खोपी पंचायत में 10 वर्षीय बालक की हत्या से मचा कोहराम, जेडीयू नेता रामनाथ रमन ने जताया शोक, परिजनों को दिलाया न्याय का भरोसा
जंदाहा प्रखंड की दर्दनाक घटना, पूर्व विधानसभा प्रत्याशी ने की परिवार से मुलाकात
मासूम की हत्या से सदमे में गांव
वैशाली जिले के जंदाहा प्रखंड अंतर्गत खोपी पंचायत में हाल ही में घटी एक हृदयविदारक घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। संतोष पासवान के मात्र 10 वर्षीय पुत्र की निर्मम हत्या कर दी गई, और उसका शव बाहर निर्जन स्थान पर फेंका हुआ मिला। मासूम के शव की बरामदगी के बाद से गांव में शोक और आक्रोश का माहौल है।
हत्या की गुत्थी बनी पहेली, पुलिस की जांच जारी
इस जघन्य अपराध के बाद, स्थानीय प्रशासन और पुलिस हरकत में आ गई है। मृतक का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया, और एफआईआर अज्ञात के खिलाफ दर्ज कर जांच प्रारंभ कर दी गई है।
अब तक की जांच में हत्या के पीछे का मकसद स्पष्ट नहीं हो पाया है। लेकिन पुलिस हर पहलु से जांच कर रही है – पारिवारिक रंजिश, व्यक्तिगत विवाद या अपराधिक साजिश।
गांव में मातम का माहौल, आंखों में आंसू और दिल में गुस्सा
10 साल के मासूम की अकल्पनीय हत्या ने खोपी पंचायत को सन्न कर दिया है। संतोष पासवान का परिवार शोक में डूबा हुआ है। मृतक की मां बार-बार बेहोश हो रही हैं, वहीं पिता संतोष पासवान की आंखों में अपने बेटे के खोने का असहनीय दर्द साफ झलक रहा है।
गांव के लोग इस घटना से स्तब्ध हैं, और सबकी जुबान पर बस एक ही सवाल है—"आख़िर उस मासूम का क्या दोष था?"
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिनिधियों का आगमन
इस घटना की जानकारी मिलने पर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के नेता और राजापाकड़ विधानसभा से पूर्व प्रत्याशी श्री रामनाथ रमन ने खोपी पहुंचकर शोक संतप्त परिवार से मुलाकात की। उन्होंने पीड़ित परिजनों को सांत्वना देते हुए हरसंभव सहायता और न्याय का आश्वासन दिया।
रामनाथ रमन ने कहा:
यह घटना अत्यंत दुखद और हृदयविदारक है। इस उम्र में जहां बच्चे खेलते-कूदते और पढ़ाई करते हैं, वहां किसी मासूम की हत्या समझ से परे है। हम प्रशासन से मांग करेंगे कि इस जघन्य हत्याकांड की त्वरित जांच कर दोषियों को कठोरतम सजा दिलाई जाए।"
सांत्वना के साथ-साथ कार्रवाई की मांग
रामनाथ रमन ने इस अवसर पर संबंधित पुलिस अधिकारियों से बात कर जांच में तेजी लाने की अपील की। उन्होंने कहा कि पुलिस को पारदर्शी और निष्पक्ष जांच करनी चाहिए, ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।
उन्होंने यह भी कहा कि वे इस मामले को लेकर प्रशासनिक स्तर से लेकर विधानमंडल तक आवाज उठाएंगे, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
न्याय के लिए एकजुट हो रहे हैं ग्रामीण
इस दर्दनाक घटना के बाद खोपी पंचायत के ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन से मांग की है:
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जांच की रफ्तार तेज की जाए
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परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए
ग्रामीणों ने कहा कि यह सिर्फ एक परिवार की नहीं, पूरे समाज की पीड़ा है, और अब चुप बैठने से कुछ नहीं होगा।
बाल सुरक्षा को लेकर फिर खड़े हुए सवाल
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या हमारा समाज बच्चों के लिए सुरक्षित है? मासूमों के खिलाफ बढ़ते अपराधों ने बाल सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरी को उजागर कर दिया है।
अधिकारियों और नीति निर्धारकों को अब इस दिशा में ठोस नीति बनानी होगी— ताकि ऐसे अपराध न केवल रोके जा सकें, बल्कि अपराधियों को त्वरित और कड़ी सजा मिले।
राजनीतिक इच्छा शक्ति बन सकती है बड़ा हथियार
रामनाथ रमन जैसे नेताओं द्वारा समय रहते पीड़ित परिवार के पास पहुंचना एक सकारात्मक पहल है। इससे यह संदेश जाता है कि राजनीतिक प्रतिनिधि जनता के दुःख-दर्द में साथ हैं।
यदि राजनेता अपने प्रभाव का उपयोग पीड़ितों को न्याय दिलाने में करें, तो प्रशासन पर दबाव बनेगा और निष्पक्षता भी सुनिश्चित होगी।
उम्मीद और जनसहभागिता की आवश्यकता
खोपी पंचायत में हुई 10 वर्षीय बालक की हत्या न केवल एक पारिवारिक त्रासदी है, बल्कि समाज के सामने एक गंभीर चुनौती और प्रश्न भी है। क्या हम अपने बच्चों को सुरक्षित माहौल दे पा रहे हैं? क्या मासूमों की जिंदगी यूं ही किसी की साजिश का शिकार बनती रहेगी?
अब वक्त है कि प्रशासन, समाज और राजनीति तीनों मिलकर अपराध के खिलाफ एकजुट हों।
रामनाथ रमन की पहल एक उम्मीद की किरण है, लेकिन जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा। उम्मीद की जाती है कि सरकार, प्रशासन और न्याय प्रणाली इस मामले को गंभीरता से लेगी और मासूम की आत्मा को सच्चा न्याय मिलेगा।
Writen by RUPESH KUMAR SINGH DIRECTOR SGNEWS OFFICIAL


