वैशाली में दर्दनाक हादसा: कुएं में डूबने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत

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वैशाली में दर्दनाक हादसा: कुएं में डूबने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत


जहांगीरपुर गांव में मातम, सुरक्षा उपायों की मांग तेज



पोस्मार्टम हाउस हाजीपुर फाइल फोटो 



बिहार के वैशाली जिले के चांदपुरा थाना क्षेत्र के जहांगीरपुर गांव में एक बेहद दर्दनाक और दिल दहला देने वाला हादसा सामने आया है। एक ही परिवार के तीन सदस्यों की कुएं में डूबने से मौत हो गई। यह घटना न केवल परिवार के लिए, बल्कि पूरे गांव के लिए एक अपूरणीय क्षति है। हादसा उस समय हुआ जब 60 वर्षीय बुजुर्ग बिंदेश्वर राय कुएं की सफाई कर रहे थे और अचानक चचरी (लकड़ी की अस्थायी ढांचा) टूटने से कुएं में गिर गए। उन्हें बचाने के लिए उनके दो भतीजे भी कुएं में उतरे, लेकिन तीनों की जान नहीं बचाई जा सकी।



हादसे की पूरी कहानी

जहांगीरपुर गांव में उस समय कोहराम मच गया जब बिंदेश्वर राय अपने घर के पुराने कुएं की सफाई के दौरान लगे जंगल को हटाने में लगे थे। इसी दौरान कुएं के ऊपर बनी अस्थायी चचरी अचानक टूट गई और वे सीधे गहरे कुएं में जा गिरे। जब वे काफी देर तक नहीं लौटे, तो पहले उनके भतीजे विकास राय और फिर दूसरा भतीजा शैलेन्द्र राय उन्हें बचाने के उद्देश्य से कुएं में उतर गए।

दुर्भाग्यवश, कुएं की गहराई और अंदर की विषम परिस्थितियों के कारण वे भी डूब गए और तीनों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। यह हादसा इतना अचानक हुआ कि लोग कुछ समझ पाते, उससे पहले ही परिवार की तीन जिंदगियां खत्म हो चुकी थीं।







मृतकों की पहचान


इस त्रासदी में जिन लोगों की जान गई, वे एक ही परिवार के सदस्य हैं। मृतकों की पहचान निम्नलिखित रूप में हुई है:


बिंदेश्वर राय (60 वर्ष)** – परिवार के बुजुर्ग सदस्य।

विकास राय (30 वर्ष)** – बिंदेश्वर राय के भतीजे।

शैलेन्द्र राय (25 वर्ष)** – बिंदेश्वर राय के छोटे भाई के पुत्र

यह सभी ग्रामीण किसान परिवार से संबंध रखते थे और आमदनी के सीमित साधनों के बावजूद मेहनतकश जीवन जीते थे।






प्रशासनिक अधिकारियों की तत्परता

घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग तुरंत हरकत में आए और पुलिस को खबर दी। चांदपुरा थाना प्रभारी अभिषेक कुमार, देसरी थाना प्रभारी चंदन, अंचलाधिकारी, जिला परिषद सदस्य मोहित पासवान और मुखिया नागेंद्र राय मौके पर पहुंचे। राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया, लेकिन कुएं की गहराई और जटिल स्थिति के कारण शवों को निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।

शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए हाजीपुर सदर अस्पताल भेजा गया और प्रशासन ने पूरे मामले की गहराई से जांच की बात कही है।


गांव में छाया मातम

जहांगीरपुर गांव में यह हादसा मानो एक काल बनकर टूटा है। पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। परिजनों की चीत्कार और गांववालों की आंसूभरी आंखें उस दर्द को बयान करती हैं, जिसे शब्दों में पिरोना मुश्किल है। एक ही परिवार के तीन लोगों की एक साथ मौत ने पूरे समुदाय को हिलाकर रख दिया है।



स्थानीय लोगों की नाराजगी और मांग


ग्रामीणों का कहना है कि यह हादसा एक लापरवाही का नतीजा है। जिस कुएं में यह हादसा हुआ, वह कई साल पुराना और असुरक्षित था। ऊपर से लकड़ी की चचरी भी कमजोर थी, जिस पर ध्यान नहीं दिया गया। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि गांवों में ऐसे सभी खुले और असुरक्षित कुओं को ढकने या बंद करने की दिशा में तत्काल कदम उठाए जाएं।

उन्होंने चेताया कि यदि ऐसे हादसों से सबक नहीं लिया गया, तो भविष्य में और भी परिवार इस प्रकार की त्रासदी के शिकार हो सकते हैं।



सरकारी सहायता और आश्वासन

प्रशासनिक अधिकारियों ने पीड़ित परिवार को त्वरित सहायता देने का आश्वासन दिया है। अंचल अधिकारी ने बताया कि राहत कोष से मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। साथ ही, सरकार द्वारा निर्धारित योजना के अंतर्गत आश्रितों को आर्थिक मदद और अन्य लाभ दिए जाएंगे।




जहांगीरपुर गांव की यह घटना एक अत्यंत दुखद और आंखें खोलने वाली त्रासदी है। एक साथ तीन लोगों की मौत ने न केवल परिवार को उजाड़ दिया, बल्कि पूरे गांव को गहरे शोक में डुबो दिया है। यह हादसा दर्शाता है कि जीवन की सुरक्षा के लिए छोटी-छोटी सावधानियों की कितनी अहमियत होती है।

अब ज़रूरत है कि प्रशासन, समाज और आमजन मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं – चाहे वह कुओं को ढकना हो, सुरक्षा उपाय अपनाना हो, या लोगों को जागरूक करना हो। यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी उन जिंदगियों के लिए जो दूसरों को बचाने के प्रयास में खुद मिट गईं।


Writen by RUPESH KUMAR SINGH director SGNEWS official 



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