जिला प्रशासन सिर्फ योजनाओं पर नहीं, जमीनी क्रियान्वयन पर विश्वास करता है।


माता-पिता को प्रशस्ति पत्र: एक नवाचार की शुरुआत

इस आयोजन में जिला प्रशासन ने एक मानवीय और अभिनव पहल की शुरुआत की।
दिव्यांग बच्चों के माता-पिता को ‘प्रशस्ति पत्र’ देकर उनके समर्पण और संघर्ष को सम्मानित किया गया।

डीएम ने कहा:

"आप माता-पिता समाज के असली नायक हैं। आपने जिस साहस और धैर्य के साथ अपने बच्चों की परवरिश की, वह सबके लिए प्रेरणादायक है। प्रशासन हर मोर्चे पर आपके साथ है।"


सहयोगी संस्थाओं और प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति

कार्यक्रम में जिला शिक्षा पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, चिकित्सा अधिकारी, सामाजिक सुरक्षा विभाग के अधिकारी, पंचायत प्रतिनिधि, और दर्जनों सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में इस आयोजन की सराहना की और कहा कि इस तरह के कार्यक्रम सकारात्मक सामाजिक बदलाव का माध्यम बनते हैं।


समाज में संदेश: समावेशी विकास ही सच्चा विकास है

यह आयोजन सिर्फ एक सरकारी औपचारिकता नहीं, बल्कि समाज को एक बड़ा संदेश देने वाला था –
कि शिक्षा, संवेदना और समावेशन साथ मिलकर ही ‘सबका साथ, सबका विकास’ का वास्तविक रूप गढ़ते हैं।


स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया: उम्मीद और भरोसे का वातावरण

स्थानीय अभिभावक श्री राजेश प्रसाद ने कहा:

"पहली बार किसी डीएम को इतने आत्मीय भाव से बच्चों और हम लोगों से बात करते देखा। यह भरोसा दिलाता है कि हमारा प्रशासन संवेदनशील है।"

विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने भी कहा कि इस तरह के संवादों से विद्यालयों की कार्यशैली, शिक्षक-छात्र संबंध और शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर होती है।




📍 SG NEWS विशेष संवाददाता – रूपेश कुमार सिंह
🗓️ तिथि – 05 जुलाई 2025 | स्थान – दिघी, वैशाली




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