वैशाली जिले के पिरोई गांव की घटना, जेसीबी से निकाला गया शव,
बिहार के वैशाली जिले से एक दर्दनाक खबर सामने आई है जहाँ **तेज आंधी-तूफान** ने जमकर कहर बरपाया। शुक्रवार की अहले सुबह आई तेज आंधी के कारण कई पेड़ धराशायी हो गए, जिससे जन-धन की क्षति हुई है। सबसे दुखद हादसा महुआ अनुमंडल क्षेत्र के **गोरौल थाना अंतर्गत पिरोई गांव** में हुआ, जहाँ एक **विशाल बरगद का पेड़** उखड़कर एक झोपड़ीनुमा घर पर गिर गया।
🌳 झोपड़ी पर गिरा विशाल बरगद का पेड़
प्राप्त जानकारी के अनुसार, गांव में स्थित एक **पुराना और विशाल बरगद का पेड़** तेज आंधी के कारण जड़ से उखड़ गया और वह सीधे एक झोपड़ीनुमा बथान (आंगन के किनारे बना अस्थायी घर पर गिर पड़ा। दुर्भाग्यवश, उसी झोपड़ी में 70 वर्षीय वृद्ध गेनालाल सिंह सो रहे थे।
पेड़ गिरते ही जोरदार आवाज हुई, जिससे आस-पास के लोग सहम गए और मौके पर दौड़ पड़े। जब लोगों ने देखा कि पूरा बरगद का पेड़ झोपड़ी पर गिरा हुआ है, तो उनके होश उड़ गए। जब अंदर जाकर देखा गया तो गेनालाल सिंह की **बिस्तर पर ही मौत हो चुकी थी।
👮 पुलिस और जेसीबी की मदद से निकाला गया शव
घटना की सूचना तुरंत **गोरौल थाना** की पुलिस को दी गई। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। साथ ही **जेसीबी मशीन** मंगाई गई, ताकि पेड़ को हटाया जा सके।
कई घंटों की मशक्कत के बाद जेसीबी और ग्रामीणों की मदद से बरगद के **टहनियों को काटकर वृद्ध का शव बाहर निकाला गया**। शव की स्थिति देखकर साफ जाहिर हो रहा था कि उनकी मौत उसी समय दबने से हो गई थी।
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### 😢 परिजनों में मचा कोहराम
जैसे ही शव बाहर निकाला गया और यह पुष्टि हुई कि गेनालाल सिंह की मौत हो चुकी है, **परिजनों में कोहराम मच गया**। गांव का माहौल गमगीन हो गया। वृद्ध गेनालाल सिंह की मौत ने गांव के हर व्यक्ति को झकझोर कर रख दिया है।
वृद्ध काफी शांत स्वभाव और ग्रामीणों में सम्मानित व्यक्ति थे। उनका इस तरह असमय जाना पूरे गांव के लिए एक भारी क्षति है।
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### 🏥 शव को भेजा गया पोस्टमार्टम के लिए
पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया के तहत **शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल** भेज दिया है। थानाध्यक्ष ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस दर्दनाक घटना को लेकर प्रशासन भी संवेदनशील है और पीड़ित परिवार को यथासंभव सहायता देने की बात कही जा रही है।
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📷 तस्वीरों ने झकझोरा लोगों को
इस हादसे की तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद लोगों का दिल दहल गया। बिस्तर पर पड़े वृद्ध के शव की तस्वीरें यह बताने के लिए काफी हैं कि आंधी-तूफान की ताकत किस कदर खतरनाक हो सकती है।
तस्वीरें साफ दिखा रही हैं कि पेड़ के गिरने से झोपड़ी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी और अंदर सोए व्यक्ति को बाहर निकलने का कोई मौका नहीं मिला।
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🌿 प्राकृतिक आपदा या प्रशासनिक लापरवाही?
यह हादसा एक सवाल भी खड़ा करता है – क्या गांवों में पुराने और कमजोर हो चुके पेड़ों की **समय रहते छंटाई या हटाई नहीं की जानी चाहिए?** क्या ऐसी प्राकृतिक आपदाओं से जानमाल की रक्षा के लिए स्थानीय प्रशासन को पहले से तैयारी नहीं करनी चाहिए?
Writen by RUPESH KUMAR SINGH director SGNEWS EXCLUSIVE
