वैशाली: कटहल का कोवा खाने से गांव के 20 लोग बीमार, बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक अस्पताल में भर्ती
लावापुर नारायण वार्ड 7 की घटना, सदर अस्पताल हाजीपुर में चल रहा इलाज, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर
एक गांव, एक फल और 20 बीमार
बिहार के वैशाली जिले के महनार अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत लावापुर नारायण वार्ड 7 में शुक्रवार की शाम कटहल का कोवा (कच्चा भाग) खाने के बाद एक साथ 20 ग्रामीण बीमार पड़ गए। बीमार पड़ने वालों में बच्चे, महिलाएं, युवक और बुजुर्ग तक शामिल हैं। सभी मरीजों में बुखार, पेट दर्द और शरीर में अकड़न की शिकायत देखने को मिली।
शनिवार की शाम से ये लक्षण दिखने शुरू हुए, जिसके बाद परिजनों ने बीमारों को पहले महनार के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। वहां से प्राथमिक उपचार के बाद सभी मरीजों को सदर अस्पताल हाजीपुर रेफर कर दिया गया।
बीमारी की शुरुआत: कटहल का कोवा बना कारण
घटना की जानकारी देते हुए एक मरीज के परिजन मनीष कुमार राय ने बताया कि गांव के विजय कुमार राय की पत्नी आशा देवी ने अपने घर के पेड़ से कटे कटहल का कोवा तैयार किया था, जिसे उन्होंने गांव के कई लोगों के बीच बांटा। यही कोवा खाने के बाद लोगों में एक जैसे लक्षण दिखने लगे।
संभावना जताई जा रही है कि कोवा या तो पूरी तरह पक नहीं पाया था या फिर उसमें किसी तरह का संक्रमण मौजूद था। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि कच्चा कटहल ठीक से पकाया नहीं जाए या ज्यादा समय तक खुले में रखा जाए, तो वह विषाक्त हो सकता है।
बीमारों की सूची: सभी आयु वर्ग प्रभावित
इस खाद्य विषाक्तता की घटना में सबसे चिंताजनक बात यह रही कि बीमार पड़ने वालों में सभी आयु वर्ग के लोग शामिल हैं। इनमें से कुछ गंभीर हालत में भी पाए गए। नीचे प्रमुख बीमार व्यक्तियों की सूची दी गई है:
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6 वर्षीय सरस्वती कुमारी
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7 वर्षीय वैष्णवी कुमारी
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11 वर्षीय सुगम कुमार
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13 वर्षीय सत्यम कुमार
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15 वर्षीय राखी कुमारी और शबनम कुमारी
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19 वर्षीय अभिषेक कुमार
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29 वर्षीय बेवी देवी
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38 वर्षीय सीमा कुमारी
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53 वर्षीय आशा देवी
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55 वर्षीय शैल देवी
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70 वर्षीय रूपा देवी और सुशील देवी
इनके अलावा कुछ अन्य मरीजों को भी भर्ती किया गया है, जिनके नाम सामने नहीं आ सके हैं।
महनार से हाजीपुर रेफर, हालत स्थिर
जैसे ही बीमारी की सूचना फैली, गांव में हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों ने मरीजों को पहले महनार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, लेकिन मरीजों की संख्या और गंभीरता को देखते हुए सभी को सदर अस्पताल हाजीपुर रेफर कर दिया गया।
डॉक्टरों ने प्राथमिक तौर पर फूड प्वाइजनिंग (Food Poisoning) की आशंका जताई है और मरीजों का इलाज उसी आधार पर शुरू किया गया है। अस्पताल सूत्रों के अनुसार, फिलहाल सभी मरीजों की हालत स्थिर है, लेकिन सतर्कता के तौर पर 24 घंटे निगरानी में रखा गया है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया: जांच के आदेश
घटना की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम लावापुर गांव पहुंची। स्थानीय स्वास्थ्य पदाधिकारी ने खाद्य नमूनों की जांच के लिए सैंपल भेजने की बात कही है।
वैशाली के सिविल सर्जन ने कहा:
"यह सामूहिक खाद्य विषाक्तता का मामला प्रतीत हो रहा है। कटहल के कोवा की जांच करवाई जा रही है और सभी मरीजों को बेहतर इलाज दिया जा रहा है।"
प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि दोषी तत्व की पहचान के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों, इसके लिए जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
विशेषज्ञों की राय: क्या होता है फूड प्वाइजनिंग?
फूड प्वाइजनिंग यानी भोजन से विषाक्तता तब होती है जब कोई व्यक्ति संक्रमित या खराब हुए खाद्य पदार्थों का सेवन करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि कटहल का कोवा अगर अधिक देर तक खुले में रखा जाए या बिना ठीक से पकाए खाया जाए, तो उसमें बैक्टीरिया पनप सकते हैं। इससे उल्टी, दस्त, बुखार और शरीर में दर्द जैसे लक्षण उभर सकते हैं।
डॉ. अजय कुमार (गैस्ट्रो विशेषज्ञ, हाजीपुर) ने बताया:
“इस मामले में संभवतः कोवा में टॉक्सिन्स विकसित हो चुके थे, जिससे यह समस्या उत्पन्न हुई। समय रहते मरीजों को अस्पताल पहुंचा देना राहत की बात है।”
रिपोर्ट: SG NEWS डेस्क, वैशाली
तारीख: 28 जून 2025।


