बिहार को चुनावी वर्ष में मिला नीतीश कुमार से एक और बड़ा तोहफा: कच्ची दरगाह-बिदुपुर सिक्स लेन गंगा पुल का लोकार्पण

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बिहार को चुनावी वर्ष में मिला नीतीश कुमार से एक और बड़ा तोहफा: कच्ची दरगाह-बिदुपुर सिक्स लेन गंगा पुल का लोकार्पण

 5000 करोड़ की लागत से बनी ऐतिहासिक परियोजना, उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ेगा नया वैकल्पिक मार्ग







बिहार के विकास की कड़ी में एक और सुनहरा अध्याय जुड़ गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज जनता को कच्ची दरगाह-बिदुपुर सिक्स लेन गंगा पुल का ऐतिहासिक तोहफा दिया। इस भव्य परियोजना का लोकार्पण समारोह आज भव्यता के साथ आयोजित किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री ने स्वयं जनता को यह बहुप्रतीक्षित पुल समर्पित किया।

यह परियोजना न सिर्फ राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती प्रदान करती है, बल्कि बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों, खासकर राघोपुर और बिदुपुर जैसे इलाकों में कृषि, चिकित्सा, उद्योग और व्यापार को नई गति प्रदान करने वाली है।



5000 करोड़ की लागत से बना ‘जीवनरेखा’ 

कच्ची दरगाह-बिदुपुर सिक्स लेन पुल परियोजना एक महत्त्वाकांक्षी और तकनीकी दृष्टिकोण से उन्नत पुल है, जिसकी कुल लागत 5000 करोड़ रुपये है। इसमें से:

  • 3000 करोड़ रुपये एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) से ऋण के रूप में प्राप्त किया गया।

  • शेष 2000 करोड़ रुपये बिहार सरकार ने अपने बजट से वहन किया।

यह पुल गंगा नदी पर बना है, और इसका उद्देश्य उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच सुगम सड़क संपर्क प्रदान करना है। 6 लेन वाला यह पुल आधुनिक तकनीकों से लैस है, जो आने वाले दशकों तक यातायात की सभी चुनौतियों को झेलने में सक्षम रहेगा।






बिहार को मिला एक और वैकल्पिक मार्ग

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि यह पुल केवल एक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि "जनता की ज़रूरत और आकांक्षा का उत्तर" है।

महात्मा गांधी सेतु पर यातायात का अत्यधिक दबाव है, जिससे लोगों को अक्सर जाम और परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में यह सिक्स लेन पुल एक वैकल्पिक मार्ग के रूप में सामने आया है, जिससे:

  • यातायात भार में कमी आएगी

  • राघोपुर, बिदुपुर, समस्तीपुर और वैशाली जैसे इलाकों से पटना की दूरी घटेगी

  • दियारा क्षेत्र को वर्ष भर सड़क संपर्क उपलब्ध होगा


राघोपुर और बिदुपुर के लोगों के लिए वरदान

बिहार के दियारा क्षेत्र, खासकर राघोपुर और बिदुपुर के लोगों के लिए यह पुल ‘जीवनरेखा’ से कम नहीं है। वर्षों से ये क्षेत्र बाढ़ और सीमित संपर्क के कारण विकास से पीछे रहे हैं। अब यह पुल:

  • कृषि उत्पादों को पटना जैसे बड़े बाजार तक आसानी से पहुंचाएगा

  • आपातकालीन चिकित्सा सेवा सुलभ होगी

  • छात्रों, कर्मचारियों और व्यापारियों के लिए आसान आवागमन सुनिश्चित करेगा

  • स्थानीय रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विकास मॉडल

नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा:

"हमारा प्रयास हमेशा से रहा है कि राज्य में ऐसी सड़कों और पुलों का निर्माण किया जाए जो न केवल भौगोलिक दूरी को कम करें, बल्कि लोगों के जीवन को भी आसान बनाएं।"

उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने हाल के वर्षों में सड़कों और पुलों के निर्माण में अभूतपूर्व प्रगति की है और यह पुल उसी श्रृंखला की एक महत्वपूर्ण कड़ी है।



स्वास्थ्य, शिक्षा और व्यापार को मिलेगा नया आयाम

इस पुल के लोकार्पण के साथ ही राघोपुर और आस-पास के इलाकों में:

  • स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ेगी, क्योंकि मरीज अब बिना नाव या लंबी दूरी के सीधे सड़क मार्ग से राजधानी के अस्पताल पहुंच पाएंगे।

  • छात्रों को बेहतर शिक्षण संस्थानों तक पहुंच में आसानी होगी

  • व्यापारियों और किसानों को पटना और अन्य प्रमुख मंडियों से सीधा संपर्क मिलेगा

इससे समग्र सामाजिक और आर्थिक विकास को बल मिलेगा।


स्थानीय जनता में उत्साह की लहर

पुल के उद्घाटन की खबर मिलते ही स्थानीय निवासियों में खुशी की लहर दौड़ गई। बड़ी संख्या में लोग लोकार्पण समारोह में शामिल हुए। ग्रामीणों ने कहा कि वर्षों बाद उन्हें ऐसा महसूस हुआ कि सरकार ने उनकी असली जरूरत को समझा और पूरा किया

स्थानीय युवा इसे अपने क्षेत्र के उज्जवल भविष्य के रूप में देख रहे हैं। उनका मानना है कि अब शिक्षा, रोजगार और कारोबार के लिए शहर जाना और वापस आना बहुत आसान हो जाएगा।


चुनावी वर्ष में बड़ा दांव, लेकिन जनहित में उपयोगी

यह पुल ऐसे समय में उद्घाटित किया गया है जब बिहार में विधानसभा चुनाव का माहौल शुरू हो चुका है। जाहिर है, नीतीश कुमार की सरकार इसे जनहित में उठाया गया एक बड़ा कदम मान रही है। हालांकि विपक्ष इसे चुनावी दांव कह सकता है, लेकिन जनता की सुविधा और विकास इस उद्घाटन को सही ठहराते हैं।


 एक नई दिशा की ओर बढ़ता बिहार

कच्ची दरगाह-बिदुपुर सिक्स लेन गंगा पुल का निर्माण और उद्घाटन बिहार की विकास यात्रा में एक मील का पत्थर है। यह सिर्फ एक पुल नहीं, बल्कि:

  • गांव से शहर की दूरी को पाटने वाली राह

  • गरीबों और किसानों के सपनों को संबल देने वाला संसाधन

  • स्वास्थ्य, शिक्षा, व्यापार और पर्यटन की गति को रफ्तार देने वाला आधारभूत ढांचा है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा जनता को समर्पित यह पुल, निश्चित रूप से आने वाले वर्षों में बिहार के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को बदलने की क्षमता रखता है।


Writen by RUPESH KUMAR SINGH DIRECTOR SGNEWS OFFICIAL।





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